गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

जीवन के सरल व जटिल रचना चित्र

जीवन के सरल व जटिल रचना चित्र
(ललित कला अकादमी नई दिल्ली के कला वीथिका 5 में चित्रकार संजय शर्मा और छायाकार कुमार जिगीषु के चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है यह प्रदर्शनी 25 अप्रैल से आरम्भ हुई है और 1 मई 2018 तक रहेंगी।  प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों व चित्रकारों पर भूपेंद्र कुमार अस्थाना के विचार इस लेख द्वारा प्रस्तुत हैं।- सं.)
समय-समय पर कला की तमाम विधाओं पर निरंतर नए प्रयोग होते रहे है। जिसके कारण कला के विभिन्न रूप हमारे सामने आते रहे है। कलाकार समाज, जीवन, विचारधारा, सभ्यता और संस्कृति से प्रभावित हो कर ही कला के माध्यम से स्वयं को अभिव्यक्त करता है।
यहां मैं ऐसे ही दो कलाकारों की चर्चा कर रहा हूं जिनकी कला दृष्टि उनकी कृतियों को अर्थ प्रदान करती है।

चित्रकार संजय शर्मा ने अपनी कलायात्रा की शुरुआत औद्योगिक नगर से छोटे स्तर से की और समकालीन चित्रकला की दुनियां मे खुद को स्थापित किया। संजय की कलाकृतियां तत्काल परिवेश से जुड़ी हुई हैं। जिसकी प्रतिक्रिया इनके चित्रों में है। जिसे इन्होंने तैल और ऐक्रेलिक माध्यम में कैनवास पर उकेरा है। चित्रों में वर्तमान समाज, भौतिक भाषा,  परंपरा और आधुनिकता की परत है। इनके चित्रों में वर्तमान सामाज पर राजनीति का एक गहरा असर दिखलाई पड़ता है। कहीं कहीं सामाजिक बंटवारे का विरोध तथा वर्तमान परिस्थिति में परिवर्तन की मांग भी नजऱ आ रही है। अपने मनोभावों के चित्रण का माध्यम इन्होंने भोंपू को बनाया है।
संजय के लिए चित्रित सतह बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह न केवल समाज, ख़ुद और इतिहास की अभिव्यक्ति है बल्कि विभिन्न माध्यमों में उकेरे गए रूपों में और प्रयोगों की संभावनाएंं भी है। विशेष रूप से परतों और सतह निर्माण के संदर्भ में। चित्रों में एक प्रतिरोध भी है। शायद यह परंपरा और आधुनिकता की परतों को दर्शाता है। संजय ने अपने आस पास की दुनियां को अपने कला का माध्यम बनाया है। उन्हें एक अर्थ में पिरोने की कोशिश की है।
छायाकार कुमार जिगीषु ने कला का लम्बा सफर तय किया है। माध्यम कुछ भी हो सृजनशील व्यक्ति अपनी रचनाओँ से समाज मे अपना महत्वपूर्ण योगदान देता रहता है। ऐसे ही कुमार जिगीषू ने भी अपने विचारों और ग्राफिक माध्यम के साथ सुंदर प्रयोग किये हैं। अपने प्रयोगों के बारे में कुमार कहते है कि, मैं डिजिटल में कुछ बुनियादी तत्वों के साथ कार्य करता हूँ क्योंकि वह मुझे आकर्षित करते है और मुझपर गहरा प्रभाव डालते है। जिसमें मेरी खोज निरन्तर जारी रहती है। डिजिटल प्रयोग एक बहुत ही सरल तरीके से किया गया कार्य है जो जटिल काम का असर देता है।
कुमार इस सरल और जटिल प्रक्रिया को अपने जीवन यात्रा के साथ जोड़ते है। जो छोटे शहर से शुरू हो कर आधुनिकता से लेस बड़े बड़े महानगरों में जटिलताओं के बीच जीवन को सरल और सफल बनाने के तरीकों की खोज कर रहे हैं। इस खोज में जीवन के सभी महत्वपूर्ण तत्व साथ साथ चल रहे हैं और जो पीछे छूट गए थे उनकी तलाश भी जारी है। कुमार के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व अंतराल, संरचना और संतुलन है। कभी कभी स्थान परिवर्तन तथा वास्तविकता को समझने के, मन के तरंगों को दूर दूर भटकने के बाद वापस और एक निश्चित प्रकार की बेचैनी के बाद एक चेतना एक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इनकीे कला का उद्देश्य जीवन मे गायब बिंदुओं को ढूंढना और उन्हें प्रतीकों के रूप में स्थापित करना है। जो इनके चित्रों में देखा जा सकता है। चित्रों में कहीं छितिज का गायब हो जाना। दीवारों के बीच क़ैद, बुनियादी जरूरतों के बीच उलझन के बाद भावनाओं का शून्यकाल में खो जाना।
इन्हें डिजिटल ग्राफिक्स इफ़ेक्ट्स के जरिये बनाया गया है। कुमार बताते है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है । यहाँ कुछ भी स्थिर नही है। कहीं आकर, कहीं रंग, रूप निरंतर परिवर्तन होते रहते है। कहीं को स्थान खाली होता फिर कभी भरा होता। कुछ समाप्त होता तो कहीं जन्म होता। यही प्रकृति है। जो ब्रह्मांड के बड़े सतह पर निरंतर परिवर्तन होते रहते उसी ब्रह्मांड में तलाश जारी है। जो मेरे चित्र बोल रहे हैं। कुमार ने अपने चित्रों को किसी शीर्षक में नही बांधते उन्हें स्वतंत्र रखते है। इनका मानना है कि शीर्षक के माध्यम से दर्शकों के विचारों को प्रतिबंधित नही करना चाहिए। 

