शनिवार, 31 मार्च 2018

ललित कला अकादमी के नए अध्यक्ष एम.एल. श्रीवास्तव

ललित कला अकादमी के नए अध्यक्ष  एम.एल. श्रीवास्तव
ललित कला अकादमी के नए अध्यक्ष का पदभार एम.एल श्रीवास्तव ने संभाल लिया है। इन्हें भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा संस्कृति मंत्री की सिफारिश पर यह नियुक्ति दी गई है। श्रीवास्तव 1989 बैच के आईएफएस ऑफिसर हैं। यह नव नालन्दा महावीर डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं। इन्होने अकादमी प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी से अकादमी कार्यालय का प्रभार लिया। पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति तक श्रीवास्तव इस पद का भार  सम्भालेंगे।

गुरुवार, 29 मार्च 2018

'कलर्स ऑफ़ द स्पिरिचुअल्टी' आज से

'कलर्स ऑफ़  द स्पिरिचुअल्टी' आज से
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। डॉ. अमिता खरे के चित्रों की प्रदर्शनी 'कलर्स ऑफ़  द स्पिरिचुअल्टी' का उद्घाटन आज शाम 6 बजे आल इंडिया फाइन आर्ट सोसाइटी में होगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ललित कला अकादमी के प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट़टी व विशेष अतिथिे के रूप में जयपुर आर्ट समिट के फाउण्डर शैलेन्द्र भट्ट उपस्थित रहेंगे। 
बी वी एम कॉलेज ग्वालियर के ललित कला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता खरे ने अपने चित्रों के रंगों के विभिन्न प्रयोग किये हैं जो सराहनीय हैं। रंगों की इस अनन्त यात्रा के बारे में शैलेन्द्र भट्ट ने मूमल को विशेष तौर पर बताया कि, भौतिक और भौगोलिक क्षेत्र में रंग सबसे सुंदर पहलुओं में से एक हैं। हम चारों तरफ  रंगों से घिरे हुए हैं, लेकिन कितनी बार हम असंख्य रंगों में कई बारीकियों को नहीं देख पाते हैं। आध्यात्मिक रूप से  रंग हमको आभा और ऊर्जा के रूप में आकर्षित करते हैं। आभा आध्यात्मिक ऊर्जा क्षेत्र है हम अलग अलग तरह की आध्यात्मिक प्रक्रियाओं के लिए अलग अलग तरह के रंगों का प्रयोग करते हैं।
हम सभी एक दैनिक आधार पर रंगों को पसंद करते हैं। आध्यात्मिक अनुसंधान के माध्यम से, हमने पाया है कि जो  रंग हम चुनते हैं वो हमारे आध्यात्मिक स्तर को प्रभावित करते हैं। अलग-अलग तरह की आध्यात्मिक प्रक्रियाओं के लिए हम अलग अलग तरह के रंगों का प्रयोग करते हैं। हमारे शरीर के भीतर सभी एक सौ चौदह चक्रों में से एक सौ बारह चक्र किसी न किसी रंग से संबंधित हैं।
इसी प्रकार हम जो कपड़े पहनते हैं उनके रंग हमको सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार से प्रभावित करते हैं इस तरह रंगों का कुछ विशेष प्रभाव होता है, आप लाल रंग पहनकर भी खराब मूड में हो सकते हैं और काला रंग पहनकर भी आप जोशीले हो सकते हैं। ऐसा संभव है, लेकिन क्या इनसे आपको मदद मिलती है? ऐसे कई सवाल हैं जिनका जबाब इस प्रदर्शनी में मिल सकते हैं।

मंगलवार, 27 मार्च 2018

प्रिंट विधा के विभिन्न रंगों से सजा रवीन्द्र भवन

प्रिंट विधा के विभिन्न रंगों से सजा रवीन्द्र भवन
प्रथम प्रिंट बैनाले हुआ शुरू
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। ललित कला अकादमी आयोजित इपहला प्रिंट बैनाले रविंद्र भवन में रविवार को शुरू हुआ। देश में बैनाले का शुभारंभ प्रसिद्ध प्रिंटमेकर शक्ति बर्मन ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शक्ति बर्मन ने कहा कि 80 के दशक में मेरा लिथोग्राफी से पहला सामना हुआ था, लेकिन समय के साथ इसकी लोकप्रियता घटती गई, और आज इसके गिने-चुने स्टूडियो ही बचे हैं। उन्होंने आशा जताई की इस कार्यक्रम के बाद लिथोग्राफी को फिर से प्रसिद्धी मिलेगी।
प्रिंट बैनाले में अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की कुल 73 कृतियां प्रदर्शित की गई हैं। इसमें नेपाल, बाग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, श्रीलंका, इटली, मैक्सिको, चीन, इजरायल, स्वीडन, लिथुआनिया, पोलैंड, अर्जेटीना, ग्रीस और मॉरीशस सहित कुल 17 देश शामिल हैं। इसके साथ ही 98 भारतीय प्रिंटमेकर्स की कृतियां एमिनेंट प्रिंटमेकर्स ऑफ  इंडिया प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सोमवार 26 मार्च को हुआ। प्रदर्शनी का उद्घाटन भारतीय सास्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने किया।
रविवार को आयोजित कार्यक्रम में अकादमी प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी ने कहा कि अपने 64 वर्ष के इतिहास में प्रथम प्रिंट बिनाले का आयोजन कर ललित कला अकादमी ने आज अपनी उपलब्धियों पर एक सुनहरा पृष्ठ जोड़ा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रिंटमेकिंग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए विचारों की खोज के लिए नई कलात्मक प्रवृत्तियों को पहचानना है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा नहीं आ सके। इस अवसर पर उनका भेजा गया संदेश पढ़ा गया जिसमें उन्होंने प्रिंटमेकिंग को अभिव्यक्ति का उत्कृष्ट माध्यम बताया। अन्र्तराष्ट्रीय व भारतीय कलाकारों की प्रिंट कृतियों से सजी प्रदर्शनियां 22 अप्रेल तक चलेंगी।

राजस्थान सिन्धी अकादमी का वार्षिकोत्सव सम्पन्न

राजस्थान सिन्धी अकादमी का वार्षिकोत्सव सम्पन्न
सर्वोच्च सम्मान 'सामी' सुन्दर अगनानी को
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान सिन्धी अकादमी का वार्षिकोत्सव रविवार 25 मार्च को इन्द्रलोक ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। वार्षिकोत्सव सिन्धी भाषा स्वर्ण जयंती वर्ष को समर्पित किया गया जिसमें विभूतियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का आरम्भ अतिथियों द्वारा इष्टदेव झूलेलाल जी चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण से किया गया। इस अवसर पर किशोर वय की गायिकाओं मुम्बई की दर्शिका अडवाणी एवं अजमेर की मुस्कान कोटवानी के मधुर स्वर की तान ने श्रोताओं को ना केवल झूमने बल्कि नृत्य के लिए मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम के प्रमुख अतिथियों में छत्तीसगढ़ सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष अमित जीवन, राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद् के निदेशक डॉ. रवि प्रकाश टेकचंदानी, सिन्धी साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक राजेन्द्र प्रेमचंदाणी, वरिष्ठ समाजसेवी नारी फुलवानी थे।  राजस्थान सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष हरीश राजानी ने स्वागत भाषण में अकादमी के  बढ़ते बजट के साथ नवीन कार्यक्रमों की संभावना व्यक्त की।
इन्हें मिला सम्मान
सिन्धी साहित्य के सर्वोच्च सम्मान 'सामी' से जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार सुन्दर अगनानी को नवाजा गया। सम्मान स्वरूप उन्हें 51 हजार की राशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल व स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
सिन्धु संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय योगदान हेतु 'सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन सम्मान'जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार वासुदेव सिन्धु भारती को, सिन्धी संगीत, नृत्य, नाटक एवं भगत विधा का 'भगत कंवरराम सम्मान' बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश हिन्दुतानी को, सिन्धी भाषा का राज्यस्तरीय 'साधु टी.एल.वासवानी सम्मान' भारतीय सिन्धु सभा राजस्थान को, वीरता के क्षेत्र में 'शहीद हेमूं कालाणी सम्मान' उदयपुर के मेजर निहाल निहालानी को तथा 'सिन्धी भाषा स्वर्ण जयंती वर्ष विशेष सम्मान' जयपुर की शिक्षाविद् मधु कालानी को प्रदान किया गया। सम्मान में प्रत्येक को 21 हजार रू. की राशि प्रदान की गई।
सिन्धी भाषा स्वर्ण जयंती वर्ष 2017-18 के उपलक्ष्य में अजमेर की अनिता शिवनानी, उदयपुर के तीरथदास नेभनानी, अजमेर के भगत घनश्याम ठारवानी, जयपुर के तुलसी संगतानी, जोधपुर की सिन्धी कल्चरल सोसाइटी, जयपुर की सिन्धु वेलफेयर सोसाइटी, जोधपुर के जोधपुर सिन्धी समाज, श्रीगंगानगर के सिन्धी युवा संगठन, अजमेर की सुधार सभा, उदयपुर के हरीश तलरेजा, जयपुर की रोमा चांदवानी, श्रीगोपाल कृष्ण सेवा समिति, पूजा चांदवानी, ज्योति कला संस्थान को सम्मानित किया गया।
इसके साथ अखिल भारतीय कहानी एवं एकांकी आलेख प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। राज्य के प्रमुख सिन्धी समाचार पत्रों को भी प्रोत्साहन देने के उद्देश्य सेे सम्मानित किया गया।
सुन्दर मंच संचालन व सुरीले गीतों से अजमेर की अनिता शिवनानी ने लोगों का दिल जीता।

