'समाज के उत्थान के लिए कला का उत्थान जरूरी'-शेट्टी
मूमल नेटवर्क, जयपुर। 'समाज के उत्थान के लिए कला का उत्थान जरूरी है। अगर कला का उत्थान नहीं तो इतिहास गवाह है कि समाज का उत्थान भी अवरुद्ध हो जाता है।' यह शब्द थे केन्द्रिय ललित कला अकादमी के प्रशासक सी.एस. शेट्टी के। अवसर था राजस्थान ललित कला अकादमी के 20वें कला मेले के उद्घाटन समारोह का। इस समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए सी.एस. शेट्टी ने कहा कि, राजस्थान की कला उन्नत व सराहनीय है। उन्होने राजस्थान की पहचान यहां की पारम्परिक कलाओं व मिनिएचर आर्ट के बारे में अपने विचार व्यक्त किये। अपने वक्तव्य में शेट्टी ने कला बाजार के बारे में कहा कि कला डीलर, कला बायर व कलाकार यदि एक ही मंच पर हो तो आयोजन की सार्थकता बढ़ जाती है।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में मेयर अशोक लाहोटी ने कहा कि यहां आने से पहले मैने सोचा था कि यह मेला आम मेलों की तरहा होगा। लेकिन कला जगत के बड़े-बड़े लोगों का एक ही जगह पर होना आश्र्चचकित करने वाला है जो मैने पहले कभी नहीं देखा। उन्होने कहा कि इतने बड़े कलाकारों के बीच मैं एक जमादार हूं। मै शहर की सफाई के बारे में अधिक जानकारी रखता हूं, कला के बारे में मेरी जानकारी कम है। परन्तु मैने महसूस किया है कि सफाई में भी कलाकारों का योगदान ज्यादा है।
मेयर अशोक लाहोटी ने आगे कहा कि राजस्थान कला व स्थापत्य की दृष्टि से धनवान है। कला मेले का यह आयोजन जरूर राजस्थान की कला का इतिहास रचेगा।
इस अवसर पर समारोह के अध्यक्ष व राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वेत गणनायक के साथ विशिष्ट अतिथि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के निदेशक मो. फुरकान खान ने भी अपने विचार रखे।
समारोह की शुरुआत में अकादमी अध्यक्ष डॉ. अश्विन एम. दलवी ने सभी उपस्थित अतिथियों, कलाकारों व कला दर्शकों का आभार व्यक्त किया और कला मेले के कार्यक्रम की भूमिका व रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि अकादमी की पत्रिका 'आकृति' के प्रकाशन को पुन: आरम्भ किया गया है।
कला मेला कमेटी के संयोजक डॉ. नात्थूलाल वर्मा ने कला मेले में सम्पन्न होने वाले कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर आकृति के विशेषांक का विमोचन किया गया। डॉ राजेश व्यास के संपादन में इस विशेषांक की लेखन सामग्री आज के परिपेक्ष्य में लोक व पारम्परिक कलाओं पर केन्द्रित की गई है।
समारोह का समापन पद्मश्री गुलाबो सपेरा व उनकी पार्टी के कालबेलिया नृत्य से हुआ जिसका उपस्थित जनों ने जी भर कर लुत्फ उठाया। यह मेला 8 जनवरी तक चलेगा।
मूमल नेटवर्क, जयपुर। 'समाज के उत्थान के लिए कला का उत्थान जरूरी है। अगर कला का उत्थान नहीं तो इतिहास गवाह है कि समाज का उत्थान भी अवरुद्ध हो जाता है।' यह शब्द थे केन्द्रिय ललित कला अकादमी के प्रशासक सी.एस. शेट्टी के। अवसर था राजस्थान ललित कला अकादमी के 20वें कला मेले के उद्घाटन समारोह का। इस समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए सी.एस. शेट्टी ने कहा कि, राजस्थान की कला उन्नत व सराहनीय है। उन्होने राजस्थान की पहचान यहां की पारम्परिक कलाओं व मिनिएचर आर्ट के बारे में अपने विचार व्यक्त किये। अपने वक्तव्य में शेट्टी ने कला बाजार के बारे में कहा कि कला डीलर, कला बायर व कलाकार यदि एक ही मंच पर हो तो आयोजन की सार्थकता बढ़ जाती है।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में मेयर अशोक लाहोटी ने कहा कि यहां आने से पहले मैने सोचा था कि यह मेला आम मेलों की तरहा होगा। लेकिन कला जगत के बड़े-बड़े लोगों का एक ही जगह पर होना आश्र्चचकित करने वाला है जो मैने पहले कभी नहीं देखा। उन्होने कहा कि इतने बड़े कलाकारों के बीच मैं एक जमादार हूं। मै शहर की सफाई के बारे में अधिक जानकारी रखता हूं, कला के बारे में मेरी जानकारी कम है। परन्तु मैने महसूस किया है कि सफाई में भी कलाकारों का योगदान ज्यादा है।
मेयर अशोक लाहोटी ने आगे कहा कि राजस्थान कला व स्थापत्य की दृष्टि से धनवान है। कला मेले का यह आयोजन जरूर राजस्थान की कला का इतिहास रचेगा।
इस अवसर पर समारोह के अध्यक्ष व राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वेत गणनायक के साथ विशिष्ट अतिथि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के निदेशक मो. फुरकान खान ने भी अपने विचार रखे।
समारोह की शुरुआत में अकादमी अध्यक्ष डॉ. अश्विन एम. दलवी ने सभी उपस्थित अतिथियों, कलाकारों व कला दर्शकों का आभार व्यक्त किया और कला मेले के कार्यक्रम की भूमिका व रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि अकादमी की पत्रिका 'आकृति' के प्रकाशन को पुन: आरम्भ किया गया है।
कला मेला कमेटी के संयोजक डॉ. नात्थूलाल वर्मा ने कला मेले में सम्पन्न होने वाले कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर आकृति के विशेषांक का विमोचन किया गया। डॉ राजेश व्यास के संपादन में इस विशेषांक की लेखन सामग्री आज के परिपेक्ष्य में लोक व पारम्परिक कलाओं पर केन्द्रित की गई है।
समारोह का समापन पद्मश्री गुलाबो सपेरा व उनकी पार्टी के कालबेलिया नृत्य से हुआ जिसका उपस्थित जनों ने जी भर कर लुत्फ उठाया। यह मेला 8 जनवरी तक चलेगा।
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