कलाकारों का चिंतन मनन कला की भाषा में-गौड
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय केन्द्र में राजभाषा हिंदी के उत्तरोत्तर विकास हेतु कल एक फरवरी को कार्यशाला आयोजित की गई।कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राजभाषा, संस्कृति मंत्रालय के निदेशक वेद प्रकाश गौड ने कहा कि, यद्यपि कला की कोई भाषा नहीं होती फिर भी कलाकार अपना चिंतन-मनन तो अपनी भाषा में करते हैं और हिंदी भारत की मिट्टी की भाषा है संस्कृति की धरोहर तथा विश्व में हमारी पहचान है। संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार हिंदी हमारी राजभाषा तो है ही और भारत जैसे प्रजातांत्रिक देश में हिंदी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। अत: हमें सरकारी कार्य में ही नहीं अपतिु जन मानस के साथ हिंदी में ही व्यवहार करना चाहिए, जिससे हम अपने सांस्कृतिक मूल्यों को सुरक्षित रख सकें।
प्रभारी क्षेत्रीय सचिव राजेश कुमार शर्मा ने आश्वासन दिया कि हिंदी में कार्य किये जाने को और बल प्रदान किया जायेगा।
इस अवसर पर अनेक कलाकार, कलाप्रेमी एवं कला छात्र उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें