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शुक्रवार, 26 अक्टूबर 2018

हवा-हवाई बातें बनाकर करीब 10 लाख समेटे फिर राजस्थानी पपेट्स व पिक-पॉकेटर्स बताया

हवा-हवाई बातें बनाकर करीब 10 लाख समेटे
फिर राजस्थानी पपेट्स व पिक-पॉकेटर्स बताया
मूमल नेटवर्क, जयपुर। इंटरनेशनल आर्ट फेस्टिवल के नाम पर आयोजकों ने जयपुर के कलाकारों से लगभग 10 लाख रुपए समेटे और दिल्ली लौटने के बाद उनकी टोली ने यहां के ठगे से कलाकारों, सहयोगियों और बिंदास रिर्पोटिंग करने वालों को राजस्थानी पपेट्स व पिक-पॉकेटर्स जैसे शब्दों से नवाजा।

आयोजन से जुड़े सूत्रों के अनुमान अनुसार यदि 250 कलाकारों की भागीदारी भी मानी जाए तो फीस के रूप में प्राप्त राशि 7 लाख 50 हजार रुपए होती है। इसमें स्पॉन्सर्स और स्टॉल लेने वाले लोगों से प्राप्त धन को जोड़ा जाए तो यह राशि लगभग 12 लाख होनी चाहिए। जानकारों के अनुसार रवीन्द्र मंच की गैलेरीज के लिए लगभग 28 हजार रुपए का भुगतान किया गया। बाहर लॉन पर हुए आयोजन का दायित्व सह-आयोजक के रूप में एसोसिएट अविनाश त्रिपाठी पर था। अविनाश, अनिमेश फिल्म प्रा.लि. के कर्ताधर्ता हैं। एक समझौते के अनुसार अपनी फिल्म कम्पनी के प्रमोशन के साथ यहां से होने वाले आय-व्यय का नफा-नुकसान त्रिपाठी को ही होना था। अविनाश के साथ काम करने वाले लोगों की मानें तो स्पॉन्सर का पूरा पैसा और कुछ स्टॉलों से प्राप्त राशि मैडम ने सीधे ले ली, जो उनके सर को अभी तक नहीं मिली है। सूत्रों के अनुसार इस आयोजन में अविनाश त्रिपाठी करीब 4 लाख रुपए के नीचे आए हैं, अब टेंट, लाइट, साउण्ड आदि के बिल भरने के जुगाड़ में लगे हैं।
कलाकारी गैंग 
हालांकि कलाजगत में अपनी ही बिरादरी के कलाकारों को चूना लगाने के लिए नित-नए आयोजनों की कलाकारी करने वाले गैंग देशभर में सक्रिय हैं। जयपुर जैसे शहर अब तक इनकी चपेट में आने से बचे हुए थे, लेकिन पिछले कुछ बरसों में गुलाबी नगर में आयोजित कुछ सफल और बड़े आयोजनों के बाद ऐसे गैंग्स को यहां भरपूर पैसा नजर आने लगा है। यहां के सरल कलाकारों को अपने प्रभाव में लेना भी उनके लिए आसान होता है। उस पर अगर आयोजक अन्य बड़े कलाकारों, ब्यूरोकेट्स और फिल्मी लोगों के साथ अपनी तस्वीरें दिखाकर उनसे करीबी रिश्ते होने की बात कहे तो काम और आसान हो जाता है।
पहले कलाकारों से मीठी-मीठी बातें करने वाले आयोजक और उसकी कलाकारी गैंग के मैम्बर्स बुकिंग के बाद पार्टिसिपेट्स से सीधे मुंह बात नहीं करते, कई बार तो बदतमीजी पर उतर आते हैं। यहां तो सहयोगियों तक से ऐसा व्यवहार किया गया। इसी के चलते पहले मनीष अग्रवाल और उसके बाद अविनाश त्रिपाठी से झगड़े की स्थिति बनी। आयोजकों के अनुरूप नहीं चलने वाले कलाकारों और सहयोगियों के लिए कथित कलाकारी गैंग ने किसी ओर के हाथों में नाचने वाले राजस्थानी पपेट्स और पिक-पॉकेटर्स जैसे शब्दों का उपयोग किया।
कमोबेश यही बात आयोजन का असल रंग दिखाने वाली रिपोर्टिंग के लिए भी कही गई।  'रंग बिखेरे और रंग जमायाÓ जैसे हैड लाइन के साथ बिना किसी खास जानकारी वाली खबरों के आदि आयोजकों को मूमल की बेबाक रिपोर्टिंग बिलकुल नहीं सुहायी। आयोजन के फ्लाप होने की आशंका से संबंधित समाचार को कथित कलाकारी गैंग ने आयोजन की विफलता का प्रमुख कारण बताया। आमतौर पर आलोचना के शिकार आयोजकों की तरह कलाकारी गैंग ने भी मूमल को सही पत्रकारिता का पाठ पढ़ाते हुए ज्ञान प्रदान किया।
मेहता की सहमति नहीं 
आयोजन की कोर टीम में नम्बर वन की स्थिति में प्रकाशित वरिष्ठ कलाकार चिन्मय मेहता के चित्र पर हुई चर्चा पर मेहता ने इससे अनभिज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो आयोजकों ने इसके लिए उनसे कोई सहमति प्राप्त नहीं की। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या मनीष अग्रवाल और गीता दास के बीच झगड़ा मिटाने के लिए दोनों आप ही के घर पर नहीं मिले थे? मेहता ने कहा कि उन्होंने कहा था कि वे मुझ से मिलना चाहते हैं, मैने सहमति दे दी। ऐसे में जब कोई मुझ से मिलना चाहे तो वह मेरे ही घर तो आएगा, मै उनसे मिलने थोड़े ही जाउंगा। आयोजन के दौरान वहां प्रमुखता से नजर आने पर पूछे गए सवाल पर मेहता ने बताया कि वे कला जगत के लगभग छोटे-बड़े आयोजन में आमंत्रित होने पर ऐसे ही नजर आते हैं। मेहता ने कहा कि वे आयोजकों से कोर टीम में बिना उनकी सहमति के उन्हें शामिल करने और उनके फोटो का उपयोग करने के बारे में बात करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वे इस आयोजन के संबंध में कला एवं संस्कृति विभाग को भी पत्र लिखेंगे।
'कलाचर्चा' जैसा आयोजन करें
इस संबंध में कला जगत के वरिष्ठ और जिम्मेदार लोगों से हुई चर्चा के बाद यह विचार निकल कर आया कि अब कला जगत के तेजी से बदलते परिदृश्य को देखते हुए कलाकारों को ठगी से बचने के लिए किसी भी कलाकारी गैंग से स्वयं सतर्क रहना होगा। ऐसे गिरोहों का सहयोग करने वाले स्थानीय लोगों को भी परखना होगा। ठगे गए महसूस होने पर उनका खुलकर विरोध भी करना होगा। ऐसे मेें अपने छोटे-छोटे समूह बनाकर स्वयं ही प्रदर्शनी का आयोजन किया जा सकता है। कलाचर्चा जैसे युवा कलाकारों के समूह इसकी एक से अधिक मिसाल पेश कर चुके हैं। इसी के साथ अनेक गंभीर व्हाट्सऐप ग्रुप हैं, जो बिना कोई फीस लिए ऑन लाइन प्रदर्शनी का आयोजन करते हैं।

