गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

सिन्धी मातृ भाषा दिवस पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता सम्पन्न

सिन्धी मातृ भाषा दिवस पर आयोजित
चित्रकला प्रतियोगिता सम्पन्न
मूमल नेटवर्क, अजमेर। राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद् की राजस्थान इकाई द्वारा मातृ भाषा दिवस के अवसर पर कल 21 फरवरी को चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सूचना केन्द्र की चित्रकला दीर्घा में आयोजित प्रतियोगिता का शुभारम्भ वरिष्ठ चित्रकार डा.राम जैसवाल की अध्यक्षता एवं प्रो. सुरेन्द्र भटनागर के विशिष्ठ आतिथ्य में हुआ। प्रतियोगिता में 150 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती तथा इष्ट देव झूलेलाल के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । प्रतियोगिता में एच.के.एच. सीनियर पब्लिक स्कूल, सावित्री बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, आदर्श मोईनिया इस्लाममिया स्कूल, आदर्श विद्या निकेतन, पुष्कर रोड, स्वामी विवेकानन्द आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, सैन्ट मैरीज स्कूल, डी.बी.एन., राजकीय सावित्री कन्या महाविद्यालय, डी.ए.वी. कालेज, के लगभग 150 से अधिक छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। प्रतियोगित तीन वर्गों में आयोजित की गई । इस अवसर पर अजमेर के वरिष्ठ चित्रकारों अजयपाल गहलोत, बनवारी लाल ओझा, अलका शर्मा व संजय सेठी ने भी मातृभाषा को समर्पित चित्र बनाए।
प्रतियोगिता के समापन सत्र में मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए विशिष्ठ आमंत्रित सदस्य व विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि यदि हम अपनी मातृभाषा से जुड़े रहते हैं तो हम अपने संस्कारों एवं संस्कृति से जुड़े रहते हैं। हमें घर में आवश्यक रूप से मातृभाषा में व्यवहार करना चाहिए। हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी के साथ साथ हमें अपनी मातृभाषा का पूरा ज्ञान होना चाहिए। इस अवसर पर राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद् के सदस्य एवं कार्यक्रम के प्रमुख संयोजक डॉ. सुरेश बबलानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समापन सत्र में प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थीयों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

इन्हें मिला पुरस्कार
तीन वर्गों में आयोजित प्रतियोगिता के प्रथम वर्ग कक्षा 6 से 8 तक का प्रथम पुरकार सैन्ट मैरीज स्कूल की अक्षरा माहेश्वरी को, द्वितीय पुरस्कार स्वामी विवेकानन्द आदर्श विद्यालय के निखिल नंगवारा को तथा तृतीय पुरस्कार स्वामी विवेकानन्द आदर्श विद्यालय के ही वैभव शमा को प्राप्त हुआ। सैन्ट मैरीज की प्रियांशी सक्सैना वएच.के.एच.विद्यालय की कोमल सोलंकी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
द्वितीय वर्ग कक्षा 9 से 12 में एच.के.एच.स्कूल की रोशिता वर्मा को प्रथम, डी.बी.एन. स्कूल की आयिशा वर्मा को द्वितीय तथा डी.बी.एन. स्कूल की ही काव्या को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। एम.पी.एस. की विभांशी जैन एवं आदर्श विद्या निकेतन के पियूष कुमार को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
कालेज एवं खुला वर्ग में राजकीय सावत्री बालिका महाविद्यालय की नेहा राठौड़ को प्रथम, भारती कंवर को द्वितीय तथा गृहणी सपना रावनानी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इस वर्ग में मोनिका सिंह एवं श्रेया सोलंकी को सांत्वना पुरस्कार दिए गए। अतिथियों का स्वागत श्री सुन्दर मटाई एवं महेन्द्रसिंह चौहान ने किया। कार्यक्रम संयोजक संजय सेठी ने सभी का आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन पूनम पांडे ने किया। 

मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019

जवाहर कला केन्द्र] नेतृत्व के इन्तजर में

जवाहर कला केन्द्र
नेतृत्व के इन्तजार में

मूमल नेटवर्क, जयपुर। जवाहर कला केन्द्र इन दिनों शीर्ष नेतृत्व का इन्तजार कर रहा है। यह इन्तजार महानिदेशक
पूजा सूद के स्तीफे के साथ ही शुरू हो गया है। देखना यह है कि, सरकार कलाकारों की मांग के अनुसार महानिदेशक के पोस्ट पर किसी आईएएस की नियुक्ति करेगी या पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों की पुनरावृति। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि जेकेके स्थापना के साथ चल रही नीति के अनुसार विभिन्न विभागों को फिर से सक्रिय किया जाएगा या विभाग प्रमुखों की समाप्ती के स्थान पर बने एडीजे तकनीक के पद को ही जारी रखा जाएगा।
एडीजी तकनीक अनुराधा सिंह के कार्यकाल समप्त होने के साथ ही कलाकार संगठनों के विरोध ने तेजी पकड़ ली। विरोध को देखते हुए अपने कार्यकाल की समाप्ती के दो माह पहले ही महानिदेशक पूजा सूद ने राज्य सरकार को स्तीफा सौंप दिया। और अब जेकेके के कामकाज की कमान का भार वहां कार्यरत स्थायी कर्मचारियों पर आ गया है। जब तक कोई्र नया महानिदेशक सरकार द्वारा नियुक्त नहीं किया जाता तब तक जेकेके कर्मी केवल पूर्व घोषित कार्यक्रमों को ही अंजाम दे सकते हैं, कोई नया फैंसला नहीं ले सकते।
पहले थे चार रिर्सास पर्सन और अब एडीजे
जेकेके के कार्यों को प्रशासन और वित्त के अतिरिक्त चार विभागों में बांटा गया था डाक्यूमेंटेशन, ड्रामा, म्यूजिक एण्ड डांस तथा विजुअल आर्टस। इन विभागों में से डाक्यमेंटेशन डायरेक्टर व बाकी के तीनों विभागों के रिर्सोस पर्सन्स के पदों को समाप्त कर पूर्ववर्ती सरकार ने एडीजे तकनीक के नए पद का सृजन किया था। महानिदेशक और अतिरिक्त महानिदेशक तकनीक के पदों पर कॅान्टरेक्ट बेस व्यक्तियों की नियुक्ति की गई। और विभाग व उनमें कार्यरत कर्मियों को एडीजे तकनीक के अधीन कर दिया गया। 
कई प्रोग्राम बन्द
जेकेके द्वारा संचालित कई कार्यक्रमों को नए अधिकारियों द्वारा समाप्त कर दिया गया जिसमें प्रमुख रूप से केन्द्र द्वारा लगाया जाने वाला वार्षिक हस्त्शिल्प मेला व राजस्थान के विजुअल आर्टिस्टों के आर्ट कैम्प शामिल हैं। इसके साथ ही प्रकाशन व शोध कार्यों को भी पूरी तरहा से समाप्त कर दिया गया। अलंकार म्यूजियम का अस्तित्व समाप्त कर उसमें प्रदर्शित की जा रही धरोहरों को खुर्द-ब-खुर्द कर दिया गया। 
कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार
स्थाई रूप से नियुक्त कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार के चलते कुछ ने अपने मूल नियुक्ति वाले विभाग में लौटना श्रेयस्कर समझा। कुछ अतिरिक्त कार्यभार के साथ समझौता कर अपने पद व कार्य का तनावपूर्ण स्थिति में निर्वाह करते रहे। इसके चलते कुछ अर्सा पहले ही केन्द्र के ड्रामा विभाग को देख रहे संदीप मदान की ह्रदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। संग्राहालय अध्यक्ष व डायरेक्टर डाक्यूमेंटेशन का अतिरिक्त कार्य देख रहे अधिकारी अब्दुल लतीफ उस्ता को लायबे्ररी के पदभार तक सीमित कर दिया गया, साथ ही कई अन्य कार्यों के उत्तर दायित्व के लिए बाध्य किया गया।
संस्कृति केन्द्र बना प्लाजा
जयपुर की सांस्कृतिक धड़कन के रूप में रवीन्द्र मंच के साथ अपना स्थान बना चुके जेकेके को एक तौर पर प्लाजा का रूप दे दिया गया। कई निजी संस्थाओं को स्थान व लाभ में भागीदारी दी गई।
क्या कहते हैं जानकार
जेकेके की स्थापना के समय से जुड़े वरिष्ठ कलाकारों और जानकारों का कहना है कि, एडीजे तकनीक के पद को समाप्त किया जाए ताकि सभी विभाग एक ही पद तक निहित ना रहें। पहले की तरहा डाक्यूमेंटेशन, ड्रामा, म्यूजिक एण्ड डांस तथा विजुअल आर्टस जैसे विभाग स्वतन्त्र रूप से अस्तित्व में लाए जाएं। सभी विभागों पर विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति हो। इसके साथ ही प्रकाशन व शोध कार्य को फिर से सक्रिय किया जाए। राज्य के कलाकारों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए साथ ही जो नए व अच्छे कार्यक्रम चलाए गए हैं उन्हें भी जारी रखा जाए।