37वीं कला प्रदर्शनी 28 अप्रेल से

37वीं कला प्रदर्शनी 28 अप्रेल से
मूमल नेटवर्क, भुवनेश्वर। ओडिशा ललित कला अकादमी आयोजित 37वीं आल ओडिशा विजुअल आर्ट एग्जीबिशन का उद़घाटन 28 अप्रेल को किया जाएगा। इस अवसर पर कलाकारों के श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए अवार्ड भी प्रदान किये जाएंगे।
प्रदर्शनी बुद्धा आर्ट  गैलेरी में लगाई जाएगी। अवार्ड सेरेमनी व प्रदर्शनी का उद्घाटन 28 अप्रेल की शाम साढे छ: बजे पर्यटन, ओडिशा भाषा, साहित्य व संस्कृति मंत्री अशोक चन्द्रा पण्डा मुख्य अतिथि के रूप में करेंगे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद डॉ. प्रसन्ना कुमार पत्तासनी उपस्थित होंगे। इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में विधायक प्रियदर्शी मिश्रा, ओडिशा भाषा साहित्य व संस्कृति विभाग के कमिश्रर व सचिव मनोरंजन पानीग्रही तथा ओडिशा भाषा साहित्य व संस्कृति विभाग के डायरेक्टर बिजय कुमार नायक समारोह की शोीाा बढ़ाएंगे। यह समारोह ओडिशा ललित कला अकादमी के अध्यक्ष पद्मविभूषण से सम्मानित शिल्पगुरु डॉ रघुनाथ महापात्रा की उपस्थिति में सम्पन्न होगा।

स्कूल ऑफ फाइन आर्ट का दीक्षांत समारोह 29 को

स्कूल ऑफ  फाइन आर्ट का दीक्षांत समारोह 29 को
मूमल नेटवर्क, राउरकेला। स्कूल ऑफ फाइन आर्ट का 40वां दीक्षांत समारोह 29 अप्रैल को मनाया जायेगा। कल्चरल अकादमी परिसर में आयोजित इस समारोह का उद्घाटन विशिष्ट चित्रकार व ललित कला अकादमी के सचिव मानस कुमार जेना करेंगे। इस समारोह में राउरकेला स्टील प्लांट के महाप्रबंधक (शहर सेवा) एनके सामंतराय मुख्य अतिथि तथा प्रभारी डीजीएम प्रदीप कुमार साहू बतौर सम्मानित अतिथि आमंत्रित हैं।  समारोह में स्कूल स्तरीय चित्रांकन प्रतियोगिता के विजेता ब'चों को पुरस्कृत भी किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि,स्कूल ऑफ  फाइन आर्ट, कल्चरल अकादमी तथा ओडिशा ललित कला अकादमी द्वारा संचालित है।

बुधवार, 25 अप्रैल 2018

चण्डीगढ़ के आर्टिस्ट्स का जलवा लखनऊ में

चण्डीगढ़ के आर्टिस्ट्स का जलवा लखनऊ में
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। चण्डीगढ़ के सीनियर व जूनियर आर्टिस्ट्स की बनाई कृतियों का ग्राुप शो लखनऊ स्थित ललित कला अकादमी की आर्ट गैलेरीज में चल रहा है। इस शो में सीनियर आर्टिस्ट्स के साथ जूनियर्स की कृतियों को भी प्रदर्शित किया गया है। यह शो चण्डीगढ़ ललित कला अकादमी की तरफ से आयोजित किया गया है।
ग्रुप शो का उद्घाटन बुधवार 25 अप्रेल को वरिष्ठ कलाकार और कॉलेज ऑफ आर्ट एण्ड क्राफ्ट, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल प्रो. जयकृष्ण अग्रवाल ने किया। इस प्रदर्शनी का समापन 30 अप्रेल को होगा।

मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

जित्थे मेरा सतगुरु बिठाये

जित्थे मेरा सतगुरु बिठाये
गुरु नानक देव की पेंटिंग्स का प्रदर्शन
मूमल नेटवर्क, अमृतसर। शहर की जानी-पहचानी आर्टिस्ट अरुणा शर्मा द्वारा बनाई गई गुरु नानक देव जी की रेयर पेंटिँग्स की प्रदर्शनी ठाकुर सिंह आर्ट गैलेरी में लगाई गई है। इस सोलो प्रदर्शनी जित्थे मेरा ठाकुर बिठाये का उद्घाटन डीएवी की प्रिंसिपल डॉ. नीरा शर्मा एवं आईएएफए के अध्यक्ष शिवदेव सिंह ने किया।
प्रदर्शनी में सजी 25 पेंटिंग्स के बारे में अरुणा शर्मा ने बताया कि, यह पेंटिंग्स लंदन के नेशनल म्यूजियम में लगी गुरु नानक देव जी की रेयर व ओरिजनल पेंटिंग्स की प्रतिकृतियां हैं।

