अकादमी स्कालर्स की कृतियों में दिख रही नवीनता
इंटरैक्टिव सेशन में मुखर हुए कलाकार
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। ललित कला अकादमी आयोजित प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय कला मेले में अकादमी के विभिन्न क्षेत्रीय केन्द्रों के स्कॉलर्स की कृतियों की नवीनता लोगों को लुभा रही है। यह स्कालर्स विभिन्न विधाओं के जरिए अपनी कला को अभिव्यक्त कर रहे हैं।चेन्नई केंद्र से आए दुर्गा प्रसाद चगंती मेले में टेराकोटा कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। पवन कयितकर, प्रकाश एन, सचिन मंचारे, सरूप एम् वी, शेकप्पा बीएन की कृतियां लोगों को लुभा रही हैं। सचिन मंचारे अपनी कृतियों में प्रकृति और मनुष्यों के बीच के सम्बन्ध दर्शाते हैं।
लखनऊ से दिव्या चतुर्वेदी, करण सवनानी, रवी कुमार अग्र्हारी, रश्मि सिंह और विनोद कुमार अपनी कलाकृतियों के साथ मेले में उपस्थित हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित विवेक कुमार सिंह हालांकि बोलने में असमर्थ हैं मगर उनकी कला उनकी आवाज बन कर उनके मनोभावों को बेहद खूबसूरती से कैनवास पर उकेर देती है।
युवाओं की मेले में भागीदारी व उनका रुझान देखते हुए सी.एस. शेट्टी ने कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय कला मेले के जरिये कोशिश थी कि कला का एक सुखद वातावरण तैयार किया जाए और मैं खुश हूँ कि हम सफल हो रहे हैं। हमारे स्कॉलर के साथ-साथ मेले में उपस्थित हर कलाकार मेले को सफल बनाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं।
कल रवीवार के अवकाश के चलते मेले में लोगों की खासी संख्या नजर आई। कलाप्रेमियों के साथ मेले के आठवें दिन कला संग्राहकों ने भी अपनी उपस्थिती दर्ज करवाई। मेले में आयोजित लाइव पेंटिंग और पेंटिंग प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों की लोगों ने सराहना की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियों में मेमेसिस ग्रुप द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक अब बस और यश चौहान के निर्देशन में सांस्कृतिक कला मंच की प्रस्तुति सुन्दर काण्ड का बेले रूप लोगों ने खासा पसन्द किया। कला फिल्म सेशन के तहत मेक्सिको व यूरोप की फिल्म दिखाई गई। 4 फरवरी से आरम्भ हुए इस कला मेले का समापन 18 फरवरी को होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें