शुक्रवार, 15 दिसंबर 2017

कला और कलाकारों के नाम रहा समिट का दूसरा दिन

कला और कलाकारों के नाम रहा समिट का दूसरा दिन
मूमल नेटवर्क। रवीन्द्र मंच पर चल रहे पांच दिवसीय जयपुर आर्ट समिट का दूसरा दिन कला व कलाकारों का नाम रहा। गहमा-गहमी के स्थान पर बहुत ही शांति से बीत रहे समिट के दूसरे दिन में कला चर्चाओं का शोर रहा। अपने आकषर्ण से लोगों को पास बुलाते आर्ट इंस्टॉलेशन्स ने समिट की सैर का आमन्त्रण दिया।
कला चौपाल की चर्चा कला शिक्षा

वुडन बॉक्स को जोड़कर बनाए गए कलात्मक चौपाल में चर्चा की गर्मी थी, कला शिक्षा का औचित्य। मुबई के वरिष्ठ कलाकार प्रभाकर कोल्टे का कहना था कि यदि एकलवय नीति अपनाए और विश्वास का दामन थामें तो संभवत आर्ट एजूकेशन की आवश्यक्ता ही नहीं रहे। कलात्मक वातावरण और सीखने सिखाने के दौर कला के नए आयाम स्थापित कर सकते हैं।
डेमोस्ट्रेशन की बहार
 
चार गुणजनों के चार डेमोस्टेशन कला की खूबियों को अभिव्यक्त कर रहे हैं। 17 दिसम्बर तक निरन्तर चलने वाले डेमोस्ट्रेशन्स में जयन्त गजेरा कंटेम्पररी वुड कट पर, दत्तात्रेय आप्टे पेपर पल्प कॉस्टिंग पर, राजीव लाचन डिजीटल प्रिंट पर तथ्ता जापान के आर्टिस्ट यूरिको जापानी पेंटिंग पर कार्य कर रहे हैं।

कार्यशालाओं का मजमा
कला कार्यशालाओं की श्रृंखला में कल गौरी केटकर ने रिसाइलिंग आर्ट व पंकज गोस्वामी ने कार्टुनिंग कला की बारीकियां सिखाई।
फिल्म सेशन
कल 15 दिसम्बर को करीम बैज के निर्देशन से सजी रिद़म ऑफ थार तथा पाऊला के निर्देशन में तैयार दि गुरु एण्ड दि फार्क का लोगों ने लुत्फ लिया।

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