बुधवार, 29 जुलाई 2015

जयपुर में रवीन्द्र मंच के नव निर्माण कार्य पर आपत्ति


रवीन्द्र मंच का मूल स्वरूप बिगाडऩे का आरोप
मंच प्रबंधक ने कहा मूल स्वरूप नहीं बिगाड़ा
मूमल नेटवर्क, जयपुर। टैगोर कल्चरल कॉम्पलेक्स योजना के तहत केन्द्र सरकार की ओर से जयपुर में रवीन्द्र मंच के नव निर्माण कार्य पर आपत्ति उठा रहे वरिष्ठ नाट्यकर्मी रणवीर सिंह की मांग है कि वहां मंच के मूल स्वरूप को नष्ट किए जाने की कार्रवाई तत्काल रोकी जाए। इसी के साथ सही काम कराने के लिए कलाकारों की एक समिति बना कर एक वरिष्ठ कलाकार को उसका अध्यक्ष बनाया जाए।
यहां पै्रस क्लब में आयोजित एक कॉन्फे्रंस में रणवीर सिंह ने कहा कि नव निर्माण के लिए नियुक्त आर्किटेक्ट संगीता मेथली को नियमों के विरुद्ध काम दिया गया है। जबकि मंच के पुराने जानकार आर्किटेक्ट प्रमोद जैन को इसके मूल स्वरूप की बेहतर जानकारी है।
नव निर्माण के नाम पर जयपुर रवीन्द्र मंच के एतिहासिक रूप के साथ जिस तरह छेडख़ानी और तोड़-फोड़ की जा रही है वह सहन करने योग्य नहीं है। इस पर रोक के लिए 15 जुलाई को न्यायालय में याचिका दायर की गई। मामले की पहली सुनवाई 20 जुलाई को हुई, लेकिन तब हालात पर बहस नहीं हो पाई। उसके बाद 23 व 28 जुलाई को हुई बहस के दौरान रवीन्द्र मंच प्रशासन द्वारा यह कहा गया कि मंच के मूल स्वरूप से कोई छेडख़ानी नहीं की जाएगी। अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
वरिष्ठ कलाकार और नाट्यकर्मियों की संस्था 'इप्टा' के अध्यक्ष रणवीरसिंह का कहना है कि रवीन्द्र मंच को केन्द्र की स्कीम से प्राप्त धनराशि से नव निर्माण के नाम पर व्यावसायिक रूप दिया जा रहा है। इसके लिए नोडल एजेंसी नेशनल स्कूल आफ  ड्रामा को बनाया गया है। पूर्व प्रमुख सचिव सल्लाउद्दीन अहमद के समय आर्किटेक्ट प्रमोद जैन ने जो मूल नक्शा तैयार किया था, उसे रद्द कर दिया गया है। उस समय योजना के अन्र्तगत बनाए गए ग्रीन रूम्स तोड़े जा रहे हैं। ओपन एयर थिएटर और उसके स्टेज को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है। जिस कमरे में टिकट काउंटर थे उसमें टायलेट बनाए जा रहे हैं। पहले जहां लॉबी और कैंटीन थी अब उसे आर्ट गैलेरी के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। ग्रीन रूम्स को स्टेज के ऊपर बनाए जाने का प्लान है। कलाकार स्टेज पर कैसे प्रवेश करेंगे और सेटिंग ले जाने की तो जगह ही नहीं छोड़ी गई है। परफोमिंग आर्ट के इस केंद्र में विज्युअल आर्ट की गतिविधियों को बढ़ाया जा रहा है।
आर्किटेक्ट की नियुक्ति नियम विरुद्ध
रणवीर सिंह का कहना है कि संगीता मेशेल नाम की आर्किटेक्ट को नियुक्त किया गया है जो नियम विरुद्ध है। सन् 1972 में जो आर्किटेक्ट एक्ट बना था उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि सरकारी टेण्डर वही आर्किटेक्ट भर सकता है जो आर्किटेक्ट काउंसिल का सदस्य हो जबकि संगीता मिशेल काउंसिल की मेम्बर ही नहीं है।
ब्लू प्रिंट की कॉपी के मांगे 4500 रुपए
