नीड ऑफ द हवर -आलटरनेटिव आर्ट स्पेसस
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। कल शाम 4 बजे ललित कला अकादमी के अलीगंज स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में नीड ऑफ द हवॅर -आलटरनेटिव आर्ट स्पेसस विषय पर प्रानामिता बोरगोहेन ने व्याख्यान दिया।उदाहरण सहित व्याख्यान देते हुए आर्ट क्यूरेटर एव आर्ट क्रिटिक प्रानामिता बोरगोहेन ने वैकल्पिक कला संस्थायो अथवा स्थानों की अवश्यकता पर विशेष रूप से बल दिया। इनका मानना है कि खोज एवं 1शान्तिरोड बैगलुरू जैसी संस्थाएं युवा उदीयमान कलाकारो को प्रयोगात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करते है ताकि वह कला जगत मे अपना स्थान बना सके।
उन्होंने बताया कि, अमेरिका में इस तरह का प्रयोग वर्ष 1970 में आरम्भ हुआ था। वहा पर फूड एवं द किचन नामक व्यवसायिक संस्थाओ ने अपने स्थान को कला वीथिका मे शमिल किया। इस प्रयोग से नये कलाकारो की कृतियो को जनमानस से जोड गया । हमारे देश मे इस तरह के प्रयोगो के लिए बहुत स्कोप है जैसे की मेट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट, व्यस्त बाजार जैसे पब्लिक प्लेसेस में कलाकृतियो का निर्माण ना केवल सौन्दर्यबोध में अभिवृद्धि कर सकते है साथ ही कलाकार की सृजनशीलता को भी एक प्लेटफार्म प्रदान कर सकते है ।
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