शनिवार, 29 सितंबर 2018

विज्ञान सम्मलेन में पेग का औसिलेशन

विज्ञान सम्मलेन में पेग का औसिलेशन
मूमल नेटवर्क, जयपुर। शहर में होने वाले एन जी बी टी अंतराष्ट्रिय विज्ञान सम्मलेन के दौरान प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप की समह प्रदर्शनी औसिलेशन का प्रदर्शन होगा। कल &0 सितम्बर से आरम्भ हो रही इस प्रदर्शनी में लगभग सत्रह कलाकारों की पचपन कृतियां प्रदर्शित की जाएंगी।
पेग के प्रवक्ता रविकांत माइकल ने बताया कि 'औसिलेशन' विज्ञान और कला के नैसर्गिक रिश्ते को उजागर करने वाली एक अनूठी कला प्रदर्शनी है। इसका मूल उद्देश्य समय की सतत गति और उसके आवर्तन को कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप प्रस्तुत करना है जिसका आधार सहज दृश्यात्मक लय है। इस प्रदर्शनी की संकल्पना चेन्नई की क्यूरेटर गीता हड्सन और शहर के युवा चित्रकार अमित कल्ला ने की है।
प्रदर्शनी में शामिल कलाकारों में आर बी गौतम, प्रो. भवानीशंकर शर्मा, हिमांशु व्यास, ताबिना अंजुम, अभिषेक कुमावत, हंसराज कुमावत, एल एन नागा, संजीव शर्मा, किशन खटिक, बाकर नकवी, श्वेत गोयल, शीतल चितलांगिया, पूजा भार्गव व मनोज टेलर प्रमुख हैं।
आयोजन के दौरान प्रोजेक्ट स्टूडियो एक्सटेंशन के अंतर्गत पेग सदस्य लाइव आर्ट का भी प्रदर्शन करेंगे। लाइव प्रदर्शन की शुरुआत शुरुआत पेग अध्यक्ष आर बी गौतम करेंगें। रेखाओं पर अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले कलाकार दुर्गेश अटल स्केचिंग और ब्लैक एंड वाइट पोट्रेट बनायेंगे
कुकस स्थित फ़ेयरमाउन्ट होटल में आयोजित प्रदर्शनी का समापन 2 अक्टूबर को होगा। 