रविवार, 25 मार्च 2018

इंटरनेशनल वुमन इनवायरमेंटल आर्ट कैम्प का हुआ समापन


 इंटरनेशनल वुमन इनवायरमेंटल आर्ट कैम्प का हुआ समापन
डॉ. कृष्णा महावर की आर्ट परर्फोमेंस ने खड़े  किये सवाल 
मूमल नेटवर्क, बस्सी। चित्तौड़गढ़ आर्ट सोसायटी आयोजित इंटरनेशनल वुमन इनवायरमेंटल आर्ट कैम्प  में महिला कलाकारों ने वन व वन्य जीवों के साथ स्त्रियों की सामाजिक स्थिति का चित्रण प्रभावशाली तरीके से किया। तीन दिवसीय कैम्प का समापन कल 24 मार्च को हुआ।
वन्य जीवों के संरक्षण, इकोफ्रेंडली ट्यूरिज्म को प्रोत्साहन देने व वन्यजीवों से जुड़ी गतिविधियों के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय इंटरनेशनल वुमन इनवायरमेंटल आर्ट कैम्प बस्सी स्थित सेंचुरी में आयोजित किया गया था। कैम्प के समापन अवसर पर महिला कलाकारों की कृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। जापान ये आई महिला कलाकार सेइको कामोशिना द्वारा बस्सी स्थित सेंचुरी में जंगली जानवर देख कर तैयार की गई कलाकृति ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
डॉ. कृष्णा महावर की आर्ट परर्फोमेंस ने खड़े किये सवाल 
राजस्थान यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कृष्णा महावर द्वारा प्रस्तुत आर्ट  परर्फोमेंस द हाउस एंड द फाारेस्ट ने भारतीय महिलाओं की सामाजिक स्थति पर कई सवाल खड़े किये। अमूर्त शैली के 25 मिनट की अवधि के इस परर्फोमेंस में एक भारतीय महिला की सामाजिक बाध्यताओं और जकडऩो के साथ पशुओं के जीवन की सामाजिक सभ्यता का तुलनात्मक प्रदर्शन किया गया। जहां मानव होते हुए भी उनमे पैशाचिक प्रवृति का बोलबाला है तो दूसरी और जंगली जानवर भी सभ्यता और परस्पर सौहार्द के साथ जीवन गुजारते है। इन्ही प्रवृतियों के इर्द गिर्द समाज की धुरी कही जाने वाली स्त्री जाति (भारतीय परिप्रेक्ष्य में) ऐसी चौखट पर खड़ी है जो ना तो पूरी तरह पारंपरिक रही है और ना ही पूर्ण रूप से आधुनिक हो पा रही है। जो घर की मर्यादा का केंद्र बिंदु बन पूरा भार उठाती है तो स्वतंत्र होकर दुनिया मे विचरती भी है। नॉन लीनियर पद्धति और इम्प्रोवाईजेशन का सहारा लेकर गुंथी गई यह परफॉर्मेंस कई प्रश्नों के साथ जूझती हुई सभी दर्शकों को अभिभूत कर गई।

इस अवसर पर जापान की कलाकार मेबिको द्वारा शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम में चित्तौडग़ड़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, प्रधान प्रवीण सिंह, चित्तौडग़ढ पुलिस अधीक्षक प्रसन्न खमेसरा, उदयपुर सीसीएफ  राहुल भटनागर, डीएफओ मुकेश सैनी व उपप्रधान सीपी नामाधरानी के साथ आर्टिस्ट डॉ. चिमन डांगी, डॉ. रघुनाथ शर्मा, आर्ट सोसायटी के सह-सचिव विजय व्यास, समन्वयक दीपिका व आस-पास के ग्राम वासी, पर्यवारण प्रेमी, कलाप्रेमी व कई गणमान्य लोग मौजूद थे। समारोह का संचालन किरण आचार्य ने किया।


प्रिंट बैनाले का उद्घाटन आज शाम 6 बजे


प्रिंट बैनाले का उद्घाटन आज शाम 6 बजे
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। ललित कला अकादमी आयोजित पहले प्रिंट बैनाले का उद्घाटन आज शाम 6 बजे अकादमी की गैलेरीज में होगा। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा हैं। गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में सुप्रसिद्ध प्रिंटमेकर अनुपम सूद समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी के प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी की उपस्थिति में होगी।
कल 26 मार्च की शाम 6 बजे प्रिंटमेकिंग में भारत के हस्ताक्षर माने जाने वाले कलाकारों की प्रिंट कृतियों की प्रदर्शनी का आरम्भ होगा।

