कुछ दर्शक मिले पर बायर कोई नहीं
कीमत 50 हजार से 16 लाख तक रखी
मूमल नेटवर्क, मुंबई। शनिवार व रवीवार को जहांगीर आर्ट गैलरी में सजी राजस्थान के कलाकारों के चित्रों की प्रदर्शनी को कुछ दर्शक जरूर मिले, लेकिन बाजार ठंडा होने के कारण कोई खरीददार नहीं मिल रहा है। कलाकारों ने काम की कीमत इतनी अधिक लगा रखी है कि भूले-भटके आए दर्शक सामान्य से सामान्य काम की भी असामान्य कीमत देख कर कंधे उचकाता हुआ आगे बढ़ जाता है।आपको यह जानकर ताज्जुब हो सकता है कि प्रदर्शनी में शामिल कृतियों के मूल्य कम से कम 50 हजार रुपए और अधिकतम 16 लाख रुपए रखे गए हैं। अधिकतम मूल्य उदयपुर के आकाश चोयल की कृति के हैं, जबकि सबसे कम मूल्य 50 हजार रुपए की बात करते हुए कोई नाम लेना उचित नहीं होगा।
राजस्थान ललित कला अकादमी आयोजित इस शो राजस्थान 147 के संयोजक डॉ. लोकेश जैन ने ऑफ सीजन की बात स्वीकार करते हुए मूमल को जानकारी दी कि, सजी हुई कृतियों की खरीद के लिए पूछताछ तो की जा रही है लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई कृति बिक नहीं पाई है। इस स्थिति के बारे में डॉ. लोकेश ने मूमल को बताया कि, मार्केट ठण्डा है। इन्वेस्टर्स के पास पहले से ही पेंटिंग्स का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, इसलिए वो नया माल खरीदने की जोखिम अभी नहीं उठाना चाहते। उन्होंने यह भी कहा कि, खरीददारों में अब वो लोग बचते हैं जिन्हें अपना घर सजाने के लिए कृतियों की आवश्यक्ता पड़ती है, लेकिन उनकी क्रय शक्ति 15-20 हजार से अधिक की नहीं होती।
इस शो में सजी कृतियों की कीमत के बारे में डॉ. लोकेश ने मूमल को जानकारी दी कि, पेंटिंग्स 50,000 रुपए की कीमत से शुरू होकर 16 लाख रुपए तक की हैं, जबकि मूर्तिशिल्प 40 हजार रुपए से 1.75 लाख रुपए कीमत के हैं। सबसे महंगी पेंटिंग उदयपुर के आटिस्ट आकाश चोयल की व सबसे महंगा मूर्तिशिल्प जयपुर की सुमन गौड़ का है।
डॉ. लोकेश जैन ने मूमल को जानकारी दी कि, जिन प्रमुख कलाकारों की कृतियों को खरीदने के बारे में पूछताछ हो रही है उनमें से पेंटिंग के लिए भीमसिंह हाड़ा, जी.एस. खेतांची, महावीर स्वामी, चरण शर्मा, सुरेन्द्र पाल जोशी, लोकेश जैन, महेश स्वामी, आकाश चोयल, कुष्णा महावर, प्रदीप कुमावत, आर.बी. गौतम, लक्ष्मीकांत शर्मा, संजीव शर्मा व सौरभ भ्ट्ट के नाम शामिल हैं वहीं मूर्तिशिल्प में पंकज गहलोत, सुनील चेजारा व ज्योति प्रकाश गौतम की कृतियों को गिना जा रहा है।
डॉ. लोकेश ने मूमल से बातचीत के दौरान कहा कि, यदि कोई कृति बिकती है तो शो को माइलेज मिल जाएगा। वैसे यह शो कृतियों के बेचने को केन्द्र में रखकर नहीं वरन् ऐसे प्रतिभाशाली युवा कलाकारों को एक्सपोज करने के लिए रचा गया है जिनके लिए जहांगीर में शो करना एक स्वपन की तरह है। इस शो में जो सीनियर आर्टिस्ट शामिल हैं वो इसलिए कि, जूनियर्स को सीनियर्स के साथ एक ही शो में प्रदर्शित होने का अवसर मिल सके।
राजस्थान 147 को लम्बे इंतजार के बाद कुछ दर्शकों के दर्शन हो पाए हैं। बरसात के दिनों को मुंबई के कला बाजार में ऑफ सीजन माना जाता है। ऐसे में प्रदर्शनी में दो दिन के लिए ही सही दर्शकों का आना अच्छा संकेत है।
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