गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018

कला रचनाओं में आकार लेती अभिव्यक्तियां

कला रचनाओं में आकार लेती अभिव्यक्तियां
खजूराहो नृत्य समारोह में चित्रों के रंग
खजुराहो नृत्य समारोह में दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का आज समापन है। नृत्य का साथ देते चित्रों ने इस समारोह को रंगों से भर दिया है।
समारोह के आरम्भ में 20 फरवरी से जूनियर आर्टिस्ट कैम्प कैम्प में दो समूहों समकालीन व जनजातीय में चित्रकारों ने अपनी रचनाओं को साकार किया है।
समकालीन समूह के चित्रकारों में आनंद डबली (नागपुर), प्रेम कुमार सिंह सिकरवार (धार मध्यप्रदेश), रोशनी गोपाल राव इंगोले ( नागपुर), दिव्या खरे (ग्वालियर), सुनील कुमार सिंह (सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश), भूपेंद्र कुमार अस्थाना (ग़ाजिय़ाबाद उत्तर प्रदेश), ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ( प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश), मुकेश कुमार (नई दिल्ली), कृति सक्सेना (आगरा उत्तर प्रदेश) शामिल हैं।
जनजातीय और लोक चित्रांकन समूह के चित्रकारों में कैलाश चंद्र जेना (पूरी उडि़सा), कालूराम टेकम (भोपाल मध्य प्रदेश), दीपक भंडारी (काँगड़ा हिमांचल प्रदेश), सुमन भारद्वाज (कांगड़ा हिमांचल प्रदेश), संतोष कुमार महाना (पूरी उड़ीसा), रहमान पटेल (गुलबर्गा कर्नाटक), सुनील कुमार (कांगो), राजीव कुमार (कांगड़ा हिमांचल प्रदेश), दिनेश पालीवाल (उदयपुर राजस्थान), संजीव कुमार (कांगड़ा हिमांचल प्रदेश) ने भाग लिया है।
कार्यशाला में चित्रकारों ने अपने मनोभावों को कैनवास पर रूप प्रदान किया।   -भूपेन्द्र आस्थाना





सांभर महोत्सव कल से

सांभर महोत्सव कल से
दिखेंगे कला के विभिन्न रंग
मूमल नेटवर्क, जयपुर/सांभरलेक। राजस्थान में कला और संस्कृति के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयेजित सांभर महोत्सव में रंग भरने के लिए जयपुर आर्ट समिट की तरफ से कला चर्चा, कला प्रदर्शनी व कला कैम्प का आयोजन किया जाएगा।।

कला प्रदर्शनी 

प्रदर्शनी में भारत सहित बारह देशों के 30 कलाकारों की चुनिंदा कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जायेगा। अन्य देशों में बब बांग्लादेश, इजिप्ट, ईरान, साऊथ कोरिया, श्रीलंका, ग्रीस, अमेरिका, यमन, स्विट्जऱलैंड, ऑस्ट्रेलिया और लेबनान होंगे। प्रदर्शनी के कोऑर्डिनेटर आर्टिस्ट रवि माइकल एवं मूर्तिकार एल एन नागा हैं।

प्रदर्शनी में शामिल कलाकार
इजिप्ट - अबु एलेंगा
बांग्लादेश - रंजीत दास, मेहबूब मुर्शिद
ऑस्ट्रेलिया - डेनियल कांनेल
ईरान - आमिर जोकर
ग्रीस - नटीना अनस्तसयादौ (मूर्तिशिल्प)
लेबनान - कासिर राशा
साउथ कोरिया - युनसूक ली, कयूनयंग सांग, मिजो ली
स्विट्जरलैंड - हमौदा अब्देर्राजक
श्रीलंका - चामिंदा गामागे, सारथ परेरा
अमेरिका - लेरोय पारकर
यमन - मज़हर निज़ार
भारत - एस जी वासुदेव, अंजनी रेड्डी, श्रीधर अइयर, रविन्द्र साल्वे, चरण शर्मा, विजेंद्र शर्मा, आलोक भट्टाचार्य, विनोद शर्मा, अमृत पटेल, अविनाश कर्ण, रिनी धुमाल (मूर्तिशिल्प)
इन कलाकारों के साथ राज्य की कुछ महिला कलाकारों का आर्ट इंस्टालेशन भी प्रदर्शित किया जायेगा। इसमें प्रमुख कलाकार सविता शर्मा और शालू शर्मा हैं।

