अलग भाषा, अलग वेश, फिर भी अपना एक भारत देश- एम. वैकया नायडू
प्रथम अंतर्राष्ट्रीय कला मेले का कल शाम हुआ उद्घाटन
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। कल शाम 5 बजे ललित कला अकादमी आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय कला मेले का उद्घाटन करते हुए उप राष्ट्रपति एम. वैकया नायडू ने कहा कि, अलग भाषा, अलग वेश, फिर भी अपना एक भारत देश। भारतीय कला, संस्कृति और उसके महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि, विविधता में एकता भारत की विशेषता है। सर्वे जना सुखीन भवन्त्तु इस देश का मूल दर्शन है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय कला मेला सिर्फ भारत का कला मेला नहीं है, यह कला मेला देश में अपनी तरह का अनूठा आयोजन है। इस मेले का आयोजन कला प्रदर्शनी के साथ देश.विदेश के कलाकारों को एक प्लेटफ़ॉर्म देने के लिए भी हुआ है। यह एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय उत्सव है।उप राष्ट्रपति के साथ संस्कृति मंत्री एवं सभी माननीय अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके कला मेले का उद्घाटन किया। उद्घाटन अवसर पर संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि, भारत की पहचान इसकी घनी संस्कृति में है। डॉ. शर्मा ने कीा कि, अंतर्राष्ट्रीय कला मेला के उद्घाटन के मौके पर माननीय उपराष्ट्रपति की उपस्थिति इस बात का परिचायक है कि वह चाहते हैं कि भारत की इस घनी संस्कृति की खुशबू दुनिया के कोने.कोने तक जाए। उन्होंने ललित कला अकादमी के प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी और उनकी पूरी टीम को मेले के आयोजन पर बधाई दी।
स्वागत भाषण में अकादमी प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी ने कहा कि, अकादमी ने पहली बार इतने बड़े स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय कला मेला का आयोजन किया है। यह उन कलाकारों के लिए एक सुनहरे अवसर की तरह है जो कला दीर्घाओं में कलाकृतियों का प्रदर्शन करने में समर्थ नही हैं। कला समुदाय के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता रखते हुए यह कला मेला कलाओं में आधुनिक प्रवृतियों के समकालीन प्रवाह की मिसाल देखने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा। कुल मिलाकर यह अपनी तरह का पहला मेला है जो कला जगत में मील का पत्थर साबित होगा।
धन्यवाद ज्ञापन के साथ इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने सभी माननीय अतिथियों सहित सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि, पंद्रह दिनों का अंतर्राष्ट्रीय कला मेला सिर्फ एक मेला नहीं है, कलाकारों का तीर्थ है।
उद्घाटन के पश्चात् श्रीलंका के करुणादास ओलाबोडुवा नृत्य समूह द्वारा लोक नृत्य और भारत के पंडित हरीश गंगानी एवं साथियों द्वारा कथक गायन की प्रस्तुति दी गयी।
उल्लेखनीय है कि, अंतर्राष्ट्रीय कला मेला ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित किया गया है। इसमें आठ सौ से अधिक कलाकार शामिल हुए हैं। कृतियों के प्रदर्शन के लिए लगभग तीन सौ पच्चीस स्टॉल लगाए गए हैं। मेले में शामिल होने के लिए चीन, वेनेज़ुएला, पेरू, पुर्तगाल, श्रीलंका, पोलैंड, ट्यूनीशिया, मेक्सिको, बांग्लादेश, त्रिनिदाद, टोबागो, फिजी, फ्रांस, इंग्लैंड, ब्राजील सरीखे देशों से कलाकार आए हैं। मेला 18 फरवरी तक चलेगा।
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