शुक्रवार, 8 जून 2018

जेकेके में रविवार की सुबह होगी आर्ट परफॉमेंस के नाम

जेकेके में रविवार की सुबह होगी आर्ट परफॉमेंस के नाम
डॉ. कृष्णा महावर की कल्पना 'इन बिटविन द एलीमेंट्स ऑफ पेंटिंग्स, द बॉडी एंड द स्पेस' होगी साकार
मूमल नेटवर्क, जयपुर। जवाहर कला केंद्र में रवीवार  10 जून की सुबह आर्ट परफॉमेंस की प्रस्तुति होगी। यह आर्ट परफॉमेंस डॉ. कृष्णा महावर की परिकल्पना पर आधारित पेंटिंग के मूल सिद्धांतों से प्रेरित है जो केन्द्र के  फ्रंट लॉन में प्रात: 8 बजे आयोजित होगा। लगभग डेढ़ घंटे की इस प्रस्तुति को 'इन बिटविन द एलीमेंट्स ऑफ पेंटिंग्स, द बॉडी एंड द स्पेस' नाम दिया गया है। प्रस्तुति अधिकांशत: पेंटिंग्स में निहित उन सामान्य मौलिक सिद्धांतों पर केंद्रित है, जो कभी-कभी पेंटिंग्स में स्पष्ट दिखाई देते हैं अथवा अदृश्य रहते हैं।
यह आत्म-विश्लेषणात्मक परफॉर्मेंस बिना किसी पैन, पेंसिल, रंग या कैनवास के उपयोग के मात्र शरीर एवं खाली भूमि का उपयोग करते हुए प्रस्तुत किया जाएगा। यह एक नॉन-लीनियर और अमूर्त रचना है जिसमें पेंटिंग के छ: तत्वों के मूल अवधारणा शामिल हैं। इस प्रस्तुति में बताया जाएगा कि शरीर के माध्यम से किसी स्थान पर लाईन को किस प्रकार से अभिव्यक्त किया जा सकता है और किसी रिक्त स्थान पर स्वरूप को किस प्रकार से आकार दिया जा सकता है। इस परफॉर्मेंस का उद्देश्य मोमेंट्स, साउंडस् एवं बॉडी स्ट्रक्चर का उपयोग करते हुए अवधारणा में सुधार करना है।

मंगलवार, 5 जून 2018

कच्ची बस्ती के वंचित बच्चों के लिए अकादमी में कला कार्यशाला

कच्ची बस्ती के वंचित बच्चों के लिए अकादमी में कला कार्यशाला
मूमल नेटवर्क, जयपुर। झुग्गी-झौंपडिय़ों के वंचित बच्चों के  लिए राजस्थान ललित कला अकादमी में सृजनात्मक कला अभिरुचि कार्यशाला का कल  4 जून को उद्घाटन हुआ। यह कार्यशाला राजस्थान ललित कला अकादमी तथा कला चर्चा समूह द्वारा संयुक्त रूप से लगाई गई है। इस 10 दिवसीय कार्यशाला में पांच विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी के लिए प्रति कोर्स 500 रुपये शुल्क रखा गया है।
कार्यशाला संयोजक भावना सक्सेना के अनुसार कार्यशाला का उद्घाटन कलाविद डॉ. वीरबाला भावसर, वरिष्ठ कला समीक्षक, रंगकर्मी व फिल्म मेकर अशोक आत्रेय और लघुचित्रण शैली चित्रकार वीरेन्द्र बन्नू ने किया।
पर्यावरण दिवस
आज विश्व पर्यावरण दिवस पर अकादमी में स्कूल व कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों के लिए ओपन पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।