महिला आर्टिस्ट कैंप

समिट द्वारा महिला आर्टिस्ट कैंप का आयोजन किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण के तहत प्रदेश की युवा महिला कलाकारों को कला जगत में पहचान बनाने के अवसर प्रदान करना है। इस कैम्प में जयपुर आर्ट समिट का साथ व्हाइट कैनवास दे रहा है। कैंप के कोऑर्डिनेटर आर्टिस्ट हंसराज कुमावत हैं। आयोजकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कैंप का उद्घाटन कला, साहित्य, संगीत, समाजसेवा, खेलकूद, शिक्षा, पर्यटन इत्यादि के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली प्रदेश की महिलाओं द्वारा किया जायेगा।
कैम्प के कलाकार 
शिखा राजोरिया, शिखा कुमारी, आकांक्षा अग्रवाल, दीपाली शर्मा, श्रेया सिंह, आशा कुमारी, छवि शर्मा, बरखा मीना, कुसुम चौहान, पूजा भार्गव, मनीषा खींची, दुर्गा राठौर एवं पूजा सोनी।

कला चर्चा 

कला के समसामयिक महत्व को ध्यान में रखते हुए  'कलात्मक सौंदर्यबोध में स्वच्छता के साक्ष्य और संप्रेषण' बिषय पर कला चर्चा की जायेगी। कला चर्चा में कला के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े ऐसे कलाकारों के साथ बातचीत की जायेगी जिन्होंने कला को संकीर्ण परिधि से ऊपर उठाकर आम आदमी के मन से स्वार्थ, परिवार, क्षेत्र, धर्म, भाषा और जाति आदि की सीमाएँ मिटाकर कला को विस्तृत करते हुए व्यापकता प्रदान की है। फेस्टिवल में उपस्थित विभिन्न आर्टिस्ट, कला मर्मज्ञ,  कंपनी प्रशासक, देश और विदेश से आये मेहमानों कला की इस खुली चर्चा में भाग लेंगे। कला चर्चा का कोआर्डिनेशन लेखक एवं कलाकार अमित कल्ला करेंगे। 

साइनोटाइप वर्कशॉप का हुआ समापन

साइनोटाइप वर्कशॉप का हुआ समापन
प्रतिभागियों ने सीखा एसिड-फ्री 'साइनोटाइप' प्रिंटमेकिंग आर्ट
मूमल नेटवर्क, जयपुर। साइनोटाइप प्रिंटमेकिंग की नॉन-टॉक्सिक तकनीकें सिखाने के लिए जवाहर कला केंद्र द्वारा आयोजित वर्कशॉप का कल समापन हुआ। रीफर्बिश ग्राफिक आट्र्स स्टूडियो में चल रही वर्कशॉप में छाप फाउण्डेशन की कविता शाह ने प्रतिभागियों को प्रिंटिंग की वैकल्पिक विधि ईको-फ्रेंडली प्रोसेस सिखाया।
कविता शाह ने बताया कि प्रिंट मेकिंग की वैकल्पिक प्रोसेस का उपयोग करके हम ना सिर्फ पर्यावरण बल्कि प्रिंट मेकर्स की रक्षा भी कर रहे हैं जो प्रिटिंग के दौरान विभिन्न विषैले रसायनों को श्वसन प्रक्रिया के दौरान ग्रहण करते हैं। नई पीढ़ी को इन तकनीकों को सिखाना इसलिए आवश्यक है ताकि वे जहरीले रसायनों का उपयोग नहीं करें। नई पीढ़ी इन वैकल्पिक तकनीकों को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है और दूसरों को इसके बारे में जानकारी भी दे सकती है।
इस वर्कशॉप में 10 प्रतिभागियों ने ब्लू प्रिंट मेकिंग के आसान तरीके सीखे। उल्लेखनीय है कि 'साइनोटाइप' वर्कशॉप जेकेके में फरवरी एवं मार्च माह में आयोजित की जा रही चार वर्कशॉप श्रृंखला की दूसरी कार्यशाला है। इन सभी वकशॉप्स का मुख्य फोकस पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गैर-विषैली सामग्री का उपयोग करना है। 