रविवार, 22 अप्रैल 2018

शहर में एक नई आर्ट गैलरी की शुरुआत


शहर में एक नई आर्ट गैलरी की शुरुआत
आई आई एस विश्वविद्यालय की पहल
मूमल नेटवर्क, जयपुर। दि आई आई एस डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय एवं विज़ुअल आट्र्स विभाग के प्रयासों से विश्वविद्यालय परिसर में आदित्य आर्ट गैलरी स्थापित की गई जिसका उद्घाटन कल शनिवार 21 अप्रेल को चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सेक्रेटरी जनरल अजय काला ने किया। उद्घाटन के अवसर पर विश्वविद्यालय फैकल्टीज़ द्वारा तैयार कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई।
विज़ुअल आट्र्स विभाग के व्याख्याता श्वेत गोयल ने गैलेरी की स्थापना के बारे में कहा कि इस आर्ट गैलरी की शुरूआत हमनें अपने काम को प्रदर्शित करने के साथ की है क्योंकि फैकल्टी होने के साथ-साथ हम भी एक कलाकार है और हम चाहेंगे कि बच्चे हमारे काम को देखकर उनसे प्रेरणा लें।
उन्होने कहा कि इस आर्ट गैलरी को स्थापित करने का मकसद आने वाले समय में सीनियर आर्टिस्ट्स को आर्ट एक्जि़बीशन लगाने के लिए आमंत्रित करना है ताकि वो विभाग के स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन कर सकें।
प्रदर्शनी में फैकल्टीज़ ने विभिन्न रंगों व स्ट्रोक्स के ज़रिए अपनी भावनाएं व्यक्त करने के साथ अपनी विशेषज्ञता को प्रदर्शित करने की कोशिश की है। प्रदर्शनी में लगभग 62 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। कलाकारों के लिए यह प्रदर्शनी 27 अप्रैल तक खुली रहेगी।

प्रिंट बैनाले में सर्वश्रेष्ठ 5 कलाकारों को मिला अवार्ड

प्रिंट बैनाले में सर्वश्रेष्ठ 5 कलाकारों को मिला अवार्ड
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। ललित कला अकादमी आयोजित प्रथम प्रिंट बैनाले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए 5 कलाकारों को 2-2 लाख रुपए के नकद अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आठ अन्य कलाकारों को भी श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।  यह सम्मान समारोह रवीन्द्र भवन में 20 अप्रेल को आयोजित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा किसी कारण से समारोह में शामिल नहीं हो सके। उनके द्वारा भेजे गए शुभकामना संदेश को डॉ पॉल सेन गुप्ता ने पढ़कर सुनाया। समारोह की विशिष्ट अतिथि संस्कृति मंत्रालय की अपर सचिव सुजाता ने बेहतरीन आयोजन के लि अकादमी को बधाई व सम्मानित हुए कलाकारों के साथ सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर अकादमी अध्यक्ष एम.एल. श्रीवास्तव मौजूद थे। अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में तत्कालीन प्रशासक सी. एस. कृष्णा शेट्टी सहित समिति सदस्यों को धन्यवाद व प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि सी.एस. कृष्णा शेट्टी के कार्यकाल में ही अन्तर्राष्ट्रीय कला मेले व प्रथम प्रिंट बैनाले की योजना बनी थी। शेट्टी के प्रशासक रहते ही बैनाले की शुरुआत हुई थी।
बैनाले के लिए अकादमी को 415 प्रिंटमेकर्स जिनमें 364 भारतीय व 51 विदेशी प्रिंटमेकर्स शामिल थे द्वारा 1126 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं जिनमें से केवल 177 प्रिंट्स को ही बैनाले में प्रदर्शन के लिए चुना गया।
इन्हें मिला अवार्ड
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए ज्यूरी ने पांच कलाकारों का चुनाव किया। इन्हें 2-2 लाख रुपए के नकद अवार्ड के साथ मेडालियन व प्रमाण पत्र से सममानित किया गया। यह सम्मान आंध्र प्रदेश के अरूप कुमार कुइटी एवं सत्यनारायण गवरा, उत्तर प्रदेश की प्रेया भगत एवं सोनल वाष्र्णेय तथा गुजरात की पूर्वी परमार को दिया गया।


इनका रहा श्रेष्ठ प्रदर्शन
अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए आठ अन्य कलाकारों का उल्लेख किया गया। इन कलाकारों में बांग्ला देश की उर्मी रॉय नेपाल की सीमा शर्मा व उमा शंकर शाह, लिथुआनिया के यूनै जिलायते तथा भारत के जगदीश तामिनेनी, श्रीनिवास पुलागम, अरुण कुमार मौर्य एवं श्रीपद अमृत गुरव के नाम शामिल हैं।

मंगलवार, 17 अप्रैल 2018

स्व. देवकीनंदन शर्मा की कृतियों से आबाद हुई अकादमी दीर्घा

स्व. देवकीनंदन शर्मा की कृतियों से आबाद हुई अकादमी दीर्घा
मूमल नेटवर्क, जयपुर। कल शाम ललित कला अकादमी दीर्घा में स्व. देवकीनंदन शर्मा की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया। यह प्रदर्शनी अकादमी द्वारा दिवंगत कलाकारों की कृतियों को प्रदर्शित करने की योजना के तहत लगाई गई है।
स्व. देवकीनंदन शर्मा के बेटे व पूर्व अकादमी अध्यक्ष प्रो. भवानी शंकर शर्मा द्वारा संग्रहित करीब 75 कलाकृतियों में देवकीनन्दन शर्मा द्वारा बनाई गई 1935 से लेकर 2005 तक की कृतियां शामिल हैं। कलाकृतियों में फ्रेस्को, टेम्परा, वॉश टेक्निक के साथ वॉटर कलर और ड्राइंग के कई पैटर्न देखने को मिल रहे हैं। मोर व मोरपंखों के सूक्ष्म चित्रांकन के लिए ख्याति पाने वाले इस कलाकार की कृतियों में प्रकृति के कई रंगों से साखात्कार किया जा सकता है। यह प्रदश्रनी 26 अप्रेल तक चलेगी।

इंतजार खत्म, शुरू हुई पहली आर्ट रेजिडेंसी

इंतजार खत्म, शुरू हुई पहली आर्ट रेजिडेंसी
मूमल नेटवर्क, चंडीगढ़। एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शहर की पहली आर्ट रेजिडेंसी कल मंगलवार 17 अप्रेल को शुरू हुई। ली कार्बुजिए सेटर-19 में शुरु हुई आर्ट रेजिडेंसी का उद्घाटन पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने किया। इस अवसर पर आर्ट रेजिडेंसी को दिल्ली की आर्टिस्ट आरती जावेरी के आर्ट वर्क मिरर द आई को इंस्टॉल किया गया। इसके साथ गवर्नमेंट आर्ट कॉलेज-10 के स्टूडेट्स के कई आर्ट पीस सजाए गए हैं।  उद़घाटन समारोह में कई वरिष्ठ कलाकार उपस्थित थे। पिछले कई हफ्तों से तैयार रेजिडेंसी को राज्यपाल की व्यस्तता के चलते उद्घाटन का इंतजार करना पड़ा था।
कार्बूजिए सेटर का आधा हिस्सा रेजिडेंसी को
कार्बुजिए सेटर की आधी जगह रेजिडेंसी को दी जाएगी। इसमें रिसर्च सेटर, मीटिंग रूम और आर्ट रेजिडेंसी को बनाया जा रहा है। आर्ट रेजीडेसी में कुल 10 कमरे होंगे, जिसके पीछे एक छोटा लॉन और एक तरफ कैंटीन बनाई जाएगी। जहां कलाकार आकर बैठ सकेंगे।
80 प्रतिशत स्थानीय व 20 प्रतिशत राष्ट्रीय कलाकारों को मिलेगा स्पेस
चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के चेयरमैन भीम मल्होत्रा ने कहा कि अकादमी इस रेजिडेंसी में ज्यादा से ज्यादा लोकल कलाकारों को जगह देगी। इसके लिए 80 प्रतिशत जगह स्थानीय कलाकारों को और 20 प्रतिशत जगह राष्ट्रीय कलाकारों को दी जाएगी। इसके लिए एक कमेटी का गठन होगा, जो स्थानीय कलाकारों के आवेदन का चयन करेगी और उन्हें ही यहां जगह दी जाएगी। रेजिडेंसी के लिए 100 रुपये प्रति दिन का किराया रखा जाएगा। इसे कलाकार 15 दिन, 30 दिन और 60 दिन के लिए ले सकेंगे।
प्रिंट मेकिंग और स्कल्प्चर की मशीने लगाईं
आर्ट रेजिडेंसी में कलाकारों के लिए स्पेस से लेकर फर्नीचर, कला से जुड़े विभिन्न टूल्स, एसी, फ्रिज और सुरक्षा व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई गई है। ऐसे में स्कल्प्चर और प्रिंट मेकिंग जैसी जटिल कला से जुड़े कलाकारों के लिए सबसे ज्यादा फायदा होगा, जिन्हें अपना आर्ट वर्क तैयार करने के लिए अपना स्टूडियो ही बनाना पड़ता था, या जगह किराए पर लेनी पड़ती थी। रेजिडेंसी में प्रिंट मेकिंग से जुड़ी ऐचिंग प्रेस, एक्वाटिंट डस्ट बॉक्स, लीथोग्राफी हीटर से जुड़ी मशीन भी लगाई गई है।
रॉक गार्डन फेज-3 में भी बनेगी रेजिडेंसी
भीम मल्होत्रा ने कहा कि रेजिडेंसी के लिए रॉक गार्डन की जगह भी देखी जा रही है। इसके लिए फेज-3 में दो जगह देखी गई हैं, इसमें से एक जगह पसंद की गई है और जल्द ही वहां विकास कार्य शुरू हो जाएगा। इस महीने के अंत तक इसका उद्घाटन हो जाएगा।