गुरुवार, 22 मार्च 2018

2018 के ग्लेनफिडिक इमर्जिग आर्टिस्ट- बिप्लब सरकार

2018 के ग्लेनफिडिक इमर्जिग आर्टिस्ट- बिप्लब सरकार
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। सिलीगुड़ी के मूल निवासी बिप्लब सरकार को इस साल का 'ग्लेनफिडिक इमर्जिग आर्टिस्ट' चुना गया है। यह घोषणा नई दिल्ली में 'बेस्ट कॉलेज आर्ट डॉट कॉम'  गैलरी में की गई, जिसमें शीर्ष पांच चयनित लोगों के काम को प्रदर्शित किया गया।
सूक्ष्म कलाकृतियां (मिनियेचर आर्ट) बनाने वाले सरकार यह सम्मान पाने वाले सातवें व्यक्ति हैं। बिप्लप की कलाकृतियों में शरीर और वस्तु के रिश्ते को शहरी संदर्भ में दिखाया गया है, जो मुख्य रूप से रेहड़ी पटरी वालों की जीवनशैली और संघर्ष को बयां करते हैं। ये वो लोग हैं जो विरासत स्थलों, पर्यटन स्थलों, स्थानीय बाजारों में काम करते नजर आते हैं या स्वंतत्र रूप से इधर-उधर घूमते-फिरते देखे जाते हैं।
बिप्लब को अवार्ड के साथ ही दस लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी प्रदान की जाएगी। जिसमें प्रति माह 120,000 रुपये का अंतर्राष्ट्रीय भत्ता और 500,000 रुपये का कार्य भत्ता शामिल होगा। इसके साथ वह बेस्ट कॉलेज आर्ट.कॉम गैलरी में प्रदर्शनी भी लगा सकते हैं। इमर्जिग आर्टिस्ट चुने जाने के बाद बिप्लब ग्लेनफिडिक 'आर्टिस्ट इन रेजीडेंस' प्रोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस प्रोग्राम के तहत वह दुनिया भर के कलाकारों के साथ स्कॉटलैंड स्थित ग्लेनफिडिक डिस्टिलरी में तीन महीने का समय व्यतीत करेंगे। 
अपनी खुशी जाहिर करते हुए सरकार ने कहा कि,  मैं 'आर्टिस्ट इन रेजीडेंस' प्रोग्राम को लेकर बेहद उत्साहित हूं। मैं दुनिया भर के विभिन्न संस्कृति से ताल्लुक रखने वाले कलाकारों के साथ मिलकर कुछ अलग रचना करने के लिए उत्सुक हूं।
शीर्ष दावेदारों की सूची में शामिल होने वाले अन्य कलाकारों में पी. योगिश नाईक, अंजू कौशिक,  लोकनाथ प्रधान और दीपक कुमार शामिल थे।
'विलियम ग्रांट एंड संस इंडिया' के निदेशक पीटर गोर्डन ने कहा कि एक बिल्कुल अनपेक्षित पृष्ठभूमि में हम प्रयोग करने और असाधारण कार्यो को करने के लिए भारतीय कलाकारों को एक मंच प्रदान करने को लकेर बेहद खुश हैं।
'इमर्जिग आर्टिस्ट ऑफ द ईयर-2018' के 12 सदस्यीय जूरी में जाने-माने कलाकार, गैलरी के मालिक, कला समीक्षक और संग्रहकर्ता शामिल थे। जूरी सदस्यों ने अंतिम पांच के चयन से पहले और भारत को विजेता चुनने से पहले 1,700 प्रविष्टियों की समीक्षा की।
क्या है इमर्जिग आर्टिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड
'इमर्जिग आर्टिस्ट ऑफ द ईयर' ग्लेनफिडिक के 17 साल पुराने 'आर्टिस्ट्स इन रेसिडेंस' (एआईआर) कार्यक्रम का हिस्सा है, जहां विभिन्न देशों के विजेताओं को स्कॉटलैंड के ग्लेनफिडिक डिस्टिलरी में तीन महीने रहने के लिए मिलता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2002 में हुई थी।
इस प्रोग्राम के तहत दुनिया भर के कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन कर अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाने का विशेष अवसर उपलब्ध कराया जाता है। यह कार्यक्रम छह भारतीयों सहित 20 देशों के 152 कलाकारों की मेजबानी कर चुका है।

कला शिक्षक भर्ती से बीएड हटाने के लिए प्रदर्शन

कला शिक्षक भर्ती से बीएड हटाने के लिए प्रदर्शन
मूमल नेटवर्क, इलाहाबाद।
राजकीय विद्यालयों में कला शिक्षक भर्ती से बीएड की अनिवार्यता हटाने की मांग को लेकर बेरोजगारों ने कल 21 मार्च को शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन किया। बेरोजगार कला शिक्षकों का कहना है कि बीएफए तथा एमएफए जैसी व्यावहारिक और व्यावसायिक डिग्री के बाद कला शिक्षक पद के लिए बीएड की डिग्री की अनिवार्यता गैरवाजिब है।
विरोध प्रदर्शन करते हुए कला स्नातक और ललितकला स्नातक छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की 40 गुणे 20 फीट विशाल पेंटिंग बनाकर अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक मंजू शर्मा के कार्यालय के बाहर लगाई।
अभ्यर्थियों की मांग है कि जो अर्हता केंद्र सरकार की सभी भर्तियों जैसे केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय संगठन में लागू हैं, वे ही एलटी ग्रेड भर्ती में भी मान्य की जाएं। उनका कहना है कि पूरे देश में कला स्नातक व ललितकला स्नातक की डिग्री मान्य है। उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी विश्वविद्यालय तथा उससे संबद्ध महाविद्यालय ललित कला व कला स्नातक की उपाधि देते हैं, तो इसे उत्तर प्रदेश में मान्य क्यों नहीं किया जा रहा।
कला विषय के छात्रों के लिए जबरन बीएड की उपाधि लागू की जा रही है जबकि ललितकला बीएफए व एमएफए (छह वर्ष) और कला स्नातक बीए व एमए (ड्राइंग व पेंटिंग पांच वर्ष) का होता है। ये पाठ्यक्रम पूरी तरह से व्यवसायिक है और इन्हें पढ़ाने के लिए बीएड की आवश्यकता नहीं होती। दृश्य कला छात्र मोर्चा के सुनील भारतीय ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि बीएड की अनिवार्यता समाप्त करें ताकि दृश्य कला के लाखों छात्रों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिल सके।

बुधवार, 21 मार्च 2018

सिक्किम की कला संस्कृति का हुआ जीवन्त प्रदर्शन

सिक्किम की कला संस्कृति का हुआ जीवन्त प्रदर्शन
इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय का 42वां स्थापना दिवस समारोह 
मूमल नेटवर्क, भोपाल। आज से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के 42वें स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आगाज हुआ।
इस वर्ष सिक्किम राज्य को थीम के रूप में चुना गया है। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री सिक्किम के कानूनी सलाहकार केटी ग्यालत्सेन ने वीथी संकुल अंतरंग प्रदर्शनी भवन में किया। तीन दिवसीय स्थापना दिवस की शुरुआत एक हजार बाती वाले केरल के दीपक आलविलक्कु के प्रज्ज्वलन से हुई।
परंपरा के अनुसार, इस दीपक को पूरे रीति-रिवाजों के साथ प्रज्ज्वलित किया जाता है। इसके लिए मलयाली समाज के लोग अपने पारंपरिक परिधानों में पहुंचे हुए थे। विघ्नेश्वर गणपति की लंबी पूजा अर्चना के बाद लगभग 7 बजे अलविलक्कु को प्रज्ज्वलित करना शुरू किया गया। 15 मिनट में ही एक हजार आठ सौ किलो वजनी और 18 फीट ऊंचा यह दीपक रौशन हो गया। दीप प्रज्जवलन के साथ केरल का वाद्ययंत्र शिकारी मेलाम का वादन केरल की महिला कलाकारों द्वारा किया गया।
पहली शाम को सिक्किम के प्रख्यात फ्यूजन बैंड ने सोफियम की मधुर प्रस्तुति से लोगों का दिल जीता। अगले दो दिन लोक एवं जनजातीय नृत्य व संगीत की की प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
इससे पहले संग्रहालय के शैल कला सभागार में प्रो. एल के अनंत कृष्ण ने मेमोरियल लेक्चर दिया।  'सिक्किम की सांस्कृतिक धरोहर' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। संगोष्ठी का समापन कल किया जाएगा। संग्राहलय में तीन दिन के लिए शिल्प मेला भी सजाया गया है।
 'सिक्किम की कला, संस्कृति एवं समुदाय' नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन कल दोपहर को किया जाएगा। इसके साथ ही प्रो. टीबी सुब्बा (नार्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग, सिक्किम) 22 मार्च को शाम 4.00 बजे 14वां वार्षिक इगांरामासं व्याख्यान देंगे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता, प्रो. पीके मिश्रा (मानवशास्त्री, मैसूर) करेंगे।
यह है इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय 
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय का शुभारंभ 21 मार्च 1977 को भागलपुर हाउस नई दिल्ली में हुआ था। भोपाल में इसका शुभारंभ 1979 को हुआ। यह देश का पहला ओपन एयर म्यूजियम है। 200 एकड़ में फैला यह एशिया का सबसे बड़ा म्यूजियम है। यह जीवित संस्कृति को संरक्षित, संग्रहित कर रहा है। जिस जगह पर मानव संग्रहालय बना है, वहां तीन हजार साल पुराने शैल चित्र भी हैं। ऐसा माना जाता है कि तीन हजार साल पहले वहां स्थित गुफाओं में कुछ लोग रहते थे।

मंगलवार, 20 मार्च 2018

स्वपन के लिये प्रतीक्षा नहीं

स्वपन के लिये प्रतीक्षा नहीं
मूमल नेटवर्क, मुूबई।  जयपुर के युवा चित्रकार अमित हारित के चित्रों की आठवीं एकल कला प्रदर्शनी कॉन्ट वेट फॉर ड्रीम्स कल से जंहागीर आर्ट गैलेरी में सज गई है। प्रदर्शनी का उद्घाटन वरिष्ठ चित्रकार व लेखक अखिलेश ने किया ।
अमित के चित्रों के बारे में अखिलेश ने कहा कि अमित हारित एक ऐसे संजीदा चित्रकार हैं जिनकी रचनात्मकता का उभार उनके चित्रों में स्वप्नों के सफल होने की पूरी संभावना के साथ अभिव्यक्त होता है। वह एक सधे हुये कलाकार की तरह अपने स्वप्निल-संसार को मनचाहे आकारों और रंगों में चित्रित करने के प्रति सचेत दिखते हैं।
कहा जाता है कि स्वप्न प्राय: गहन निद्रा में दिखाई देते हैं जब व्यक्ति अपनी देह से बाहर की आत्म-यात्रा करते हुये भी वास्तविकता की प्रतीति करता है । अमित अपने इन चित्रों में उस अदृश्य को दृश्यमान तथा अनुपस्थित को उपस्थित करने में समर्थ लगते हैं जो उनके स्वप्न-संसार में दिखाई देता है।
अखिलेश ने कहा कि, अनेक लोग उस अवचेतन-अचेतन के अदृश्य और अनुपस्थित का आभ्यांतरीकरण करने हेतु प्रयत्नशील रहे हैं किन्तु वान गॉग की तरह बहुत कम लोग उसे अभिव्यक्त करने में सफल हो पाये हैं और मैं कहना चाहता हूँ कि वान गॉग और अमित के बीच इसके अतिरिक्त कोई स्पष्ट सम्बन्ध नहीं है कि वे दोनों ही चित्रकार हैं किन्तु वान गॉग जहाँ अपने स्वप्नों को चित्रित करते हैं वहीं अमित हारित अपना स्वप्न-संसार स्वयं रचते हैं।
यह प्रदर्शनी 25 मार्च तक चलेगी।

अकादमी में कला शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य पर सेमीनार 22 से