बुधवार, 21 फ़रवरी 2018

नीड ऑफ द हवर -आलटरनेटिव आर्ट स्पेसस

नीड ऑफ  द हवर -आलटरनेटिव आर्ट स्पेसस
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। कल शाम 4 बजे ललित कला अकादमी के अलीगंज स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में नीड ऑफ  द हवॅर -आलटरनेटिव आर्ट स्पेसस विषय पर प्रानामिता बोरगोहेन ने व्याख्यान दिया।
उदाहरण सहित व्याख्यान देते हुए आर्ट क्यूरेटर एव आर्ट क्रिटिक प्रानामिता बोरगोहेन ने वैकल्पिक कला संस्थायो अथवा स्थानों की अवश्यकता पर विशेष रूप से बल दिया। इनका मानना है कि खोज एवं 1शान्तिरोड बैगलुरू जैसी संस्थाएं युवा उदीयमान कलाकारो को प्रयोगात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करते है ताकि वह कला जगत मे अपना स्थान बना सके।
उन्होंने बताया कि, अमेरिका में इस तरह का प्रयोग वर्ष 1970 में आरम्भ हुआ था। वहा पर फूड एवं द किचन नामक व्यवसायिक संस्थाओ ने अपने स्थान को कला वीथिका मे शमिल किया। इस प्रयोग से नये कलाकारो की कृतियो को जनमानस से जोड गया । हमारे देश मे इस तरह के प्रयोगो के लिए बहुत स्कोप है जैसे की मेट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट, व्यस्त बाजार जैसे पब्लिक प्लेसेस में कलाकृतियो का निर्माण ना केवल सौन्दर्यबोध में अभिवृद्धि कर सकते है साथ ही कलाकार की सृजनशीलता को भी एक प्लेटफार्म प्रदान कर सकते है । 

मंगलवार, 20 फ़रवरी 2018

आज से शुरू हुई प्रदर्शनी अभिव्यक्ति-एक प्रयास


आज से शुरू हुई प्रदर्शनी अभिव्यक्ति-एक प्रयास
आईआईएस यूनिवर्सिटी की 18वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी
मूमल नेटवर्क, जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की चतुर्दिक कला दीर्घा में आज से आईआईएस यूनिवर्सिटी की 18वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी अभिव्यक्ति-एक प्रयास शुरु हुई। प्रदर्शनी का उद्घाटन राजस्थान ललित कला अकादमी के चैयरमैन डॉ. अश्विन एम. दलवी ने किया।
इस प्रदर्शनी में विज़ुअल आटर््स विभाग की लगभग 185 छात्राओं ने 1500 कलाकृतियां के जरिये अपनी सोच, भावनाओं व विचारों को रंगों, स्ट्रोक््स, टेक्स्चर और कला के रूप में अभिव्यक्त किया है।
इस चार दिवसीय प्रदर्शनी में पेंटिंग के साथ ब्लू पॉटरी, क्ले, टैराकोटा, फाइबर ग्लास, मेटल एवं कॉन्क्रीट का इस्तेमाल करते हुए छात्राओं ने अपने भावों को बहुत ही खूबसूरती के साथ कृतियों के रूप में ढाला है। प्रदर्शनी 23 फरवरी तक चलेगी।

बहुमाध्यम कलाकार शिविर में शुरु हुई ग्राफिक व पेंटिंग की रचना

बहुमाध्यम कलाकार शिविर में शुरु हुई ग्राफिक व पेंटिंग की रचना
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। ललित कला अकादमी के  क्षेत्रीय केन्द्र में क्षेत्रीय बहुमाध्यम कलाकार शिविर में कल 19 फरवरी से ग्राफिक एवं पेंटिंग विधा के कलाकारों ने अपनी कृतियों को आकार देना शुरु कर दिया है। क्षेत्रीय केन्द्र के सचिव प्रभारी राजेश कुमार शर्मा ने पुष्प गुच्छ देकर सभी कलाकारों का अभिनन्दन किया।
उल्लेखनीय है कि इस शिविर में 18 कलाकार प्रतिभागी हैं। मूर्तिकला एवं सिरेमिक विधा के कलाकार 116 फरवरी से अपनी कृतियों को आकार दे रहे हैं।फरवरी तक अपनी रचना करेंगें जबकि 19 से 25 फरवरी,तक ग्राफिक एवं पेंटिंग विधा के कलाकार अपनी कृतियों को आकार देंगे।

यह हैं प्रतिभागी कलाकार
दिनेश सोनकर, मऊ
राम मिलन सिंह, मऊ
अभिषेक शर्मा, मऊ
बलदाऊ जी वर्मा, मऊ
त्रिभुवन कुमार, मऊ
रोकेश कुमार सिंह, उदयपुर
संदीप कुमार मेघवाल, उदयपुर
मयंक शर्मा, उदयपुर
मो. तलहा वाहिद, बरोडा
क्रुनाल कहार, बरोडा
मंजीत सिंह वर्मा, लखनऊ
नीलम कुमारी, लखनऊ
मैत्री विजय छेदा, महाराष्ट्र
अनस सुल्तान, मेरठ
कृष्णा फूलवाला, वडोदरा
प्रवीन सुरेश हाथवर, वडोदरा
अजीत कुमार मौर्या, जौनपुर
श्रद्धा तिवारी, कानपुर

