समानांतर साहित्य उत्सव में लगा कला शिविर
दिखी युवा कलाकारों की रचनात्मकता
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 27 जनवरी से चल रहे समानांतर साहित्य उत्सव में साहित्य के साथ कला की जीवन्त रचनात्मकता दिखी। उत्सव के दौरान रामगोपाल विजयवर्गीय कला दीर्घा में लगी प्रदर्शनी में 30 से अधिक कलाकारों के चित्र, मूर्तिशल्प, छापाचित्रण और फोटोग्राफ्स व इंस्टालेशन्स ने आगंतुकों को आकर्षित किया।3 दिवसीय चित्रकला कला शिविर में प्रदेश के 40 से ज्यादा चित्रकारों ने कैनवास व कागज़ पर ऑयल कलर, एक्रेलिक, चारकोल तथा मिक्स मिडिया में अपने भावों को आकारदिया। कला शिविर में लाखन सिंह जाट, लक्ष्मीकांत शर्मा, विजय कुमावत, शिखा राजोरिया, रवि योगी, शानु कुमार लोधा, संत कुमार विश्नोई, दुर्गेश अटल, लालचंद कांवलिया, शिखा कुमारी, ममता, बरखा, हिम्मत, हर्षित, शिवांगी, आशु, भूमिका, शिवाली, रवि मण्डावरिया, आदि कलाकारों ने भाग लिया। शिविर के निदेशक रामकिशन अडिग थे।
उल्लेखनीय है कि समानांतर साहित्य उत्सव में विविध विधाओं से जुड़े करीब 54 सत्रों में साहित्य की वर्तमान परिस्थितियों पर विचार विमर्श किया गया। चित्रकार अमित हारित ने सभी कलाकारों को धन्यवाद देते हुए बताया की समानांतर साहित्य उत्सव की पूरी टीम के साथ कवि ऋतुराज, ईशमधु तलवार तथा कृष्ण कल्पित के अथाह प्रयासों की वजह से पीएलएफ सार्थक तथा रचनात्मक रूप से संपन्न हो सका है।
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