अकादमी में कला शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य पर सेमीनार 22 से
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी में 22 से 24 मार्च तक वर्तमान परिदृश्य में कला शिक्षा विषय पर राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन होगा। सेमीनार में विभिन्न राज्यों के कला शिक्षाविद, कला इतिहासकार व संग्रहालय प्रबन्धक अपने विचार रखेंगे। सम्मेलन के संयोजक प्रो. भवानी शंकर शर्मा एवं सह संयोजक डॉ. कनुप्रिया राठौड़ है ।
अकादमी अध्यक्ष डॉ. अश्विन एम.दलवी ने जानकारी दी कि  भारतीय संग्रहालय, कोलकाता के पूर्व निदेशक प्रो.श्यामलकांति चक्रवर्ती,  कला और शिल्प कॉलेज, लखनऊ के पूर्व प्रिंसिपल प्रो. जयकृष्ण अग्रवाल, ललित कला संकाय, राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो. सी.एस. मेहता, जे.एल. एन.टी. यू.
हैदराबाद के ललित कला संकाय की पूर्व प्रमुख प्रो. अंजनी रेड्डी, ललित कला
संकाय, बड़ौदा के पूर्व डीन प्रो.शैलेन्द्र सिंह कुशवाहा, वरिष्ठ कलाकार डॉ. विद्या सागर उपाध्याय, महाराजा सवाई मानसिंह संग्रहालय जयपुर के निदेशक डॉ. युनूस खिमानी तथा डॉ. राजेश व्यास सेमीनार के मुख्य वक्ता होंगे ।
सम्मेलन में इन विषयों पर होगी चर्चा
- कला शिक्षा, उसके लक्ष्य एवं उद्देश्यों का अन्वेषण करना ।
-कला शिक्षा का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
-ललित कला और शिल्प के संदर्भ में कला शिक्षा
- स्कूल और स्नातक स्तर पर कला शिक्षा की भूमिका ।
-कला और डिजाईन के क्षेत्र में कला शिक्षा- भारतीय एवं वैश्विक परिप्रेक्ष्य नवाचार ।
- कला शिक्षा में खामियां ।
- प्रबन्धन एवं कला शिक्षा ।

रविवार, 18 मार्च 2018

ऋतु उत्सव के साथ मनाया विरासत 2018

ऋतु उत्सव के साथ मनाया विरासत 2018
दी आई आई एस विश्वविद्यालय का 23वां वार्षिक महोत्सव
मूमल नेटवर्क,जयपुर। दी आई आई एस विश्वविद्यालय का 23वां वार्षिक महोत्सव विरासत 2018 कल विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया। आयोजन में छात्राओं ने जहां पारम्परिक नृत्य प्रस्तुति से ऋतु उत्सव को सजीव किया वहीं कन्टेेम्पररी डांस के साथ आधुनिक सोच को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर आई आई एस युनिवर्सिटी विबग्योर यानि संस्थान के क्लब्स, सोसायटी एवं गिल्ड के प्रतिनिधियों ने फ्लैग मार्च के ज़रिए अपनी संगठन शक्ति का परिचय दिया। इसी के साथ फैशन फिएस्टा में डिज़ाईनर्स साक्षी खन्ना, श्रष्टि गुप्ता, स्निग्धा जैन एवं विधि लूणावत ने अपने डिजाईनर कलेक्शन को रेम्प पर उतारा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बालिवुड अभिनेत्री सुधा चंद्रन ने छात्राओं की हौसला अफजाई की।
इस अवसर पर विशेष पुरस्कारों के साथ-साथ विभिन्न मंचों पर शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेल प्रतिस्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें पुरस्कृत किया गया। दिविशा अग्रवाल को आईआईएसईयन ऑफ द ईयर खिताब से नवाज़ा गया।  लक्षिता गोयल, अंजलि सिंह रंजीरोत और सलोनी अग्रवाल को सर्विस एवं सेल्फ खिताब से नवाजा गयां। डांसर ऑफ द ईयर का खिताब ज्योति सिंह चौहान को मिला। मंजिंदर कौर रिसर्चर ऑफ द ईयर तथा आकांक्षा शर्मा व स्नेहा श्रीवास्तव वॉइस ऑफ द ईयर घोषित की गईं। 

जंतर-मंतर की फोटोग्राफी में जुटे शौकिया फोटोग्राफर्स


जंतर-मंतर की फोटोग्राफी में जुटे शौकिया फोटोग्राफर्स
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की नई पहल के तहत हुआ आयोजन
मूमल नेटवर्क, जयपुर। आज सुबह 75 से अधिक शौकिया फोटोग्राफर्स ने यूनेस्को की वल्र्ड हेरिटेज साइट जंतर-मंतर में फोोटोग्राफी की। यह फोटोग्राफी पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा आयोजित हेरिटेज फोटो वॉक प्रोग्राम के तहत की गइ। आयोजन में जयपुर फोटोग्राफर क्लब (जेपीसी) और जयपुर मेरा शहर (जेएमएस) का सहयोग रहा।
फोोटोग्राफर्स ने यहां करीब दो घंटे के दौरान विभिन्न एंगल से फोटो क्लिक किए। जेपीसी के संस्थापक अनिल खूबानी ने कहा कि इस स्मारक की फोटोग्राफी फोटोग्राफर्स के लिए अच्छा अनुभव रहा। उन्होंने कहा बताया कि 'फोटो वॉक' में फोटोग्राफी के प्रति जुनून रखने वाले लोग भाग लेते हैं।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक हृदेय शर्मा ने कहा कि, शहर के फोटोग्रापुर्स को प्राचीन स्थलों की खूबसूरती को कैप्चर करने का सामूहिक मंच उपलब्ध कराना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है। आगामी महीनों में जयपुर के विभिन्न पुरातात्विक स्थलों पर फोटो वॉक की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इस श्रृंखला के दौरान क्लिक किए गए बेहतरीन फोटोग्राफ्स की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस प्रदर्शनी के साथ ही  फोग्राफी श्रृंखला का समापन होगा।

