प्रिंट विधा के विभिन्न रंगों से सजा रवीन्द्र भवन
प्रथम प्रिंट बैनाले हुआ शुरू
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। ललित कला अकादमी आयोजित इपहला प्रिंट बैनाले रविंद्र भवन में रविवार को शुरू हुआ। देश में बैनाले का शुभारंभ प्रसिद्ध प्रिंटमेकर शक्ति बर्मन ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शक्ति बर्मन ने कहा कि 80 के दशक में मेरा लिथोग्राफी से पहला सामना हुआ था, लेकिन समय के साथ इसकी लोकप्रियता घटती गई, और आज इसके गिने-चुने स्टूडियो ही बचे हैं। उन्होंने आशा जताई की इस कार्यक्रम के बाद लिथोग्राफी को फिर से प्रसिद्धी मिलेगी।प्रिंट बैनाले में अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की कुल 73 कृतियां प्रदर्शित की गई हैं। इसमें नेपाल, बाग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, श्रीलंका, इटली, मैक्सिको, चीन, इजरायल, स्वीडन, लिथुआनिया, पोलैंड, अर्जेटीना, ग्रीस और मॉरीशस सहित कुल 17 देश शामिल हैं। इसके साथ ही 98 भारतीय प्रिंटमेकर्स की कृतियां एमिनेंट प्रिंटमेकर्स ऑफ इंडिया प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सोमवार 26 मार्च को हुआ। प्रदर्शनी का उद्घाटन भारतीय सास्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने किया।
रविवार को आयोजित कार्यक्रम में अकादमी प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी ने कहा कि अपने 64 वर्ष के इतिहास में प्रथम प्रिंट बिनाले का आयोजन कर ललित कला अकादमी ने आज अपनी उपलब्धियों पर एक सुनहरा पृष्ठ जोड़ा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रिंटमेकिंग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए विचारों की खोज के लिए नई कलात्मक प्रवृत्तियों को पहचानना है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा नहीं आ सके। इस अवसर पर उनका भेजा गया संदेश पढ़ा गया जिसमें उन्होंने प्रिंटमेकिंग को अभिव्यक्ति का उत्कृष्ट माध्यम बताया। अन्र्तराष्ट्रीय व भारतीय कलाकारों की प्रिंट कृतियों से सजी प्रदर्शनियां 22 अप्रेल तक चलेंगी।
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