नई उम्मीदों के साथ विदा हुआ अंतर्राष्ट्रीय कला मेला
कल शाम हुआ समापन
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। नयी उम्मीदों और शुभकामनाओं के साथ ललित कला अकादमी आयोजित प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय मेले ने विदाई ली। यह पन्द्रह दिवसीय मेला 4 फरवरी से इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में कला, कलाकारों व कलाप्रेमियों की गतिविधियों का केन्द्र बना हुआ था। आयोजकों के अनुसार लगभग एक लाख लोगों ने मेले में सजी कृतियों को देखा।इस कला मेले में यूरोप, पैन एशिया, और अफ्र्रीका के कलाकारों ने हिस्सा लिया। मेले में शामिल होने वाले कुल कलाकारों की संख्या करीबन एक हज़ार थी। कृतियों के प्रदर्शन के लिए तकरीबन तीन सौ पच्चीस स्टॉल लगाए गए थे।
मेले में शामिल होने के लिए चीनए पेरू, पुर्तगाल, श्रीलंका, पोलैंड, ट्यूनीशिया, मेक्सिको, हंगरी, इंडोनेशिया,
अमेरिका, ईरान, फिजी, फ्रांस, चेक रपब्लिक, यूके, और स्पेन इत्यिादिे देशों से कलाकार आये। कृतियों के प्रदर्शन के साथ पेंटिंग कॉपीटीशन, फिल्म स्क्रीनिंग, आर्ट वर्कशॉप व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय मेले की समाप्ति की घोषणा करते हुए ललित कला अकादमी प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी ने कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय कला मेला स्वप्न के सच होने के सरीखा है। मेले में लगभग 1000 से अधिक कलाकार हैं और हमने कला के लगभग हर फलक को छूने की कोशिश की है। हमें जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली है वह उत्साहित करने वाली है। मेले में भाग लेने वाले कई कलाकार हम तक आये और हमसे मेले के आगामी सीजन के बारे में पूछा है। मुझे उम्मीद है कि आगामी सीजन में अंतर्राष्ट्रीय कला मेला अपनी सफलता की कहानियाँ दुहरायेगा साथ ही साथ नयी कहानियाँ भी गढ़ेगा।
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