जहांगीर में राजस्थान के 140 कलाकारों का ग्रुप-शो
राज. ललित कला अकादमी की सराहनीय पहल
हालांकि तय कार्यक्रम के अनुसार तैयारियों का काम पिछड़ा हुआ है, लेकिन उम्मीद की जा रही कि सब कुछ समय पर हो जाएगा। आयोजन का सबसे सकारात्मक पहलू यह है कि ब्यूरोकेसी से परे अकादमी में मनोनीत कलाजगत के लोगों द्वारा किए जा रहे नवाचारों में यह कदम एक और सुखद कड़ी है। नकारात्मक पहलू यह है कि आयोजन में पारदर्शिता का नितांत अभाव है।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 26 जून से 2 जुलाई तक जंहागीर कला दीर्घा में होने वाले शो के लिए जून के तीसरे सप्ताह में अकादमी की कलादीर्घा में शो का प्रियू होना था, लेकिन तीसरा सप्ताह आधा बीत जाने तक शो के लिए चुने गए कलाकारों के नाम तक उजागर नहीं किए जा सके हैं। जानकारों के मुताबिक कारण स्पष्ट है कि चयन सूची में नामों के जुडऩे और कटने का क्रम अभी तक जारी है। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि इसमें चयनकर्ताओं की कोई दुर्भावना है।
चयन प्रक्रिया
दरअसल आरंभ से ही चयन प्रक्रिया परिपक्व और पारदर्शी नहीं रही। चयन समिति के लिए पद्मश्री शाकिर अली, वरिष्ठ मूर्तिकार अशोक गौड़ व राजस्थान विश्वविद्यालय के कला व्याख्याता डॉ. लोकेश जैन जैसे अनुभवी व जानकार सदस्यों को चुना गया। लेकिन, इन्हें चयन के लिए फ्रीहेंड दिए जाने के बजाय प्रदेश के हजारों कलाकारों में से अकादमी द्वारा चुने हुए करीब ढाई सौ से अधिक कलाकारों के नाम व काम उपलब्ध कराए गए। इन कलाकारों में युवा कलाकारों के साथ अनुभवी कलाकार, नेशनल व स्टेट अवार्ड प्राप्त कलाकारों की सूचि शामिल थी।
बताया गया कि समिति को इनमें से करीब डेढ़ सौ के नाम व काम चुनने हैं। समिति ने विभिन्न सूचियों और केटेलॉग आदि दस्तावेजों के आधार पर 140 नाम अकादमी के समक्ष प्रस्तुत कर दिए। इसके बाद अकादमी की ओर से इन चुनिंदा कलाकारों को पत्र लिखकर और टेलीफोन के जरिए आयोजन की जानकारी देते हुए ग्रुप शो के लिए उनका काम मांगा गया। निर्धारित आयोजन के अनुसार इनमें से अधिकांश की स्वीकृति प्राप्त हो गई।
समस्या
समस्या तब आन पड़ी जब अनेक कलाकारों ने किसी न किसी कारण से अकादमी के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। कुछ बड़े कलाकारों के लिए जहांगीर के ग्रुप शो में शामिल होना महत्वपूर्ण नहीं था तो कुछ के पास वह कृति नहीं अब उपलब्ध नहीं थी, जिसे केटेलॉग में देखकर उनसेेेे वह काम मांगा गया था। किसी ने इसलिए इस आयोजन में शामिल होना उचित नहीं माना क्योंकि इसमें फलां कलाकार को शामिल नहीं किया गया। कुल मिलाकर अकादमी के पास निर्धारित समय सीमा तक पर्याप्त कलाकारों की सहमति नहीं पहुंच सकी। ऐसे में गुरूजनों के प्रभावी सुझावों पर नामों का जुडऩे और कटने का क्रम अभी तक जारी है।
सचिव का कहना है
