शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

राजस्थान ललित कला अकादमी के स्टेट अवार्ड परिणाम घोषित

राजस्थान ललित कला अकादमी के स्टेट अवार्ड परिणाम घोषित
आरयू के 4 कला शिक्षकों सहित अधिकांश अवार्ड जयपुर की झोली में
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी ने 60वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी के परिणाम कल गुरुवार 13 दिसम्बर को घोषित कर दिए हैं। इसमें स्टेट अवार्ड पाने वाले कलाकारों की सूचि में राजस्थान यूनीवर्सिटी के कला शिक्षकों का बोलबाला नजर आ रहा है। अधिकांश अवार्ड जयपुर की झोली में आए हैं।
60वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी के लिए प्राप्त 254 कलाकारों की 726 कृतियों में से 100 कलाकारों की 120 कृतियों का चयन किया गया है। स्टेट अवार्ड के लिए चुने गए 10 कलाकारों में से दो मूर्तिकार हैं। इस वर्ष एक साथ राजस्थान के चार कला शिक्षकों को अवार्ड देने के लिए चुना गया है। अवार्ड के रूप में कलाकारों को 25-25 हजार रुपए की नकद राशि के साथ, स्मृति चिंह, प्रमाण पत्र व श्रीफल से नवाजा जाएगा।
निर्णायक मण्डल में सुनिल कुमार विश्वकर्मा, जयराम पौडूवाल एवं विजय एम.ढोरे शामिल थे ।
इन्हें नवाजा जाएगा स्टेट अवार्ड से
सुब्रतो मण्डल- आरयू जयपुर
सुमित सेन-  आरयू जयपुर
डॉ. लोकेश जैन-  आरयू जयपुर
डॉ. जगदीश प्रसाद मीणा-  आरयू जयपुर
शबनम हुसैन-  उदयपुर
मोनू शेखावत-  जयपुर
सुनील कुमार जांगिड़-  बूंदी
मुकेश कुमार-   जयपुर
रुचिका जोशी
शैलेष शर्मा-  जयपुर

रविवार, 9 दिसंबर 2018

अकादमी ने नकारा, बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड ने सराहा

अकादमी ने नकारा, बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने सराहा
शंभूसिंह चौबदार बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित
मूमल नेटवर्क, कोटा। कोटा बूंदी शैली के चित्रकार शंभूसिंह चौबदार को बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने सम्मानित किया है। सम्मान स्वरूप उन्हें गोन्ड मेडल, सर्टीफिकेट व ट्राफी से नवाजा गया है। शम्भूसिंह वही कलाकार हैं जिनका चयन जहांगीर आर्ट गैलेरी में अकादमी आयोजित प्रदर्शनी 'राजस्थान 147' में हुआ था लेकिन प्रदर्शनी के समय इनका नाम अपनों को शामिल करने की होड़ में हटा दिया गया था।
सच्ची कला साधना जीत के झण्डे तो गाड़ती ही है। शम्भूसिंह की कला साधना ने उन्हें विश्व ख्याति दिलवाई है। बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उन्हें यह सम्मान 25 हजार पेंटिंग्स बनाने के उपलक्ष में प्रदान किया है। शम्भूसिंह को मिले इस सम्मान ने अकादमी के कर्त्ता -धर्त्ताओं  से मिले अपमान को करारा जवाब दिया है। राजस्थान के चित्रकारों के समक्ष फिर एक बार अकादमी की नीतियों और फैसलों ने एक प्रश्रचिंह खड़ा कर दिया है।

रविवार, 2 दिसंबर 2018

24वां अखिल भारतीय ध्रुवपद समारोह 5 से


24वां अखिल भारतीय ध्रुवपद समारोह 5 से
मूमल नेटवर्क, जयपुर। दो दिवसीय 24वां अखिल भारतीय ध्रुवपद नाद-निनाद-विरासत समारोह  5 व 6 दिसम्बर को आयोजित होगा। यह समारोह केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली एवं इन्टरनेशनल ध्रुवपद धाम ट्रस्ट, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
जेकेके के कृष्णायन सभागार में सांयकालीन गायन-वादन की प्रस्तुतियां और सुबह के समय राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के भैरोंसिंह शेखावत सभागार में 'ध्रुवपद-परम्परा और प्रयोग' विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित की जायेगी। संगोष्ठी में सभी वरिष्ठ शिक्षाविद्, संगीत-समीक्षक, कलाकार एवं विचारक, मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखेंगे।
संगोष्ठी के वक्ता
संगोष्ठी में प्रथम दिवस 5 दिसम्बर को प्रो. केशव शर्मा (शिमला) एवं पं. विजयशंकर मिश्र, दिल्ली एवं दूसरे दिवस 6 दिसम्बर को उ. बहाउद्दीन डागर (मुम्बई) एवं प्रो. राजेश्वर आचार्य (वाराणसी) मुख्य वक्ता होगें।
यह होंगे गायन-वादन कार्यक्रम

पहले दिन 5 दिसम्बर को ध्रुवपदाचार्य पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग एवं धु्रवपद -गायिका डॉ. मधु भट्ट तैलंग के निर्देशन में उनके तीन दर्जन विद्यार्थी 'ध्रुवावृन्दगान' में प्रयोगवादी प्रस्तुतियों का नवाचार प्रस्तुत करेंगे।े जिसमें धु्रवपद-मूच्र्छनाओं व उनकी बन्दिशों सहित विशेषतौर पर समसामयिक परिप्रेक्ष्य पूर्व प्रधानमंत्री एवं कवि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पद्य-रचना 'आओ फिर से दिया जलायें' को धु्रवपद में पिरोकर प्रस्तुत करेगें, इसकी स्वर-रचना भट्ट की है। दूसरी प्रस्तुति डॉ. अश्विन दलवी का सुरबहार एवं अन्तिम प्रस्तुति जयपुर के सुपरिचित युवा धु्रवपद-गायक डॉ. श्यामसुन्दर शर्मा एवं ओमप्रकाश नायर धु्रवपद-गायन की जुगलबन्दी पेश करेंगें।
दूसरे दिन सायंकालीन प्रस्तुतियों के प्रारंभ में तानसेन सम्मान से नवाज़े गये पं. डालचन्द शर्मा मंगल वाद्य पखावज-वादन, मुम्बई से पधारी डॉ. राधिका उमड़ेकर विचित्र वीणा वादन एवं अन्तिम प्रस्तुति इलाहाबाद के दरभंगा घराने के पं. प्रेमकुमार मल्लिक के ध्रुवपद- गायन की होगी।