सोमवार, 19 फ़रवरी 2018

पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर का आज हुआ समापन

पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर का आज हुआ समापन
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। ललित कला अकादमी के अलीगंज स्थित क्षेत्रीय केन्द्र में चल रहे पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर  का आज शाम 4 बजे समापन हुआ। समापन पर शिविर में रचित कृतियों को प्रदर्शित किया गया। शिविर में भाग ले रहे 10 कलाकारों ने अपने मनोभावों को कृतियों के रूप में जीवन्त किया है।
मणिपुर के कलाकार अथोकपम कुबेर सिंह ने नेचर शीर्षक से कृति की रचना की है। अपनी कृति में उन्होंने ब्रह्यण्ड में प्रकृति के बीच निरंतर चलते द्वंद को दर्शाया है जिसे महसूस किए बिना मानव अपनी लालसा मे पड़कर प्रकृतिक सुंदरता को बेरहमी से नष्ट कर देता है।
गोवाहाटी असम की रिकूं चक्रबती ने ब्यूटी आफ  असम नामक कलाकृति की रचना की है। रिंकू असम के प्राकृतिक सौन्दर्य से बहुत प्रभावित है इसलिए प्राकृतिक सुन्दरता को अपना विषय बनाया है ।

एच लक्ष्मी इस शिविर में हिससा लेने के लिए मणिपुर से आई हैं। इन्होंने अपनी अनटाईटिल्ड पेंटिंग में जीवन के दुख सुख को व्यक्त करने की कोशिश की है। लक्ष्मी का कहना है कि हर व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख दोनो होते है पर जीवन को जीने के लिए हमें खुश रहना होता है और अपनी उदासीनता को ढकना होता है।
मणिपुरकी ही पूर्णिमा नानगॉव का मानना है कि बचपन से ही हम अपने माता पिता की विचारधाराओं पर जीवन व्यतीत करते है पर जब हम किशोरावस्था पर पहुँचते है तो जीवन को अपने नजरिए सेे व्यतीत करते है। इन्हीं विचारों का चित्रण उन्होंने अपनी पेंटिंग रिब्यूक में किया है ।
पूर्वोत्तर के दीपेन्दु बाउल ने फिलहाल मुम्बई को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना है। लखनऊ कलाकार के जेहन में बसता है। इस शहर के बारे में जो कुछ दीपेन्दु ने फिल्मों में देखा और सुना उन्हीं स्मृतियों को अपनी कृति मुजरा के जरिये चित्रित किया है।
वाश शैली में पारंगत उत्तर प्रदेश के चित्रकार राजेन्द्र प्रसाद ने इसी शैली में अपनी कृति आवाहन की रचना की है।
कर्नाटक से आए आर्टिस्ट शकंर वी कड़ाकुन्टला  ने अपनी कलाकृृति में कर्नाटक की समाजिक परंपराओ और त्यौहारों का चित्रण किया है। अपनी कृति को उन्होने टाईगर नाम दिया है। कृति मेेंं कलाकार ने यह दर्शाया है कि कर्नाटक में मौहर्रम के अवसर पर हिन्दू धर्मावलम्बी जुलुस मे शिरकत करते है एवं अपने शरीर पर विभिन्न प्रकार के रंग लगाते है। इस परम्परा से हिन्दू मुस्लिम एकता के भाव जाहिर होते हैं जो कलाकार के अन्तरमन को प्रभावित करते हैं।
प्रमोद आर्या चंडीगढ़ से हंै। उन्होनें अपनी कलाकृति माइन्डस्केप में लखनऊ के सुहावने मौसम, गोमती तटबन्ध और यहाँ के जीवन व पुरातन इमारतो से प्रभावित होकर सफेद पत्थरो से निर्मित इमारतों की कल्पना करते हुए तत्कालीन सभ्यता को दर्शाया है
अर्चना यादव भोपाल से आई हैं। इन्होंने व्यक्ति की बौ़िद्धक स्वतंत्रता के असीमित होने एवं सीमाओं से परे होने का चित्रण अपनी अनटाईटिल्ड कृति में किया है।
बैलून गर्ल शीर्षक की कृति कर्नाटक के विठ्ठल रेड्डी चुलाकी ने की है।

