शनिवार, 25 जनवरी 2014

नेशनल आर्ट वर्कशॉप 3 से 6 फरवरी तक

 मूमल नेटवर्क, जयपुर। प्रदेश के सबसे पुराने कला शिक्षा संस्थान राजस्थान स्कूल आफ आर्ट में तीसरी राष्ट्रीय कला कार्यशाला का आयोजन 3 से 6 फरवरी तक कॉलेज परिसर में किया जाएगा। इसमें देश भर के युवा अपनी कला के तेवर दिखाएंगे। पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की शिक्षा पा रहे लगभग 60 युवा कलाकार  चित्रकला और एप्लाइड आर्ट के जरिए विभिन्न सामाजिक सरोकारों पर कई पेंटिंग और पोस्टर बनाएंगे। कार्यशाला में तैयार कलाकृतियों को प्रदर्शित भी किया जाएगा।
यह होंगे प्रतिभागी
आर्ट वर्कशॉप के कन्वीनर सुनीत घिल्डियाल ने बताया कि इस कार्यशाला में  लगभग 11 प्रतिष्ठित कालेजों व ललित कला संकाय भाग लेने जा रहे हैं। इनमें फाइन आर्ट संकाय बड़ौदा, कला भवन, शांति निकेतन, बीएचयू वाराणसी का दृश्य कला संकाय, दिल्ली कॉलेज आफ आर्ट, लखनऊ कॉलेज आफ आर्ट, चंडीगढ़ कॉलेज आफ आर्ट, जामिया मिलिया इस्लामिया का ललित कला संकाय, हैदराबाद कालेज आफ आर्ट, चित्रकला परिषद, बंगलौर से ललित कला संकाय, जयपुर के आईसीजी कालेज का ललित कला संकाय, राजस्थान विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के साथ राजस्थान स्कूल आफ आर्ट के विद्यार्थी भाग ले रहे  हैं ।
एक परिचय
राजस्थान स्कूल आफ आर्ट को 1857 में स्थापित किया गया था। कला को शिक्षण के जरिए बढ़ावा देने राजस्थान की सबसे पुरानी संस्था है। यह संस्था गुलाबी नगर के किशनपोल बाजार की एक पुरानी इमारत में स्थित है। इस इमारत की अपना एतिहासिक महत्व है। इस कालेज से शिक्षण प्राप्त कर चुके विद्यार्थी पिछले 150 वर्षों से ना केवल देश अपितु विदेशों में भी आज अपनी कला के दम पर पहचाने जाते हैं।

 नेशनल आर्ट वर्कशॉप 3 से 6 फरवरी तक

सोमवार, 20 जनवरी 2014

National art Exhibition राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी मार्च में

                           राजस्थान के तीन कलाकारों का काम चुना               
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। 55वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी मार्च महीने के दूसरे सप्ताह तक दिल्ली में शुरू होगी। इस प्रदर्शनी के लिए देशभर के हजारों कलाकारों की कृतियों में से इस बार 172 कलाकृतियां प्रदर्शन के लिए चुनी गई हैं। इनमें राजस्थान के तीन कलाकारों का काम शामिल किया गया है।
राजस्थान से शामिल किए गए तीन कलाकारों में जयपुर के आकाश श्री चंदनराम व इरा टांक तथा उदयपुर की ज्योतिका राठौड़ के नाम हैं। आकाश ने जहां मिक्स मीडिया में 'रिचाार्जिंगÓ शीर्षक से काम किया है वहीं इरा टांक ने कैनवास पर एक्रेलिक से 'बॉन्डिंगÓ शीर्षक से अपने भाव व्यक्त किए हैं। उदयपुर की तेजी से उभर रही कलाकार ज्योतिका राठौड़ ग्राफिक के जरिए उपकरणों में खोई अपनी पहचान खोजते व्यक्ति पर अपनी सोच जाहिर की है।
Era Tak