मंगलवार, 27 मार्च 2018

प्रिंट विधा के विभिन्न रंगों से सजा रवीन्द्र भवन

प्रिंट विधा के विभिन्न रंगों से सजा रवीन्द्र भवन
प्रथम प्रिंट बैनाले हुआ शुरू
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। ललित कला अकादमी आयोजित इपहला प्रिंट बैनाले रविंद्र भवन में रविवार को शुरू हुआ। देश में बैनाले का शुभारंभ प्रसिद्ध प्रिंटमेकर शक्ति बर्मन ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शक्ति बर्मन ने कहा कि 80 के दशक में मेरा लिथोग्राफी से पहला सामना हुआ था, लेकिन समय के साथ इसकी लोकप्रियता घटती गई, और आज इसके गिने-चुने स्टूडियो ही बचे हैं। उन्होंने आशा जताई की इस कार्यक्रम के बाद लिथोग्राफी को फिर से प्रसिद्धी मिलेगी।
प्रिंट बैनाले में अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की कुल 73 कृतियां प्रदर्शित की गई हैं। इसमें नेपाल, बाग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, श्रीलंका, इटली, मैक्सिको, चीन, इजरायल, स्वीडन, लिथुआनिया, पोलैंड, अर्जेटीना, ग्रीस और मॉरीशस सहित कुल 17 देश शामिल हैं। इसके साथ ही 98 भारतीय प्रिंटमेकर्स की कृतियां एमिनेंट प्रिंटमेकर्स ऑफ  इंडिया प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सोमवार 26 मार्च को हुआ। प्रदर्शनी का उद्घाटन भारतीय सास्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने किया।
रविवार को आयोजित कार्यक्रम में अकादमी प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी ने कहा कि अपने 64 वर्ष के इतिहास में प्रथम प्रिंट बिनाले का आयोजन कर ललित कला अकादमी ने आज अपनी उपलब्धियों पर एक सुनहरा पृष्ठ जोड़ा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रिंटमेकिंग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए विचारों की खोज के लिए नई कलात्मक प्रवृत्तियों को पहचानना है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा नहीं आ सके। इस अवसर पर उनका भेजा गया संदेश पढ़ा गया जिसमें उन्होंने प्रिंटमेकिंग को अभिव्यक्ति का उत्कृष्ट माध्यम बताया। अन्र्तराष्ट्रीय व भारतीय कलाकारों की प्रिंट कृतियों से सजी प्रदर्शनियां 22 अप्रेल तक चलेंगी।

रविवार, 21 जनवरी 2018

जेकेके में व्हेन इज स्पेस प्रदर्शनी आज से

जेकेके में व्हेन इज स्पेस प्रदर्शनी आज से
सवाई जय सिंह एवं चाल्र्स कोरिया के विचारों पर होगी चर्चा
सजेंगे 27 आर्ट आर्किटेक्चर

मूमल नेटवर्क, जयपुर। जवाहर कला केंद्र की इन हाउस कन्टेम्पररी आर्किटेक्चर एग्जीबिशन 'व्हेन इज स्पेस' आज से शुरु हो गई है। इसके लिए केन्द्र के विभिन्न हिस्सों में 27 आर्ट आर्किटेक्चर इंस्टाल किए गए हैं। प्रदर्शनी  के क्यूरेटर रूपाली गुप्ते एवं प्रसाद शेट्टी के अनुसार आमतौर पर लोग पेंटिंग डांस इत्यिादि को ही आर्ट मानते हैं जबकि आर्किटेक्चर भी अपने आप में आर्ट है। 
31 मार्च तक चलने वाली समसामयिक वास्तुकला पर आधारित इस एग्जीबिशन का उद्देश्य भारत में समसामयिक वास्तुकला एवं 'स्पेस' सृजन करने की कार्यप्रणालियों पर चर्चा करना है। इस चर्चा में जयपुर के संस्थापक सवाई जय सिंह एवं जेकेके के संस्थापक चाल्र्स कोरिया के विचारों पर मनन करना है। यहां 'स्पेस' का अर्थ मल्टी-स्केलर डायमेंशस से है, जहां आर्किटेक्चर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह एग्जीबिशन आमजन से प्रश्न करती है 'व्हेन इज स्पेस?' और बताती है कि 'स्पेस' सृजन के लिए क्या करना होता है? आर्किटेक्चर का एनवायरमेंट और वास्तुकला से क्या संबंध होता है? लोककथाओं को आर्किटेक्चर में कैसे बुना जा सकता है? कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब कंटेम्परेरी आर्किटेक्चर एग्जीबिशन में देंगे।
इस एग्जीबिशन में 30 कलाकार/आर्किटेक्ट्स शामिल होंगे।
व्हेन इज स्पेस के प्रतिभागी
एग्जीबिषन में अबिन डिजाइन स्टूडियो, एनाग्राम आर्किटेक्ट्स, एंटहिल डिजाइन, अनुज डागा, आर्किटेक्चर ब्रियो, आयोजन स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, भगवती प्रसाद, ध्रुव जानी, द्रोणा, गीगी स्केरिया, सर जे जे कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर एंड मुस्तांसिर दल्वी, मेड इन मुम्बई, एम प्रवात, मन्चिनी, मार्क प्राइम, मिलिंद महाले, मैथ्यू एंड घोष, महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय, पारुल गुप्ता, मैसर्स प्रभाकर भागवत, प्रसाद खानोलकर, रणधीर सिंह, रक्स मीडिया कलेक्टिव, समीप पाडोरा प्लस एसोसिएट्स, समीर राउत, समीरा राठौड़ डिजाइन एटेलियर, सेहेर शाह, तेजा गावांकर, द बुसराइड डिजाइन स्टूडियो, द अर्बन प्रोजेक्ट, विकास दिलावरी और विशाल के. डार की कृतियां प्रदर्षित की जाएगी।
कल से कॉन्फ्रेंस 'इन्हेबिटेशंस'
 'व्हेन इज स्पेस' एग्जीबिशन के तहत 22 एवं 23 जनवरी को कन्टेम्पररी स्पेस पर आधारित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस 'इन्हेबिटेशंस' का आयोजन किया जाएगा। कॉन्फ्रेंस के दो विषय हैं - प्रथम, आधुनिक भवन निर्माण कला में स्थान, जगह के बारे में प्रश्न करना और दूसरा, व्हेन इज स्पेस एग्जीबिशन की व्याख्या करना।
कॉन्फ्रेंस के दौरान आयोजित पैनल डिस्कशन में आर्किटेक्ट्स, कलाकार, डिजाइनर्स, रिसर्चर्स, शहरी विशेषज्ञ एवं फिलासफर्स द्वारा विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। ये पैनल डिस्कशंस 'स्पेशियलिटीज ऑफ न् यू इकोनॉमीज एंड इकोलॉजीज, 'जयपुर नोट्स', 'रीविजिटिंग जयसिंह 'ज जयपुर', 'थिंकिंग एंड ड्राइंग स्पेस' और 'पॉलिटिक्स ऑफ स्पेस' जैसे विषयों पर आयोजित किए जाएंगे। यह कॉन्फ्रेंस स्पेस एवं इसकी आकृतियां सृजन करने की विशिष्ट परिस्थितियों, अनुभवों, राजनीति तथा इसकी संकल्पना करने की विधियों पर बारीकी से ध्यान देने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है।

बुधवार, 17 जनवरी 2018

कला महोत्सव में दिखे भारत के रंग

कला महोत्सव में दिखे भारत के रंग
जयपुर कला महोत्सव की हुई शुरुआत

मूमल नेटवर्क, जयपुर। कल शाम जयपुर कला महोत्सव के उद्घाटन के साथ ही भारत के कला रंगों की छटा बिखर पड़ी। उद्घाटन विशिष्ट अतिथि मूर्तिकार हिम्मतशाह के साथ कला संयोजक राजेन्द्र सिंह नरुका व उपस्थित मेहमानों ने किया। महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में आमन्त्रित केबिनेट मंत्री किरण महेश्वरी उपस्थित नहीं हो सकीं।महोत्सव में कला के विभिन्न रंगों के रूप में टैक्सटाइल, फोटोग्राफी, पेपरमेशी, ज्यूलरी, मैटल क्राफ्ट, आर्किटेक्चर, वुड क्राफ्ट व इंस्टालेशन कलाप्रेमियों को लुभाने के लिए तैयार हैं।
लगभग एक सौ स्टॉल्स में जयपुर व प्रदेश के साथ देश भर के आर्टिस्ट्स की कृतियां सजी हुई हैं। महोत्सव के दूसरे दिन आज दिन में एक बजे पेंटिंग वर्कशॉप की शुरुआत की जाएगी। चार बजे कला चर्चा के दौर में रिफलेक्शन ऑफ नेचर ड्राइंग इन आर्ट एण्ड डिजाइन विषय पर बातचीत की जाएगी। आज का समापन शाम सवा छ: बजे पं. भार्गव मिस्त्री के सरोद वादन से होगा।