अकादमी सचिव डा. सुरेन्द्र सोनी ने बताया कि इस शो में चुने गए कलाकारों में से 50 प्रतिशत कलाकार ऐसे युवा हैं जिन्हें पहली बार जंहागीर जैसी प्रतिष्ठित कला दीर्घा में कला प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। इस शो में 50 प्रतिशत कलाकार जयपुर व राजस्थान के जाने-पहचाने वरिष्ठ कलाकार हैं। पारम्परिक व लघुशैली के चित्रकारों की बात करने पर सचिव ने कहा कि, हालांकि अकादमी के पास ऐसे कलाकारों के पूर्ण विवरण उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन फिर भी, इन विधाओं के कुछ कलाकारों को शो में शामिल किया गया है। भविष्य में इन विघाओं के कलाकारों को अकादमी से जोडऩे के प्रयासों में तेजी लाई जाएगी।
अकादमी के इस शो में शामिल होने वाले कलाकारों की सूचि उपलब्ध नहीं होने का कारण बताते हुए सचिव ने कहा कि, लगभग पन्द्रह कलाकारों ने शो में शामिल होने की तय तिथि 10 जून तक स्वीकृति नहीं भेजी। इन कलाकारों के स्थान पर शामिल किए जाने के लिए अन्य कलाकारों के चुनाव के साथ उनकी स्वीकृति प्राप्त की जा रही है। जंहागीर में प्रदर्शनी से पहले इस शो का प्रिव्यु अकादमी दीर्घा में होगा। शो के कैटलॉग प्रकाशन का कार्य चल रहा है।
जंहागीर तक सुरक्षित रूप से कृतियां पहुंचाने के लिए अकादमी के प्रदर्शनी वाहन का उपयोग किया जाएगा। इस प्रदर्शनी वाहन में भी कृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। सचिव ने जानकारी दी कि, शो के दौरान यह वाहन बारी-बारी से जंहागीर कला दीर्घा व जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट परिसर में खड़ा रहेगा। प्रदर्शनी अधिकारी विनय शर्मा ने बताया कि इस शो का संयोजन डॉ. लोकेश जैन तथा सह संयोजन आशीष श्रृंगी करेंगे।
ये तो शामिल हैं।
मूमल को यत्र-तत्र से उपलब्ध जानकारी के अनुसार जहांगीर के लिए ग्रुप-शो में शामिल होने वाले कलाकारों में दिवंगत रणजीत सिंह चूड़ावाला व सुरेन्द्र पाल जोशी सहित पद्मश्री शाकिर अली, डॉ. लोकेश जैन, अशोक गौड़, सुमन गौड़, डॉ. नात्थूलाल वर्मा, डॉ. विद्यासागर उपाध्याय, सोहन जाखड़, लाखन सिंह जाट, प्रो. चिन्मय मेहता, वीरेन्द्र बन्नू, जयशंकर शर्मा, महावीर स्वामी,डॉ. अनुपम भटनागर, तिलकराज, श्वेत गोयल, शीतल चिलांगिया, आर.बी. गौतम, शरद भारद्वाज, भीमसिंह हाड़ा, मनोज टेलर, , जगमोहन माथोडिय़ा, मणि भारतीय, पंकज गहलोत, विनोद भारद्वाज, किरण सोनी गुप्ता, खुशनारायण जांगिड़, किरण मूरडिया, कृष्णा महावर, लक्ष्यपाल सिंह, अमित राजवंशी, दीपिका हाजरा, अजय मिश्रा, अन्नपूर्णा शुक्ला, सुधीर शर्मा, सौरभ भट्ट व आशीष श्रृंगी शामिल हैं।
इससे इंकार नहीं किया जा सकता
बरसों से प्रशासनिक अधिकारियों की संवेदनहीन सीमित कार्रवाई के चलते अकादमी के जो कार्यक्रम कला मेले, छात्र प्रदर्शनी व स्टेट अवार्ड प्रदर्शनी तक सिमटे हुए थे, अकादमी के लिए कलाजगत से चुने गए मनोनीत अध्यक्ष और सचिव के आने के बाद ना केवल गतिविधियां बढ़ी हैं वरन् उनमें विविधता भी नजर आने लगी है। नई बयार से तरोताजा हुए कलाकारों का मानना है कि अब इसमें पारदर्शिता भी नजर आने लगे तो कार्यप्रणाली की विश्वस्तनीयता और बढ़ेगी।
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