बच्चों ने सीखा ब्लू पॉटरी व ब्लॉक व प्रिंटिंग का हुनर

बच्चों ने सीखा ब्लू पॉटरी व ब्लॉक व प्रिंटिंग का हुनर
मूमल नेटवर्क, जयपुर। इंडिया इंटरनेशनल स्कूल के ग्यारहवीं तथा बारहवीं कक्षा के बच्चों ने ब्लू पॉटरी व ब्लॉक व प्रिंटिंग का हुनर सीखने की कोशिश की। संस्था विज़ुअल आट्र्स के स्टूडेंट्स को ब्लू पॉट्री एंड ब्लॉक प्रिंटिंग फैक्ट्री के भ्रमण पर ले गई थी।
इस भ्रमण के दौरान बच्चों को ब्लॉक प्रिंटिंग के ज़रिए बैडशीट तैयार करने की कला सीखी। साथ ही उन्होंने ब्लू पॉट्री से तैयार किए जाने वाले बर्तनों में काम आने वाली तकनीक जैसे कास्टिंग, बेकिंग, पेंटिंग व ग्लेज़ को बहुत ही रुचि के साथ समझा। इस दौरान बच्चों को इन कलाओं से जुड़े इतिहास से भी परिचित करवाया गया।

रविवार, 15 अप्रैल 2018

राष्ट्रीय प्रिंट मेकिंग कार्यशाला

राष्ट्रीय प्रिंट मेकिंग कार्यशाला
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कलाकार भी हैं प्रतिभागी
मूमल नेटवर्कद्व नई दिल्ली। ललित कला अकादमी आयोजित प्रथम प्रिंट मेकिंग बैनाले के तहत प्रिंट मेकिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला का उद्घाटन विख्यात प्रिंटमेकर अपर्णा कौर और अकादमी अध्यक्ष एम.एल. श्रीवास्तव की उपस्थिति में 11 अप्रेल को किया गया। 19 अप्रेल तक चलने वाली इस कार्यशाला में 12 कलाकार भाग ले रहे हैं जिनमें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कलाकार भी शामिल हैं। कैम्प के समापन पर तैयार कृतियां गढ़ी स्टूडियो में प्रदर्शित की जाएंगी।
प्रिंट मेकिंग कैम्प के आयोजन के प्रति उत्साह व खुशी व्यक्त करते हुए अपर्णा कौर ने कहा कि, मैं मूल रूप से एक पेन्टर हॅं लेकिन सन् 1980 में अचानक ही प्रिंटमेकिंग के क्ष्ेत्र में आ गई। उन्होनें सभी प्रतिभागियों को बधाई दी।
अकादमी  अध्यक्ष एम.एल. श्रीवास्तव ने कहा कि 1950 के दशक तक प्रिंट मेकिंग दृश्य कला की अन्य विद्याओं जितना लोकप्रिय नहीं था। लेकिन 80 का दशक आते-आते इसे व्यापक प्रसिद्धि मिली। हमें बैनाले के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
कैम्प में प्रतिभागी छापाकला की विभिन्न तकनीकों यथा लिथोग्राफी, इंटेगलियो, रिलीफ प्रिंटिंग और सिल्क स्क्रीन का प्रयोग करते हुए कृतियां बनाएंगे।
कैम्प के प्रतिभागी
नई दिल्ली से राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता चेरिंग नेगी, छत्तीसगढ़ से रवि नारायण गुप्ता, पश्चिम बंगाल से ज्योतिर्मय दलपति, गुजरात से एल. राजा, विभूति शर्मा एवं मारिपेली प्रवीण गौड़, तामिलनाडू से विजय पिचुमनि, महाराष्ट्र से श्रीनिवास गोविन्दराव मेहरात्रे व सचिन रामाराव हजारे, उत्तर प्रदेश से राजेश कुमार सिंह, बैंगलूर से डिम्पल बी. शाह तथा दिल्ली से असीम पाल।