रविवार, 18 फ़रवरी 2018

नई उम्मीदों के साथ विदा हुआ अंतर्राष्ट्रीय कला मेला

नई उम्मीदों के साथ विदा हुआ अंतर्राष्ट्रीय कला मेला 
कल शाम हुआ समापन
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। नयी उम्मीदों और शुभकामनाओं के साथ ललित कला अकादमी आयोजित प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय मेले ने विदाई ली। यह पन्द्रह दिवसीय मेला 4 फरवरी से  इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में कला, कलाकारों व कलाप्रेमियों की गतिविधियों का केन्द्र बना हुआ था। आयोजकों के अनुसार लगभग एक लाख लोगों ने मेले में सजी कृतियों को देखा।
इस कला मेले में यूरोप, पैन एशिया, और अफ्र्रीका  के कलाकारों ने हिस्सा लिया। मेले में शामिल होने वाले कुल कलाकारों की संख्या करीबन एक हज़ार थी। कृतियों के प्रदर्शन के लिए तकरीबन तीन सौ पच्चीस स्टॉल लगाए गए थे।
मेले में शामिल होने के लिए चीनए पेरू, पुर्तगाल, श्रीलंका, पोलैंड, ट्यूनीशिया, मेक्सिको, हंगरी, इंडोनेशिया,
अमेरिका, ईरान, फिजी, फ्रांस, चेक रपब्लिक, यूके, और स्पेन इत्यिादिे देशों से कलाकार आये। कृतियों के प्रदर्शन के साथ पेंटिंग कॉपीटीशन, फिल्म स्क्रीनिंग, आर्ट वर्कशॉप व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय मेले की समाप्ति की घोषणा करते हुए ललित कला अकादमी प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी ने कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय कला मेला स्वप्न के सच होने के सरीखा है। मेले में लगभग 1000 से अधिक कलाकार हैं और हमने कला के लगभग हर फलक को छूने की कोशिश की है। हमें जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली है वह उत्साहित करने वाली है। मेले में भाग लेने वाले कई कलाकार हम तक आये और हमसे मेले के आगामी सीजन के बारे में पूछा है। मुझे उम्मीद है कि आगामी सीजन में अंतर्राष्ट्रीय कला मेला अपनी सफलता की कहानियाँ दुहरायेगा साथ ही साथ नयी कहानियाँ भी गढ़ेगा।

कलाकृतियों में दिखे युवा कलाकारों के प्रयोग

कलाकृतियों में दिखे युवा कलाकारों के प्रयोग
सात प्रदेशों के कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित
मूमल नेटवर्क, इलाहबाद।
आज कलाकार केवल कारीगर की तरह कार्य नही करना चाहता। वह निरंतर अपनी कृतियों में नए प्रयोग करता है। अपने विचारों को नित नए व आधुनिक माध्यमो के द्वारा नवीन रूप प्रदान कर रहा है। एक दार्शनिक और मनोवैज्ञानिक की भांति कार्य करने का विचार करता है। अपने जीवन दर्शन को निर्धारित करता है। वह केवल परंपरा का सहारा नही लेना चाहता अपितु अपने बुद्धि, विवेक के और अनुसंधान के बल पर कार्य करना चाहता है। इसी लिए आधुनिक कला के नए-नए रूप सामने आ रहे हैं।
निश्चित रूप से यह विचार उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र के महात्मा गांधी कला वीथिका में चल रही प्रर्दशनी को देखकर दर्शकों के मानस में आ रहे होंगे। सात प्रदेशों के कलाकारों की कृतियों से सजी तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन कल इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता ने किया। प्रदर्शनी में 48 कलाकारों की 55 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
प्रदर्शनी में शामिल प्रदेश
इस प्रदर्शनी में सात प्रदेशों दिल्ली, कोलकाता, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और असम।
यह हैं कलाकार
अदिति सक्सेना, अच्युतानंद मिश्र, अजित कुमार, अक्षय सिंह, अम्बरीष मिश्र, अनिल कुर्मी, अंकित सिंह, बैशालिक धारा, भानु श्रीवास्तव, बृज मोहन आर्या, भूपेंद्र कुमार अस्थाना, धर्मेन्द्र कुमार, दिलीप कुमार पटेल, धीरज यादव, फरहान अली, गिरजा शंकर नेतम, जगजीत रॉय, जलज यादव, जिज्ञाषा मिंज, कौस्तुभ पांडेय, मनीष तामारकर, मोनिका भारती, डॉ नीता श्रीवास्तव, पूनम नागू, प्रदीप कुमार, प्रशांत पॉल, प्रीति सिंह, प्रियंका शाह, प्रमोद बरुआ, राहुल उषाहरा, राजेश सिंह, रंजन सिंह, रंजीता मौर्य, रश्मि सिंह, रवि अग्रहरि, रवि सोनी, रोहित सिंह, साक्षी केसरवानी, शनी केसरी, शुभम वर्मा, सिमरन नुरूला, सुनील काली, सुशील पाल, त्रिभुवन कुमार, वंछा दीक्षित, विवेक जायसवाल तथा युगल किशोर मंडावी।
प्रदर्शनी का समापन कल 19 फरवरी को होगा।

59वीं वार्षिक प्रदर्शनी में शामिल आर्टिस्ट

59वीं वार्षिक प्रदर्शनी में शामिल आर्टिस्ट
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी आयोजित 59वीं वार्षिक प्रदर्शनी के लिए कुल 85 आर्टिस्ट की 129 कृतियों को चुना गया। इनमें स्टेट अवार्ड के लिए चुने गए 10 आर्टिस्ट शामिल हैं। सभी कृतियों को तीन खण्डों में विभक्त किया गया है। इंस्टालेशन को मूर्तिशिल्प माना गया है। चुने गए 85 आर्टिस्ट्स की सूचि दी जा रही है।

चित्र, रेखांकन व ग्राफिक कलाकार
क्रमांक आर्टिस्ट का नाम कृतियों की संख्या
1. अनुप्रिया राजावत, वनस्थली 3
2. अमित राजवंशी, अजमेर  2
3. आरती बोहरा, जयपुर 2
4. अमित सोलंकी        3
5. अनुष्कस पाण्डया, भीलवाड़ा 1
6. डॉ. अचल अरविन्द, कोटा 2
7. अजीत कुमार, जयपुर 1
8. अजय मिक्षा, टोंक 1
9. अमिता सिंह        1
10. बजरंग गूर्जर, भीलवाड़ा 1
11. बनवारी लाल मीणा, दौसा 1
12. चनद्र प्रकाश जैन, जयपुर 1
13. दिनेश कुमार मेघवाल 1
14. दीपिका माली, उदयपुर 1
15. दीपाली शर्मा, जयपुर         1
16. गीतांजलि वर्मा, अजमेर 2
17. हिम्मत गायरी, उदयपुर 2
18. इति कच्छावा, उदयपुर 1
19. इरा टाक, जयपुर 1
20. ज्योतिका राठौड़, उदयपुर 2
21. जगदीश शर्मा, जयपुर 1
22. कुमुदिनी भरावा, भीलवाड़ा 3
23. डॉ. कृष्णा महावर, जयपुर 1
24. डॉ. करुणा, वनस्थली         2
25. किशनलाल खटीक        1
26. कैलाशचन्द पलिया, भीलवाड़ा 3
27. ललिता शर्मा, जयपुर        1
28. लक्षित सोनी, जोधपुर 1
29. महेश कुमार कुमावत, अजमेर 1
30. मीनाक्षी वर्मा, अजमेर 2
31. मनीष कुमावत, जयपुर 2
32. मनोज टेलर, वनस्थली 1
33. मनीषा राठौड़, जयपुर 2
34. मीना जैन, जयपुर 1
35. नीलिमा गुप्ता, जयपुर         1
36. निवेदिता पाठक, अजमेर 1
37. डॉ. निकहत तस्लीम काजी, जयपुर 2
38. नीलू कनवरिया, जयपुर 2
39. पारुल जोशी, जयपुर         1
40. प्रवेश आचार्य, भीलवाड़ा 2
41. प्रवीण कुमार सैनी, जयपुर 1
42. प्रेमचन्द, जयपुर 2
43. राहुल उषाहरा, दौसा         1
44. रंजना जांगिड़, जोधपुर 2
45. रवीन्द्र दाहिमा, उदयपुर 1
46. राजेश कूमार, उदयपुर 2
47. डॉ. रेणु शर्मा, जोधपुर 1
48. रवि ठाकुर, जयपुर 2
49. रविकांत तिवाड़ी 2
50. रीतेश कुमार शर्मा, बूंदी 2
51. रूपल प्रकाश, जयपुर         2
52. शिव कुमार सोनी, जयपुर 1
53. सुरेन्द्र कुमार गोयल, कोटा 1
54. सुमित त्रिवेदी, बांसवाड़ा 1
55. शरद भारद्वाज, उदयपुर 2
56. साक्षी किशोर, उदयपुर 3
57. श्रवण शर्मा, नागौर 1
58. डॉ. सुरेश चन्द्र प्रजापति, भीलवाड़ा 2
59. शर्मिला राठौड़, उदयपुर 2
60. स्वपनिल टाक, जयपुर 1
61. डॉ. सुरेशचन्द्र जांगिड़, जयपुर 1
62. संत कुमार डाबला, उदयपुर 1
63. शिखा कुमारी, जयपुर 1
64. शीतल चितलांगिया, जयपुर 1
65. सुमन वेदवाल, जयपुर 1
66. तुलसी खोखर, उदयपुर 2
67. तस्लीम तमाल, बांसवाड़ा 2
68. तरुण शर्मा, जयपुर 1
69. उमाकांत अमीणा, बूंदी 1
70. वीरांगना सोनी, उदयपुर 1
71. वीरनारायण आर्य, जयपुर 3
72. यशपाल बरण्डा, उदयपुर 1
73. यामिनी शर्मा         1
मूर्तियां
1. अंकित शर्मा, जयपुर        1
2. नीरज शर्मा, जयपुर        2
3. सुरेश प्रजापति, जयपुर 1
4. सुप्रिय शर्मा         1
5. शैलेश शर्मा, जयपुर         1
6. सुनील कुमार कुमावत, सीकर 3
7. योगेश पाण्डे         1
8. विकास शर्मा, जयपुर         2
9. विवेक सैनी, जयपुर         3
N.F.C.
1. ह्रदेश कुमार शर्मा, जयपुर 1
2. प्रिया राठौड़, अजमेर         1
3. डॉ. पिनक पानी नाथ, वनस्थली 2