शनिवार, 17 मार्च 2018

आज जयपुर की आर्टिस्ट सविता शर्मा होंगी दिल्ली में सम्मानित

आज जयपुर की आर्टिस्ट सविता शर्मा होंगी दिल्ली में सम्मानित
मूमल नेटवर्क, जयपुर। स्थापना कला (इंस्टालेशन) के विशिष्ट सृजन के लिए आर्टिस्ट सविता शर्मा को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में हो रहे सातवें एशियाड लिटरेचर फेस्टिवल 2018 में वीमेन इंटरप्रेन्योर अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। आज शाम सात बजे इण्डिया इण्टरनेशनल सेन्टर में चार अन्य महिला इंटरप्रेन्योस्र के साथ अवार्ड दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि, जयपुर आर्ट समिट 2017 में सविता शर्मा ने फाइबर माध्यम में पिंड से ब्रह्माण्ड तक रूप लेती सर्जना की थी। उन्होंने उस यात्रा के अनेक पहलुओं को एक 30 फीट ऊँचे विशाल अण्डवृत्त के भीतर खड़े अर्धनारीश्वर के ऊपर खिलते हुए कमल की पंखुडिय़ों पर पंचतत्वों की फोटो की पेंटिंग्स बनाकर अपनी कलाकृति में दिखायाथा। इसके साथ ही स्त्री मन की उन तमाम सामाजिक बुनावटो की सलवटों के विभिन्न पक्षों को बड़े ही करीने से उसमें वास करते अमूर्त भाव को मूर्त रूप दिया था।
सविता ने जयपुर ज्वेलरी शो 2017 के दौरान कमल को एक बार फिर सुंदरता और मानवीय गुणों का प्रतीक बनाया। उन्होंने कमल की आठ पंखुडिय़ां से मानव जीवन के आठ गुण यानि दया, शांति, पवित्रता, मंगल, निस्पृहता, सरलता, ईष्र्या का अभाव और उदारता का समायोजन अपने इंस्टालेशन में करते हुए समाज के लिए शांति और सुंदरता का सन्देश दिया।
अभी हाल ही में संपन्न हुए सांभर फेस्टिवल 2018 में सविता ने अपने इंस्टालेशन में कमल के फूल को योग और अध्यात्म में एक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया। उनके इंस्टालेशन में योगिक शब्दावली की तरह बोध व अवबोधन के अलग-अलग पहलुओं को कमल के तरह-तरह के फृलों से तुलना की गई है एवं शरीर के सात मूल चक्रों के लिए कमल के सात तरह के फूलों को प्रतीक चिह्न बनाकर मानवीय जीवन में स्वच्छता और सुंदरता के प्रति सन्देश दिया।

गुरुवार, 15 मार्च 2018

जयपुर के कला बाजार में एक और दस्तक




जयपुर के कला बाजार में एक और दस्तक
प्राइवेट आर्ट शो में बिकी कई कृतियां
मूमल नेटवर्क, जयपुर। शहर में शुरु हुई निजी आर्ट गैलेरी व्हाइट कैनवास के पहले शो में कलाकृतियों की अच्छी बिक्री हुई है।
पिछले दिनों राजस्थान सहित देश के विभिन्न प्रदेशों के 90 कलाकारों की 200 से अधिक कृतियों का प्रदर्शन नई गैलेरी व्हाइट कैनवास में किया गया। गैलेरी से जुड़ी सिमरन कौर ने बताया यह बहुत ही प्राइवेट आर्ट शो था, जिसमें विशेष निमंत्रण पर देश की बई बड़ी हस्तियों ने भ्रमण किया। जानकारों की माने तो इस शो में केवल बॉयर और कलेक्टर्स को प्रमुखता दी गई।

गैलरी के डाइरेक्टर रणदीप बग्गा ने जानकारी दी कि, इस 2 दिन के आर्ट इवेंट में कई कलाकृतियों की शानदार बिक्री हुई, इसके चलते जल्दी ही अगले अच्छे इवेंट की रूपरेखा बनाई जा रही है।
प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जयपुर के शिल्पकार हंसराज के साथ टीम मैम्बर पूजा, दुर्गा, श्रेया की कृतियों का प्रदर्शन किया गया था।  इसके साथ ही दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, अंडमान-निकोबार, बंगलोर, हैदराबाद, इंदौर, गुवाहाटी, इत्यादि के कलाकारों की कूतियां भी प्रदर्शनी में शामिल की गई थीं।

इंटरनेशनल वुमन इनवायरमेंटल आर्ट कैम्प 22 से

इंटरनेशनल वुमन इनवायरमेंटल आर्ट कैम्प 22 से
मूमल नेटवर्क, चित्तौडग़ढ़।
चित्तौडग़ढ़ आर्ट सोसायटी इंटरनेशनल वुमन इनवायरमेंटल आर्ट कैम्प 22 मार्च से आयोजित करने जा रही है। तीन दिवसीय कैम्प वन्य जीवों के संरक्षण पर केन्द्रित होगा। बस्सी के वन्यजीव अभ्यारण्य में होने वाले इस कैम्प में देश-विदेश की 10 महिला कलाकार भागीदारी करेंगी। उद्घाटन समारोह  22  मार्च की सुबी 11 बजे होगा।
चित्तौडग़ढ़ आर्ट सोसायटी के सचिव मुकेश शर्मा ने बताया कि इस संस्करण में वन्यजीव संरक्षण व जागरूकता   मुद्दों पर कला के माध्यम से कार्य करने का प्रयास किया जाएगा।  पर्यावरण संरक्षण,  वन्यजीव संरक्षण  जागरूकता का संदेश देने के लिए 10 महिला  कलाकार शिरकत करेंगे, जिसमें से 4 विदेशी कलाकार और  6 भारतीय मूल कलाकार भाग लेंगे। यह कलाकार पब्लिक आर्ट, लैंड आर्ट, इंस्टॉलेशन, प्रदर्शनी, आर्ट कैंप, मूर्तिकला निर्माण, सेमिनार, परंपरागत कला के साथ  प्रस्तुति देंगे। शर्मा ने बताया कि यह सभी कार्यक्रम उपवन संरक्षक (वन्यजीव) की सहभागिता से पूर्ण किया जाएगा।
यह कलाकार होंगे कैम्प में
उपवन संरक्षक (वन्य जीव) अधिकारी मुकेश सैनी ने  बताया कि इस परियोजना में भारत के अतिरिक्त जापान , रूस, बांग्लादेश ,देश  के कलाकार भाग लेंगे है। इसमें भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी कलाकार अपने अपने क्षेत्र में बरसों से अपने हुनर का प्रदर्शन करते आए हैं। परियोजना  में आने वाले कलाकारों में जापान की  कलाकार शिको  व मेबीको, रूस की नतालिया  एवं बांग्लादेश की  दीनार सुल्ताना शिरकत करेगी।
कार्यक्रम समन्वयक दीपिका शर्मा ने बताया कि, राजस्थान यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कृष्णा महावर परफॉर्मिंग आर्ट के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण व महिला सशक्तिकरण पर परफॉर्मेस देेंंगी,  वनस्थली विद्यापीठ की रिसर्च एसोसिएट करुणा राजपूत पेंटिग से जागरूकता का संदेश देंगी, पंजाब से एसोसिएट प्रोफेसर शिवजोत इंस्टालेशन, चंडीगढ़ से गुरजीत स्कल्पचर, अहमदाबाद,मुंबई  से राज नंदिनी फोटोग्राफी व चित्तौडग़ड़ से चित्रा बांगड़ पेंटिंग के जरिये अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करेंगी। 

शुक्रवार, 2 मार्च 2018

फड़ शैली के लीजेंड आर्टिस्ट श्रीलाल जोशी नहीं रहे

फड़ शैली के लीजेंड आर्टिस्ट श्रीलाल जोशी नहीं रहे
अन्तिम यात्रा कल सुबह 9 बजे
मूमल नेटवर्क, भीलवाड़ा। राजस्थान की लौक चित्रशैली फड़ की पहचान बन चुके श्रीलाल जोशी का आज शाम साढे पांच बजे देहान्त हो गया। पद़मश्री श्रीलाल जोशी की अन्तिम यात्रा उनके निवास स्थान से कल सुबह 9 बजे पंचमुखी मोक्षधाम के लिए रवाना होगी। कला के प्रति अन्तिम समय तक समर्पित रहे श्रीलाल जी अपनी पीछे दो पुत्रों कल्याण जोशी व गोपाल जोशी को कला की विरासत सौंप कर ब्रह्मलीन हुए।
पिछले एक सप्ताह से अस्वथ चल रहे जोशी जी का आज शाम साढे पांच बजे देहान्त हो गया। निमोनिया की शिकायत पर उन्हें एक सप्ताह पहले प्राइवेट हास्प्ीटल में एडमिट करवाया गया था। बाद में उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी। उनके छोटे पुत्र गोपाल जोशी ने बताया कि भारतीय तिथि के अनुूसार आज उनका जन्म दिन भी है। अपने पीछे दो पुत्रों के साथ जीवन संगिनी को तन्हां छोड़ अनन्त की यात्रा के लिए चलने वाले जोशी जी की कल विवाह वर्षगाांठ भी हैं।
5 मार्च 1931 को भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा के एक जोशी परिवार में इनका जन्म हुआ। उनके पिता रामचंद्र जोशी ने 13 साल की उम्र में ही उन्हें इस पारंपरिक पारिवारिक कला की जिम्मेदारी सौंपी। इन्होंने फड़ की अपनी शैली विकसित की। कई राष्ट्रीय व अन्र्तराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित जोशी जी को भारत सरकार ने सन् 2006 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया। सन् 2007 में इन्हें शिल्पगुरु की उपाधि प्रदान की गई। अब तक बीस से अधिक देशों में इनकी कलाकृतियां प्रदर्शित हो चुकी हैं।
अपने जीवन काल में अनेक सम्मानो व पुरस्कारों से नवाजे जाने वाले जोशी जी को पिछले दिनों जयपुर में सम्पन्न हुए आर्ट फिएस्टा के दौरान लाईफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उस मौके पर उन्होंने मूमल से अपने जीवन व कला यात्रा से सम्बन्धित लम्बी बातचीत की थी।