नदियों के किनारे होगी कलात्मक अभिव्यक्तियां
मूमल नेटवर्क, , गोरखपुर।ज्यादा से ज्यादा लोगों को नदियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए संस्कार भारती कला व कलाकारों की मदद लेने जा रही है। इस योजना की शुरुआत प्रयाग महाकुम्भ से की जाएगी।
अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती नदियों के संरक्षण के लिए सांस्कृतिक एवं कलात्मक अभिव्यक्तियों से अभियान चलाएगी। संस्था के कलाकार नदियों के किनारे गायन, वादन के अलावा चित्रकला की प्रदर्शनी भी आयोजित करेंगे। यह निर्णय गोरक्ष प्रांत की साधारण सभा की बैठक में लिया गया।
राष्ट्रीय लोक कला के सह संयोजक गिरीश कहा कि नदियां भारत की सांस्कृतिक पहचान और विरासत हैं। पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण की वजह से नदियां भी लगातार संकुचित हो रही हैं। इसलिए जरूरी है कि संस्कार भारती के सदस्य इस जिम्मेदारी को उठाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नदियों के संरक्षण के अभियान से जोड़ा जाए। संस्था के कलाकार इस अभियान को अपनी कलात्मक एवं सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों से पूर्ण करेंगे। संस्था की राष्ट्रीय इकाई ने कला के माध्यम से नदियों को बचाने के इस संकल्प की शुरूआत प्रयाग के महाकुंभ से करेगी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में संस्कार भारती की विभिन्न इकाइयां अपनी कला और संस्कृति की अनुपम छटा बिखेरेंगी। उन्होंने गोरक्ष प्रांत के कलाकारों से इस अभियान के लिए जुट जाने का आह्वान किया। उज्जैन से आए मध्य क्षेत्र प्रमुख श्रीपाद जोशी ने कहा कि संस्कार भारती कला के माध्यम से सामाजिक जन-जागरण का कार्य कर रही है। उन्होंने संगठन के विस्तार पर जोर दिया। काशी प्रांत के क्षेत्र प्रमुख सनातन दुबे ने सुझाव दिया कि कला की विभिन्न विधाओं को लेकर अलग-अलग बैठकें कर कर योजनाएं बनाएं। हर विधा के संयोजक अपनी टोली बनाएं, जिससे सृजनात्मकता और बढ़ेगी। तकरीबन 5 घंटे तक चली मैराथन बैठक में विभिन्न ईकाइयों के 100 से ज्यादा सदस्य बैठक में शामिल हुए।
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