शनिवार, 17 फ़रवरी 2018

लखनऊ में बहुमाध्यम कलाकार शिविर


लखनऊ में बहुमाध्यम कलाकार शिविर
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। ललित कला अकादमी के  क्षेत्रीय केन्द्र में क्षेत्रीय बहुमाध्यम कलाकार शिविर चल रहा है। 16 फरवरी से शुरु हुए इस शिविर में  मूर्तिकला, सिरेमिक, ग्राफिक एवं चित्रकला विधा में कलाकार अपनी-अपनी रचनाओं को साकार कर रहे हैं।
प्रत्येक विद्वाा में 5-5 कलाकार भाग ले रहे हैं। इन बीस कलाकारों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात के कलाकार शामिल हैं। मूर्तिकला एवं सिरेमिक विधा के कलाकार 10 दिन 16 से 25 फरवरी तक अपनी रचना करेंगें जबकि 19 से 25 फरवरी,तक ग्राफिक एवं पेंटिंग विधा के कलाकार अपनी कृतियों को आकार देंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय कला मेले का आज अन्तिम दिन

अन्तर्राष्ट्रीय कला मेले का आज अन्तिम दिन
शाम ढले होगा मेले का समापन
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। कला की विविध गतिविधियों का गवाह बना अन्र्तराष्ट्रीय कला मेला आज शाम ढले कलाप्रेमियों से विदा लेगा। भारत के विभिन्न राज्यों के कलाकारों व राजकीय व निजी संस्थाओं के साथ कई देशों के कलाकारों ने मेले में अपनी भागीदारी निभाई।
भारत के दूर-दराज की आंचलिक कला के साथ कला प्रेमियों ने रंगों के माध्यम से गम्भाीर अपराधों में सजा काट रहे तिहाड़ जेल के कैदियों की भाव अभिव्यक्ति को भी देखा और सराहा। मेले में युवा कलाकारों व महिला कलाकारों की भूमिका विशेष रही। अकादमी की स्थापना से अब तक के इतिहास को दर्शाती चित्रमय गाथा का कॉफी टेबल बुक चित्रयात्रा के रूप में विमोचन हुआ। इस पन्द्रह दिवसीय मेले की शुरुआत 4 फरवरी को हुई थाी। मेले का उद्घाटन उप राष्ट्रपति एम. वैकया नायडू ने किया था।
ललित कला अकादमी द्वारा पहली बार आयोजित किये गए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कला मेले ने सरकारी स्तर पर कलाकारों को एक अवसर प्रदान किया है। कला प्रेमी आज मेले के अन्तिम दिन कन्टेम्पररी व मॉडर्न आर्ट के साथ भारत की लोक शैलियों को निहार सकते हैं।

