स्थानीय शैली के साथ समसामयिक कला शैली का फ्यूजन
इंटरनेशनल आर्टिस्ट विलेज रेजीडेंसी का तीसरा दिन
मूमल नेटवर्क, चित्तौडग़ढ़। सामाजिक परोपकार के लिए चित्तौडग़ढ़ आर्ट सोसायटी द्वारा आयोजित इंटरनेशनल आर्टिस्ट विलेज रेजीडेंसी के तीसरे दिन 5 फरवरी को स्थानीय शैली के साथ समसामयिक कला शैली के फ्यूजन ने अद्भुत दृश्य की रचना कर डाली। एक और जंहा विश्व प्रसिद्ध बस्सी की कावड़ पर इजराइल से आई महिला कलाकार ओर्ली राम सीता का दृश्य बना रही थीं वही कैनवास पर फ्रांस से आये लुईस नयनाभिराम प्राकृतिक दृश्य चित्रित कर रहे थे।चित्तौडग़ढ़ आर्ट फेस्टिवल से जुड़े जसवंत सिंह ने बताया कि क्षेत्र में पहली बार आयोजित इस कला महोत्सव में 11 देशो के 28 कलाकार भाग ले रहे जो विभिन्न शैलियों से चित्र बना रहे हैं। रेजीडेंसी में सामाजिक मुद्दों पर चित्रण कार्य किया जा रहा है जिसमे बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, ऐतिहासिक विरासत संरक्षण एवं क्षेत्रीय लोक कला संरक्षण प्रमुख है। आर्ट फेस्टिवल में भाग लेने आये मोहनलाल सुखडिय़ा यूनिवर्सिटी के दृश्य कला विभाग के प्रोफेसर हेमंत द्विवेदी ने कहा कि, चित्तौडग़ढ़ कला महोत्सव के आयोजन ने क्षेत्र की कला पंरपरा को जीवंत बनाये रख रहा है। इस मंच से पहले भी कई कलाकार चित्तौडग़ढ़ आर्ट सोसायटी के कार्यक्रमो में भाग ले चुके हैं इससे निश्चित ही कला प्रेमियों को लाभ मिलेगा। आर्ट सोसायटी के सचिव मुकेश शर्मा के अनुसार आर्ट फेस्टिवल का आयोजन अगले 2 दिन यही होगा जिसमे हेरिटेज भ्रमण, लैंड आर्ट व कलाशिविर प्रमुख है। फेस्टिवल का समापन कल 7 फरवरी को होगा।
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