बुधवार, 20 अप्रैल 2016

Rajasthan Lalit Kala Akadami KalaMela

आखिर पूरी तरह टल गया कला मेला
12 लाख रुपए लेप्स
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में आयोजित होने वाला कला आयोजित नहीं किया जा सका और इस आयोजन के लिए मिले 12 लाख रुपए लेप्स हो गए। अकादमी के अधिकारी कला मेला आयोजित नहीं कर पाने का कोई ठोस कारण बता पाने कि स्थिति में भी नहीं हैं।
राजस्थान ललित कला अकादमी की सचिव सोविला माथुर ने 'मूमल' को बताया कि इस वर्ष जनवरी में कला मेला प्रस्तावित था, लेकिन गणतंत्र दिवस के लिए झांकी के कार्य की व्यवस्तता के चलते संभव नहीं हो पाया। फरवरी- मार्च में जेकेके में स्थान उपलब्ध नहीं हो पाया। बाहर किसी निजी स्वामित्व वाले स्थान पर आयोजन करने लायक फंड नहीं था। मार्च के बाद मई में जेकेके में स्थान उपलब्ध हुआ, लेकिन वित्त विभाग ने वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाने के कारण राशि खर्च करने की अनुमति नहीं दी जिससे 2015-16 में होने वाले कला मेले की राशि लगभग 12 लाख रुपए लेप्स हो गई। इस वर्ष 2016-17 का कलामेला सितम्बर-अक्टूबर में करने की योजना है।
 
ये रही पूरी दास्तान 
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों से फरवरी-मार्च में आयोजित होने वाले कला मेले के 19वें एडीशन को अकादमी द्वारा नवंबर में करने का प्रस्ताव पारीत किया गया था तो पूरे कला जगत में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई थी। इस प्रस्ताव के बाद कोई ना कोई कारण बताते हुए अकादमी इसका आयोजन टालती रही और आयोजन के लिए निर्धारित फरवरी-मार्च भी बीत गया। अकादमी द्वारा मार्च में छात्र कला प्रदर्शनी के आयोजन की मजबूरी बताई गई तो अपे्रल में जवाहर कला केन्द्र में स्थान उपलब्ध ना हो पाने का कारण। प्रदेश में प्रतिवर्ष मई में होने वाली गर्मी की तपन सेे अनजान अकादमी के अधिकारियों द्वारा जवाहर कला केन्द्र से स्थान उपलब्ध करवाने के लिए पत्र-व्यवहार की खानापूर्ति जारी रही। जवाहर कला केन्द्र की ओर से मई में अकादमी की पसंद व सुविधा का कोई भी समय उपलब्ध करवाने की स्वीकृति दी गई। अब मई की गर्मी को कारण बताते हुए कलामेला नहीं कर पाने को कारण बताया गया। 
युवा कलाकारों के साथ कला प्रेमियों को पूरे राजस्थान कीे कला के बहुत बड़े प्रदर्शन से वंचित होना पड़ा। कला मेले का हिस्सा बनने के लिए प्रदेश भर के कलाकार कई महीनों पहले से तैयारियों में जुट जाते हैं। कला खरीददार भी उचित मूल्य पर युवा कूचिंयों की नवीनता को क्रय करने के लिए बेसब्री से कला मेले की प्रतीक्षा करते हैं। लेकिन अकादमी द्वारा बीते वर्ष 2015 के नवंबर माह में प्रस्तावित कला मेला आगामी महीनों के लिए टलते-टलते आखिरकार अधिकारियों की कोताही का शिकार हो गया।
एक ओर कला आयोजनों के लिए हमेशा पर्याप्त कोष नहीं होने के शोक पर कृत्रिम विलाप, दूसरी ओर कला मेले के कोष को लेप्स करा के सरकार को वापिस लौटाने की कार्रवाई। यह अकादमी कला और कलाकारों के प्रति प्रतिबद्धता का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी प्रदेश का कला जगत कई वर्षों तक कला मेला रद्द किए जाने का दंश झेल चुका है। वर्ष 2004 में आयोजित बारहवें कला मेले के बाद पूरे 6 वर्षों तक अकादमी ने कला मेले का आयोजन नहीं किया था। वर्ष 2010 में 13वें कला मेले के आयोजन के साथ फिर इसकी शुरुआत हुई और पांच साल लगातार आयोजित होने के बाद अब इस बार कला मेले नहीं हो सका। कला मेले को रद्द कर प्रदेश के कलाकारों को निराश करने का कारण अकादमी के पास पहले भी नहीं था और अब भी नहीं है।
अब नए उत्साह के साथ नए-नए कोर्स
गर्मी की को एक कारण बताते हुर्सए वार्षिक कला मेले आयोजित नहीं कर पाई राजस्थान ललित कला अकादमी अब नए उत्साह के साथ इसी गर्मी में अन्य आयोजन करने में जुटी है। मई में ही कला विशेष की जानकारी देने के लिए स्पेशल कोर्स आरम्भ किए जा रहे है। अब यह उम्मीद तो की ही जा सकती है कि मई की गर्मी के बदलते हुए नए अर्थ कम से कम अपनों के हित में तो ठंडी बयार बहा सकेंगे।