राजस्थान ललित कला अकादमी आयोजित 59 वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी में स्टेट अवार्ड से सम्मानित आर्टिस्ट

राजस्थान ललित कला अकादमी आयोजित 59 वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी में स्टेट अवार्ड से सम्मानित आर्टिस्ट
रंजना जांगिड़ 
ब्यावर में 2 अप्रेल 1991 में जन्म लेने वाली रंजना जांगिड़ का वर्तमान निवास जोधपुर है। एम.ए. ड्राईंग एण्ड पेंटिंग की शिक्षा प्राप्त रंजना ने राष्टद्यीय व राज्य प्रदर्शनी के साथ कई आयोजनों में हिस्सा लिया है। कई परस्कारों से सममानित रंजना की कृतिया कई संग्राहकों के पास संग्रहित हैं।

वीर नारायण आर्य
10 सितम्बर 1967 के दिन औरबा में जन्में वीर नारायण आर्य का वर्तमान निवास जयपुर है। इन्होंने ड्राईंग एण्ड पेंटिंग में एम.ए. किया है।

अमित सोलंकी
12 अप्रेल 1986 को जन्में  उदयपुर के अमित सोलंकी स्वतन्त्र चित्रकार हैं। कई पुरस्कारों से सम्मानित सोलंकी की कृतिया राजकीय व निजी संग्रहालयों में संग्रहित हैं। इन्होंने ड्राईंग एण्ड पेंटिंग में स्नातक उपाधि प्राप्त की है।

शर्मिला राठौड़ 
उदयपुर की शर्मिला राठौड़ का जन्म  27 अक्टूबर 1975 में हुआ। शर्मिला ने राष्ट्रीय प्रदर्शनी के साथ कई प्रदर्शनियों में हिस्सा लिया है। कई राजकीय व निजी संग्रहालयों में इनकी कृतियां संग्रहित हैं। चित्रकार चतुर्भुज शर्मा आर्ट फाउण्डेशन द्वारा सम्मानित हैं।

शरद भारद्वाज 
उदयपुर के शरद भारद्वाज की देश विदेश के कई संग्रहालयों में कृतियां संग्रहित हैं। 25 अक्टूबर 1985 को जन्में शरद स्वतन्त्र चित्रकार हैं। कई पुरस्कारों से सम्मानित शरद ने अनेक कला शिविरों, आयोजनों, प्रदर्शनियों व कला कार्यशालाओं में उपस्थिति दर्ज करवाई है।

हिम्मत गायरी गूजर 
बीवीए की शिक्षा प्राप्त हिम्मत गायरी गूजर का जन्म उदयपुर में 22 मई 1996 को हुआ। छात्रकला प्रदर्शनी में सम्मान प्राप्त इस युवा कलाकार ने कई प्रदर्शनियों में हिस्सा लिया है।

डॉ. निकहत तसनीम काजी 
ड्राईंग एण्ड पेंटिंग ममें एम.ए व पीएचडी की शिक्षा प्राप्त डॉ. निकहत तसनीम काजी का जन्म 31 जुलाई 1962 में कोटा में हुआ। वर्तमान में जयपुर में निवास करने वाली डॉ. काजी की भागीदारी कई राष्ट्रीय व अन्र्तराष्टद्यीय कला प्रदर्शनियों में रही है।

राजेश कुमार 
उदयपुर के राजेश कुमार की राष्ट्रीय, राज्य व छात्रकला प्रदर्शनियों में भागीदारी रही है। विभिन्न राजकीय व निजी संस्थाओं द्वारा आयोजित कला प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत हुए हैं। ड्राईंग एण्ड पेंटिंग ममें एम.ए. की शिक्षा प्राप्त राजेश की कृतियां कई स्थानों पर संग्रहित हैं। इनका जन्म 3 मार्च 1987 में हुआ।



सुनील कुमार कुमावत
सीकर के सुनील कुमार कुमावत का जन्म 10 मार्च 1993 में श्रीमाधोपुर में हुआ। मूर्तिकला में एम.वी.ए तक की शिक्षा प्राप्त सुनील ने छात्रकला प्रदर्शनी सहित कई पुरस्कार प्राप्त किये हैं। अकादमी आयोजनों के साथ अन्य संस्थाओं के आयोजनों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया है।

नीरज शर्मा 
जयपुर के नीरज शर्मा ने मूर्तिकला में बी.वी.ए किया है। इनका जन्म 22 अक्टूबर 1991 में हुआ।