रविवार, 21 जनवरी 2018

डॉ. माथेडिय़ा की सौन्दर्यात्मक दृष्टि पर शोध

डॉ. माथेडिय़ा की सौन्दर्यात्मक दृष्टि पर शोध
मूमल नेटवर्क, जयपुर। कला शिक्षक व चित्रकार डॉ. जगमोहन माथोडिय़ा के सृजन की सौन्दर्यात्मक दृष्टि पर वनस्थली विद्यापीठ की छात्रा प्रिया बापलावात ने शोध किया है।
प्रो. किरन सरना के निर्देशन में प्रिया ने डॉ. जगमोहन माथोडिय़ा सौन्दर्यात्मक दृष्टि: एक अध्ययन विषय पर किये शोध में डॉ. माथोडिय़ा की 35 वर्षों की कला यात्रा के हर पहलू को पिरोया है। सात अध्यायों में विभकत इस शोध में डाू. माथोडिय़ा की सृजन तकनीक के साथ उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। इस शोध में यह भी बताया गया है कि डॉ. माथोडिय़ा ने हजारों चित्रों की रचना की है। इनमें सात के करीब श्रृंखलाबद्व चित्रण हैं। प्रत्येक श्रृंखला में 100 के लगभग चित्र हैं। डॉ. माथोडिय़ा को संयोजन विषय में दक्ष कला गुरु के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में डॉ. माथोडिय़ा राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में कला शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

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