नए आयाम स्थापित कर सम्पन्न हुआ
जयपुर आर्ट समिट का पांचवा एडीशन
मूमल नेटवर्क, जयपुर। यहां आयोजन के नए आयाम स्थापित करते हुए जयपुर आर्ट समिट का पांचवा एडीशन सम्पन्न हो गया। इसी के साथ जयपुर आर्ट समिट का कद कुछ और ऊंचा हो गया। रंग और राग, खुशी और आनन्द, अनुभूतियां और विचार, परिचर्चाएं और कल्पनाएं तथा कला के कई रूप और जीवन्त तस्वीरों के पांच दिन के साथ और सुखद एहसास के पलों को बांटकर कल शाम जयपुर आर्ट समिट के पांचवें एडीशन ने विदाई ली। साल-दर-साल पूरे पांच वर्ष की समिट की कला यात्रा अपने आप में अनूठी रही, कई रंगों से लिपटी हुई। 2013 के पहले एडीशन से लेकर आज 2017 में पांचवें एडीशन तक आते-आते जहां समिट कैनवास के कई रंग बदले वहीं पांचवें पायदान ने समिट के कद को भी बढ़ाया। इस वर्ष के समिट में पूरे आयोजन को कुल आठ खण्डों में विभक्त किया गया। जिन्हें सम्बन्धित क्षेत्र के विद्वानों ने क्यूरेटर के रूप में अपनी कल्पनाओं के कैनवास पर जूनियर व सीनयर आर्टिस्ट्स के संग मिलकर साकार किया। कई कृतियों, कलाकारों व कला अभिव्यक्तियों के साथ इस वर्ष के समिट के खासियत रही उसका व्यवस्थित होना।
जयपुर और भारत के युवा व वरिष्ठ कलाकारों के साथ विदेश के कई मुल्कों से आए कलाकारों ने इन पांच दिनों में पूरी उर्जा के साथ अपनी भागीदारी निभाई। कलाकारों ने अपनी कला अभिव्यक्ति से यह साबित कर दिया कि कला सीमाओं और बंधनों से परे की चीज है जिसकी सच्ची साधना प्रेम और खुशियों के रंग बिखेर एक सूत्र में बांधने को प्रेरित करती है। कला की सही शब्दों में व्याख्या करें तो यह साक्षात ईश्वर से साक्षात्कार करवाने का एहसास करवाती है।
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