Jyotika Rathour

बुधवार, 15 जनवरी 2014

कला मेला (17) जेकेके में 7 फरवरी से

सौ से ज्यादा स्टॉल्स में होंगी कृतियां
सात से साथ होंगे एक हजार कलाकार
मूमल नेटवर्क, जयपुर।
राजस्थान ललित कला अकादमी के वार्षिक 17वां कला मेले की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं।  7 से 11 फरवरी तक जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में आयोजित होने वाले इस मेले के लिए प्रदेश के विभिन्न भागों से कलाकार भाग लेगे।
इस बार मेले की उपयोगिता में और वृद्धि के लिए कई उपाय किए गए हैं।  इसके तहत कला मेले के स्थान परिवर्तन को गंभीरता से लिया गया। इससे पहले तक यह कला मेला रवीन्द्र मंच परिसर में आयोजित किया जाता रहा, लेकिन वहां तक पहुंचने वाले दर्शकों की संख्या कम होने के कारण मेला अपेक्षाकृत फीका लगता था। इस बार शहर का कला केंद्र माने जाने वाले जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में इसे आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2011 में भी जेकेके में इसका आयोजन हुआ था और तब काफी संख्या में आम दर्शकों ने इसे देखा और सराहा था। इसके साथ ही इस बार कलाकार और कलाकृतियों की चयन प्रक्रिया को भी पिछले वर्षों के मुकाबले थोड़ा कठिन किया गया है। इस बार राज्य स्तर पर पुरस्कृत कलाकारों की कृतियों को अधिक से अधिक संख्या में शामिल किया गया है। हालांकि उन कृतियों को भी शामिल किया गया है  जो किन्हीं कारणों से पुरस्कृत नहीं हो पाई हों, लेकिन जो कलात्मक दृष्टि से बेहतर हैं।

लगभग एक हजार चित्रकार और मूर्तिकार 
मेला परिसर में 110 स्टॉल्स में प्रदेश के एक हजार से भी अधिक चित्रकार और मूर्तिकार भाग लेंगे। इस बार भी कला मेले में कलाकृतियों की बिक्री पर विशेष जोर दिया जाएगा। पिछले आयोजनों की तरह इस बार भी इसके लिए आर्ट कलेक्टर्स, होटल इंडस्ट्री, इंटीरियर डेकोरेटर्स और स्कूल कॉलेजों को इसमें आमंत्रित कर कलाकृतियों की खरीद के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही मेले में व्यक्तिगत प्रोत्साहन पुरस्कार भी अधिक से अधिक संख्या में जुटाने की कोशिश की जा रही है।
काम के लोग
समारोह के संयोजक वरिष्ठ चित्रकार डॉ.नाथू लाल वर्मा ने अपनी विषम शारीरिक परिस्थियों के बावजूद पिछले दिनों अनवरत काम करते हुए कला मेले को आकार दिया है। अकादमी संकुल, शिल्पग्राम और शासन सचिवालय के बीच लगातार चले आवागमन और आवश्यक समन्वय के बाद एक बार फिर यह स्थापित हुआ है कि कला जगत में काम के लोग वास्तव में काफी कम हैं।
ये हैं चयन समिति के सदस्य 
चयन समिति में मेला संयोजक नाथू लाल वर्मा सहित चित्रकार सुब्रतो मंडल, लालचंद मारोठिया, डॉ. जगमोहन माथोडिय़ा, श्वेत गोयल और मूर्तिकार सुमन गौड़ को शामिल किया गया। 

गुरुवार, 2 जनवरी 2014

Moomal 2014 Jan-1








भूल सुघार
सुधि पाठक
आपको भेजे गए मूमल के ताजा अंक में पृष्ठ आठ पर राजस्थान ललित कला अकादमी से संबंधित एक समाचार का शीर्षक गलत चला गया है। कृपया इसे इस प्रकार पढ़ें।
राजस्थान ललित कला अकादमी की कार्यकारिणी भंग
संपादकीय जांच की इस भूल का हमें खेद है।
असुविधा के लिए क्षमा...
आपकी मूमल
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