शिव कला आर्ट कैंप आज से

शिव कला आर्ट कैंप 
चित्तौडग़ढ़ आर्ट सोसायटी का विश्व कला दिवस पर आयोजन
मूमल नेटवर्क, चित्तौडग़ढ़।
चित्तौडग़ढ़ आर्ट सोसायटी की ओर से विश्व कला दिवस के अवसर पर शिव कला आर्ट कैंप का आयोजन किया गया है। 14 से 16 अप्रैल तक यह कैम्प सांवलियाजी विश्रांति गृह में हो रहा है। इसमें विभिन्न राज्यों के 30 कलाकार भाग ले रहे हैं। सभी कलाकार भगवान शिव को केन्द्र में रखते हुए कला रचना करेंगे।
कैम्प का उदघाटन कल सुबह सुबह 11 बजे हुआ। सचिव मुकेश शर्मा ने बताया कि दक्षिणी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन एवं जिला माहेश्वरी युवा संगठन के संयुक्त तत्वावधान से कला शिविर में शिव कला कार्य किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर के 30 कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकार शिरकत करेंगे। क्यूरेटर चित्रा बांगड़ के अनुसार इस पहल से कला का प्रचार-प्रसार होगा। कार्यक्रम के सह-संयोजक नरोत्तम हेड़ा ने बताया कि कैम्प में तैयार कृतियों की प्रर्दशनी 16 अप्रैल को लगाई जाएगी।
यह हैं कैम्प के प्रतिभागी
उड़ीसा से प्रदीप्ता किशोरदास, मेरठ से डॉ. प्रिंस राज, गुडग़ांव से दीपक, गोरखपुर से सुष्मिता, शिप्रा, मुंबई से पल्लवी, बड़ौदा से अप्पला राजू, पीनल पांचाल, अजमेर से सचिन साखलकर, जोधपुर से जयराजसिंह राठौड़, रूपककुमार, बालोतरा बाड़मेर देबाबत्र डे, उदयपुर से डिंपल, राहुल माली, बांसवाड़ा से सुमन जोशी, बूंदी से सुनील जांगिड़, भीलवाड़ा से एसएन सोनी, महेश, बबिता के साथ ही चित्तौडग़ढ़ आर्ट सोसायटी के लक्ष्मीनारायण वर्मा, दिलीप जोशी, प्रतिभा यादव, दीपिका शर्मा, गौरव शर्मा, यामिनी वर्मा, सत्येश, सुमित शर्मा भाग लेंगे। 

शनिवार, 14 अप्रैल 2018

खालसा कॉलेज अमृतसर की वार्षिक प्रदर्शनी आज से

खालसा कॉलेज अमृतसर की वार्षिक प्रदर्शनी आज से
मूमल नेटवर्क, अमृतसर। खालसा कॉलेज की वार्षिक प्रदर्शनी का उद्घाटन आज सुबह 11 बजे हुआ। यह प्रदर्शनी कॉलेज के फाईन आर्ट्स विभाग की ओर से इण्डियन अकादमी ऑफ फाइन आटर््स की कला दीर्घा में लगाई गई है।
प्रदर्शनी का उद्घाटन अकादमी के चैयमेन सरदार राजेन्द्र मोहन सिंह छिन्ना ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। क्रेस्ट ऑफ कलर्स नाम की यह प्रदर्शनी 16 अप्रेल तक चलेगी।

सोनी अकादमी के सचिव पद का चार्ज लेंगे 19 अप्रेल को

सोनी अकादमी के सचिव पद का चार्ज लेंगे 19 अप्रेल को
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी के नवनियुक्त सचिव सुरेन्द्र सोनी 19 अप्रेल को पदभार ग्रहण करेंगे। अकादमी अध्यक्ष डॉ. अश्विन एम. दलवी से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव पद के लिए सुरेन्द्र सोनी नियुक्त किए गए है।
उल्लेखनीय है कि बीते एक वर्ष से अधिक समय से अकादमी के सचिव पद हेतु चयन की कशमकश चल रही थी। सचिव पद की दौड़ में सुरेन्द्र सोनी के साथ वरिष्ठ कलाकार व कला शिक्षक हरशिव शर्मा भी शामिल थे। 

बुधवार, 11 अप्रैल 2018

राजस्थान ललित कला अकादमी ने बढ़ाई छात्रवृति की राशि

राजस्थान ललित कला अकादमी ने बढ़ाई छात्रवृति की राशि
34 कला विद्यार्थियों को मिली 1 लाख 70 हजार रुपए की छात्रवृति
तीन संस्थानों को 50,000 रुपए का अनुदान
प्रर्दशनी अनुदान डॉ. मुक्ति पाराशर को 5,000 रुपए
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी ने इस वर्ष छात्रवृति की राशि बढ़ाकर 5000 रुपए प्रति छात्र कर दी है। इससे पहले विद्यार्थियों को छात्रवृति के रूप में 3000 रुपए प्रदान किये जाते थे। इस वर्ष राज्य के विभिन्न जिलों के 34 कला विद्यार्थियों को 1 लाख 70 हजार रुपए छात्रवृति राशि के रूप में प्रदान किये गये हैं। छात्रवृति पाने वालों में छात्राओं की संख्या 20 है जबकि छात्र 14 हैं। जिले के हिसाब से बांसवाड़ा के 9, उदयपुर के 6,  कोटा के 1, वनस्थली के 2, जयपुर के 7 तथा अजमेर के 9 छात्र-छात्राओं को यह सहायता प्राप्त हुई है।
अकादमी अध्यक्ष डॉ. अश्विन एम. दलवी ने जानकारी दी कि छात्रवृति के साथ ही राज्य की तीन संस्थाओं को 50,000/-रूपये राशि का अनुदान दिया गया है। संस्थाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के नियम के चलते जयपुर के प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप को 20,000 रुपए, उदयपुर की संस्था टखमण-28 को 20,000 रुपए एवं भीलवाड़ा के आकृति कला संस्थान को अनुदान राशि के रूप में 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है।
डॉ. दलवी ने बताया कि, एकल एवं सामुहिक प्रदर्शनी अनुदान के तहत कोटा की कला व्याख्याता डॉ. मुक्ति पाराशर को चित्र प्रदर्शनी के लिए 5,000 रुपए की राशि दी गई है।
छात्रवृति पाने वाले विद्यार्थियों के नाम
ज्योति त्रिवेदी, एम.एल सुखाडिया कालेज, उदयपुर
साक्षी सिसोदिया, न्यूलुक गल्र्स कालेज, बांसवाडा
अजहर, पीएसपी पीजी कालेज, बांसवाडा
सुरेश चन्द्र, पीएसपी पीजी कालेज, बांसवाडा
अर्पिता सुथार, पीएसपी पीजी कालेज, बांसवाडा
कालिया पाटीदार, पीएसपी पीजी कालेज, बांसवाडा
धर्मेन्द्र भाटिया, पीएसपी पीजी कालेज, बांसवाडा
उदयपाल सुथार,  एम.एल सुखाडिया कालेज, उदयपुर
जगदीश सालवी, एम.एल सुखाडिया कालेज, उदयपुर
प्रभुलाल गमेती, एम.एल सुखाडिया कालेज, उदयपुर
प्रीति निमावत, एम.एल सुखाडिया कालेज, उदयपुर
प्रवीण बरण्डा, एम.एल सुखाडिया कालेज, उदयपुर
कीर्ति मेहता, पीएसपी पीजी कालेज, बांसवाडा
कामिनी कुमावत, राजकीय आर्टस कालेज, कोटा
अनुप्रिय राजावत, वनस्थली यूनिवर्सिटी
पूजा साहू, वनस्थली यूनिवर्सिटी
सुधीर छाबडी, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्टस, जयपुर
हिम्मत गायरी, राजस्थान स्कूल ऑफ  आर्टस, जयपुर
हर्षित वैष्णव, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्टस, जयपुर
महेन्द्र प्रजापत, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
नीलम टिरगर, न्यूलुक गल्र्स पीजी कालेज, बांसवाडा
लीलावती सरगडा, न्यूलुक गल्र्स पीजी कालेज, बांसवाडा
ज्योति शर्मा, राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर
प्राची पंवार, राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर
आस्था कुमावत, राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर
नेहा कुमावत, राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर
प्रियंका शेखावत, राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर
आशा, राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर
पूजा राठौड़, राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर
मीनाक्षी, राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर
मोनिका सिंह, दयानंद कालेज, अजमेर
अर्जुन सिंह राजपूत, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
मनीष कुमार सैनी, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्टस, जयपुर
सन्नी कुमारी चौधरी, कनोडिया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर

रविवार, 8 अप्रैल 2018

दुनिया के सबसे महंगे कलाकार पिकासो



पुण्यतिथि विशेष
दुनिया के सबसे महंगे कलाकार पिकासो
पिकासो की कई पेंटिंग्स की कीमत आज की तारीख में 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा है
पिकासो यानि कला जगत के आदि पुरुष जिसके चित्रण के प्रभाव से सूजा व हुसैन जैसे महान कलाकार भी अपनी कूचि को सुरक्षित नहीं रख पाए। बीसवीं शताब्दी के सबसे अधिक चर्चित, विवादास्पद और समृद्ध कलाकार थे। उन्होंने तीक्ष्ण रेखाओं का प्रयोग करके घनवाद को जन्म दिया। पिकासो की कलाकृतियां मानव वेदना का जीवित दस्तावेज हैं। आज इसी महान कलाकार की 45वीं पुण्यतिथि है।

पिकासो उन पेंटर्स में से है जिनका दस्तखत किया हुआ एक कैनवास भी किसी को करोड़पति बना सकता है। ज्यादातर लोगों को आश्चर्य होता है कि आखिर क्यों पिकासो के बनाए 'कुछ भी' की कीमत करोड़ों में होती है।
पिकासो के काम की सबसे ज्यादा कीमत उनके पेंटिंग को दिए गए नए आयाम के चलते है। पिकासो ने कम से कम रेखाओं में स्ट्रक्चर बनाना सीखा। दो तीन लाइनों में बने उनके चित्रांकन से ही समझ आ जाता था कि किसकी बात की गई है। उनकी इस शैली को उनके बाद से लगभग दुनिया भर के पेंटर फालो कर रहे हैं। जिनमें भारत के महान चित्रकार भी शामिल हैं। सूजा और हुसैन जैसे भारतीय कलाकारों के कुछ चित्रों में भी पिकासों के बनाए चित्रों की छवि स्पष्ट नजर आती है। कला की दुनिया में किसी की महानता उसके रूपक से तय होती है। पिकासो महानता की उसी स्थिति तक जा पहुंचे थे।
एक बार की बात है मशहूर पेंटर पाब्लो पिकासो कहीं गए। एक महिला ने उनसे कोई पेंटिंग बनाने की गुजारिश की। पिकासो ने वहां मौजूद चीजों से कुछ बनाया और नीचे अपने दस्तखत कर दिए। महिला कुछ 'शानदार पेंटिंग'  की उम्मीद कर रही थी। जबकि पिकासो ने तीखी लकीरों से कुछ बना दिया था। बहरहाल बाद में महिला ने वो पेंटिंग किसी विशेषज्ञ को दिखाई तो वो कलेक्टर उसे इसकी भारी कीमत देने को तैयार हो गया।
अपने चित्रों में नीले रंग का खूब इस्तेमाल करने वाले पिकासो ने घनवाद (क्यूबिज्म) की शुरुआत की। सात साल की उम्र से पेंटिंग की ट्रेनिंग लेने वाले पिकासो को मॉर्डन आर्ट पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाले तीन पेंटरों (पाब्लो पिकासो, हेनरी मेटीस और मार्शल डशहैंप) में प्रमुख माना जाता है।
पिकासो एक साथ कई चित्रों पर काम करते थे। उम्र के हर दशक में उनके प्रेम संबंधों की चर्चाएं आम रहती थीं। इन्याय को सहना उनकी आदत में शामिल नहीं था। 1937 में नाजी बमवर्षकों की खिलाफत करने के एवज में उन्होंने स्वेच्छा से देश निकाला स्वीकार किया था। मनमौजी ऐसे कि उन्होंने अमीरों से अपने चित्रों के लिए अथाह पैसा वसूल किया। वहीं कला के कद्रदानों, संग्राहलयों और आर्ट को समझने वालों को अपने चित्र मुफ्त में दिए। कहते हैं कि दुनिया में पिकासो ने जितना पैसा कला से कमाया, उतना कोई और आज तक कला या साहित्य की रॉयल्टी से नहीं कमा सका है। इस महान कलाकार का निधन 8 अप्रेल 1973 में हुआ।

मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

एशिया आर्ट फेस्टिवल में जयपुर आर्ट समिट सर्पोट पार्टनर

एशिया आर्ट फेस्टिवल में जयपुर आर्ट समिट सर्पोट पार्टनर
फेस्टिवल 10 से 13 मई तक
मूमल नेटवर्क, दिल्ली। भारत के संस्कृति मंत्रालय के तहत उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित एशिया आर्ट फेस्टिवल में जयपुर आर्ट समिट को सर्पोट पार्टनर के रूप में आमन्त्रित किया गया है। समिट कला और संस्कृति को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर एशिया कला महोत्सव 2018 में आधिकारिक भागीदारी निभाएगा। यह महोत्सव त्यागराज स्टेडियम में आगामी 10 से 13 मई तक आयोजित होगा।
समिट के फाउंडर डायरेक्टर शैलेन्द्र भट्ट ने मूमल को बताया कि एशिया कला महोत्सव के दौरान जयपुर आर्ट समिट लगभग 40 विदेशी कलाकारों के कला सृजन और उनकी समसामयिक कला के लिए नई सोच को प्रस्तुत करेगा। महोत्सव के दौरान जयपुर आर्ट समिट कला के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के प्रति अग्रसर है। विश्व स्तर पर की जा रहीं समसामयिक रचनात्मक गतिविधियों में युवाओं को संलग्न करने के लिए समिट द्वारा समय-समय पर कार्य किये जा रहे हैं। समिट अपने अनुभव को वैश्विक शांति एवं एकजुटता के लिए और सांस्कृतिक बहुलवाद को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सोमवार, 2 अप्रैल 2018

पांंचवी स्टेट एग्जीबिशन में सजी 150 कलाकृतियां

पांंचवी स्टेट एग्जीबिशन में सजी 150 कलाकृतियां
मूमल नेटवर्क, अमृतसर। इण्डियन अकादमी ऑफ फाइन आर्टस की पांंचवी स्टेट एग्जीबिशन का उद्घाटन कल शाम 4 बजे हुआ। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि नॉर्थ जोन कल्चर सेन्टर के डायरेक्टर डॉ. सौभाग्य वरदान थे।
प्रदर्शनी के लिए 182 कलाकारों की 312 कृतियां प्राप्त हुई थी। इनमें से 150 कृतियों को चयन समिति द्वारा प्रदर्शनी के लिए चुना गया। तीन सदस्यों की चयन समिति में डॉ. इंदु सुधीर, केवल सहगल व वीरेन्द्रपाल सिंह शामिल थे। ज्यूरी मेम्बर्स दलबीर सिंह, सुखपाल सिंह व नरेन्द्र सिंह मूर्तिकार थे।
इस अवसर पर प्रदर्शनी में शामिल श्रेष्छ कृतियों को पुरस्कृत किया गया। कला दीर्घा में सजी यह प्रदर्शनी 10 अप्रेल तक चलेगी।