हमारा विवाद आर्ट कल्चर डिर्पाटमेंट और आवास विकास विभाग से है। आरटीआई के जरिए मामले की जानकारी के लिए जब योजना की ब्लू प्रिंट की फोटोकॉपी मांगी थी तो तत्कालीन मंच मैनेजर अनिता मीणा ने 4500 रुपए की राशि जमा कराने का पत्र भेज दिया। हमने यह बात जब वर्तमान मैनेजर सोविला माथुर के आगे उठाई तो उन्होंने राशि को संशोधित करते हुए मात्र 200 रुपए जमा करवा के हमें ब्लू प्रिंट उपलब्ध करवा दिया।
कुछ भी गलत नहीं हो रहा -सोविला माथुर 
इस पर रवीन्द्र मंच की मैनेजर सोविला माथुर से की कई वार्ता में उन्होंने बताया कि रवीन्द्र मंच के मूल स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। आगे भी जो कुछ  निर्माण कार्य होगा तय योजना के अनुसार ही होगा। योजना के अनुसार ओपन एयर थिएटर की सिटिंग कैपेसिटी बढ़ानी है और उसके फ्लोर के नीचे से लाईट साऊण्ड वगैरह की अण्डर ग्राउण्ड वायरिंग की जानी है, इसलिए फ्लोर तो तुड़वाना ही पड़ेगा। जो वायरिंग के बाद पूर्ववत बनवा दिया जाएगा। पार्किंग व्यवस्था को भी सही किया जाएगा।
अन्दर जो टायलेट दुर्गन्ध फैलाते थे, उसे बाहर निकाला जाना है। कैफेटेरिया और लाबी में कलात्मक रचनाओं का प्रदर्शन किए जाने की भी योजना है। जिसमें कोई व्यावसायिक प्रदर्शन नहीं होगा केवल आर्ट व कल्चर से सम्बन्धित  प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। इसमें विजुअल और परफोर्मिंग दोनों ही आर्ट के प्रदर्शन हो सकेंगे। इसका रूप लगभग वैसा ही होगा जैसा कि स्वर्ण जयंति समारोह के तहत इस जगह पर लगाई गई प्रदर्शनी का था। इसके साथ ही मार्डन आर्ट गैलेरी बनाई जाएगी। यह सब कुछ योजना के फस्र्ट फेज के तहत किया जा रहा है। इसका बजट 14 करोड़ रुपए स्वीकृत हुआ है। यह सब कुछ नेशनल स्कूल आफ  ड्रामा के निरीक्षण में हो रहा है, इसलिए यदि बनाई गई योजना से कुछ अलग होता है तो काम का पैसा ही नहीं मिल पाएगा।
आर्किटेक्ट की नियुक्ति आवास विकास विभाग द्वारा की गई की है इसमें रवीन्द्र मंच प्रशासन का कुछ लेना देना नहींं है।
अधिकारियों ने किया दौरा
रवीन्द्र मंच पर निर्माण को लेकर कोर्ट-कचहरी की चर्चाओं के चलते 29 जुलाई को कला एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल, राजस्थान आवास विकास संस्थान के एक्सईएन राम सहाय रावल व आर्किटेक्ट संगीता मिशेल ने करीब ढाई धंटे तक मंच के नव निर्माण का काम-काज देखा। रवीन्द्र मंच की प्रबंधक साविला माथुर भी साथ रहीं। अधिकारियों ने निर्माण कार्य पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन कार्य की गति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि काम की गति बढ़ाकर इसे अक्टूबर माह तक पूरा किया जाए। इसके लिए प्रबंधक को हर माह प्रगति का विवरण देने के निर्देश दिए।
(विशेष: रवीन्द्र मंच के नवनिर्माण के संबंध में मूमल में एक वर्ष पूर्व ही साइट प्लान सहित विस्तृत आलेख प्रकाशित किया जा चुका है। कृपया 1 अगस्त 2014 के अंक में पृष्ठ 4 व 5 देखें )