आज से थाईलैण्ड के कलाकारों को मिलेगा
भारतीय कलाओं को प्रशिक्षण
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। थाई सरकार की ओर से बैंकाक में संचालित ललित कला महाविद्यालय में दस दिवसीय कार्यशाला आज पांच जुलाई से प्रारम्भ हो गई। इस कार्यशाला के लिए अयोध्या शोध संस्थान की ओर से अलग-अलग शैलियों के पांच भारतीय कलाकारों का चयन किया गया है। इन कलाकारों में उत्तर प्रदेश के बुंदेली चितौरी शैली के स्थापित कलाकार रोहित विनायक, पश्चिम बंगाल की पेटुवा शैली के कलाकार नूरदीन, उड़ीसा पट्ट शैली के उडिय़ा कलाकार ब्रजेश्वर पटनायक, तमिलनाडु के तंजावुर शैली के कलाकार टी स्वामीनाथन व तेलंगाना की प्रसिद्ध चेरियार शैली के कलाकार डी. नागेश्वर नक्स शामिल हैं।उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. वाईपी सिंह के अनुसार दोनों देशों के बीच रचनाकार शिविर के आयोजन के प्रस्ताव पर सहमति पहले ही हो गई थी। इसी आधार पर पिछले साल ही कार्यशाला का आयोजन होना था लेकिन थाईलैण्ड के राजा के निधन के बाद वहां पूरे वर्ष का शोक घोषित कर दिया गया जिसके कारण कार्यक्रम निरस्त हो गया। यह आयोजन भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद (आईसीसीआर)भारत सरकार के सहयोग से इन देशों के साथ सांस्कृतिक सम्बन्धों को मजबूत बनाने की दिशा में एक प्रयास है।
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