कनाडा के लेथब्रिज विश्वविद्यालय की कला दीर्घा
एक कला शिक्षिका के नाम
कला शिक्षिका डॉ. पर्किन्स हेस ने मृत्युपूर्व विश्वविद्यालय को दान किया था कला संग्रह
5 मिलियन डॉलर की 1,140 कलाकृतियां हैंं संग्रह में शामिल
मूमल डेस्कवर्क। लेथब्रिज विश्वविद्यालय ने कला शिक्षक व संग्राहक डॉ.मार्गरेट (मार्मी) पर्किन्स हेस को सम्मानित करते हुए अपनी कला दीर्घा का नाम हेस के नाम पर रख दिया है। इस दीर्घा में पर्किन्स हेस के संग्रह से 112 कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। अपना पूरा जीवन कला शिक्षक के रूप में बिताने वाली डॉ. मार्गरेट (मार्मी) पर्किन्स हेस ने अपनी मृत्यु से पहले अपना पूरा कला संग्रह विश्वविद्यालय को दान कर दिया था। उनके कला संग्रह में 5 मिलियन उॉलर की 1140 कलाकृतियां शामिल हैं। इन कृतियों में कनाडा के प्रसिद्ध कलाकारों की कृतियों के साथ विश्व प्रसिद्ध कलाकारों की कृतियां भी शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के अध्यक्ष माइक महोन ने कहा कि उनकी मृत्यु से आठ साल पहले मैंने हेस की उदारता को जान लिया था। उन्होंने कहा कि हेस ने विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक मास्टर-स्तरीय छात्रवृत्ति भी अपने धन से आरम्भ करवाई।
कला दीर्घा के सहायक क्यूरेटर डेविड स्मिथ ने कहा कि कला को जीवन के जुनून के रूप में जीने वाले हेस का यह कार्य वास्तव में प्रेरणाप्रद और अद्भुत है। उन्होंने कहा कि, लेथब्रिज विश्वविद्यालय की गैलरी, जिसका नाम अब उसके सम्मान में रखा गया है में इसी वर्ष सितंबर में उनके दान की गई 1,140 कृतियों में से 112 का प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में हेनरी मैटिस का बनाया एक मूल स्केच, पाब्लो पिकासो का एक प्रिंट और एलेक्स जेनवियर, बिल रीड, टोनी हंट, जेसी ओनार्क और हेलेन कालवक समेत प्रमुख स्वदेशी कलाकारों की कला को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि, आने वाले दिनों में उनके शेष संग्रह को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
डॉ.मार्गरेट (मार्मी) पर्किन्स हेस का परिचय
पर्किन्स हेस का जनम अल्ब्रटा में 3 मई 1916 में हुआ। वह अविवाहित थीं। हेस ने लिथेब्रिज विद्ववविद्यालय से ललित कला में डाक्टरेट प्राप्त किया था। उन्होंने अल्बर्टा विश्वविद्यालय से मानदंड डॉक्टर ऑफ लॉज डिग्री भी प्राप्त की। उन्हें 1 9 8 9 में रोटरी इंटरनेशनल की पॉल हैरिस फैलोशिप मिली और वह रॉयल कनाडाई भौगोलिक सोसाइटी का मानद फेलो रहीं। 2000 में, उन्हें वाईडब्ल्यूसीए महिला भेदभाव लाइफटाइम स्वयंसेवी उपलब्धि पुरस्कार मिला और 2004 में कैलगरी शहर से ग्रांट मैकवान लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्राप्त हुआ।वह विख्वविद्यालय सीनेट की सदस्य थीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन कला की शिक्षा व कला व्याख्यान देने और कला को संग्रहित करने में बिताया। रिटायमेंट के बाद पेंशन ही उनके जीवनयापन का एकमात्र साधन थी। सन् 2016 में लगभग 100 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हुई।
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