शुक्रवार, 25 मई 2018

आइसीसीआर का दायरा बढ़ा

आइसीसीआर का दायरा बढ़ा
संस्कृति के साथ शिल्प भी होगा शामिल
मूमल नेटवर्क, वाराणसी। आइसीसीआर (भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद) अब शिल्पियों के लिए भी काम करेगा। आइसीसीआर का दायरा बढ़ गया है। संस्कृति के साथ अब इसके कार्य में शिल्प भी शामिल होने जा रहा है।
आइसीसीआर द्वारा  मिट्टी, लकड़ी आदि के शिल्प को बनाने वाले कारीगरों को भी विश्व पटल पर बेहतर पहचान दिलाने के लिए पहल की जाएगी। यह बात राज्यसभा सांसद एवं आइसीसीआर के अध्यक्ष डा. विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे ने कल शुक्रवार 25 मई को बीएचयू स्थित आइसीसीआर के क्षेत्रीय कार्यालय की प्रेसवार्ता में कही है। उन्होंने कहा कि परिषद की ओर से सभी देशों में सांस्कृतिक आयोजन किया जा रहे हैं। इसका उद्देश्य सिर्फ अपनी संस्कृति को विदेशों तक ले जाना ही नहीं बल्कि इसका आकलन करना भी है।
सहस्रबुद्धे ने कहा कि भारतीय गीत, संगीत, नाटक, शास्त्रीय संगीत पर फेलोशिप दी जा रही है। विदेशों में भारत महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है। इसके लिए 68 चेयर भी स्थापित किए गए हैं।
लोक कलाओं को संरक्षण
ग्रामीण एवं पिछड़े इलाकों की विलुप्त होती लोक कलाओं के बारे में डा. सहस्रबुद्धे ने कहा कि भारतीय लोक कला पिछड़े वर्ग एवं आदिवासी क्षेत्र में भी बसती हैं लेकिन उनको उचित मंच नहीं मिलता। इसे ध्यान में रखते हुए आइसीसीआर अब ऐसे लोगों के प्रोत्साहन के लिए जगह-जगह केंद्र खोल रही है। इसी के तहत नागपुर में केंद्र खोला गया है।  परिषद अब संस्कृति की साधना करने वाले हर क्षेत्र के कलाकारों को सम्मानित करेगी। चाहे वह कला-संस्कृति के हों या शिल्प क्षेत्र के। उन्होंने कहा कि किसी भी आयोजन में कमेंट्री का एक अपना महत्व होता है, लेकिन इसमें अगर लिट्रेचर जोड़ दिया जाए तो आयोजन और भी खास हो जाता है।
शुरू होगा भारत अध्ययन कार्यक्रम
डा. सहस्रबुद्धे ने बताया कि परिषद की ओर से देश में भारत अध्ययन कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। इसके माध्यम से देश में आने वाले पर्यटकों को भारत के बारे में सभी जानकारी दी जाएगी ताकि देश का पर्यटन बढ़े और प्रभावशाली बने। इसके तहत पर्यटकों के लिए एक दिन या आधे दिन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसके लिए सभी मंत्रालयों से सहयोग लिया जा रहा है। सांस्कृतिक संबंध को और प्रगाढ़ करने के लिए नीति आयोग के साथ विमर्श भी हो चुका है।
पहली बार मनाया विश्व संस्कृति दिवस
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 21 मई को पहली बार विश्व संस्कृति दिवस मनाया गया। इसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का व्याख्यान भी हुआ। बताया कि परिषद की ओर से विदेश मंत्रालय को तीन साल का प्लान भी दिया गया है ताकि सभी नजदीकी देशों के सांस्कृतिक संबंध को और विस्तार दिया जा सके। बताया कि देश के 100 विश्वविद्यालयों में चीन ने सेंटर खोले हैं। भारत भी विदेशों में छात्रों के लिए नई पहल करेगा।
हिन्दी का बढ़ा क्रेज
उन्होंने कहा कि देश की बोली हिन्दी का भी अब दुनिया में क्रेज बढ़ रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है कि देश के प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री विदेशों में महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भी हिन्दी में भी भाषण दिए हैं। यह एक अच्छी पहल है।
नहीं शिफ्ट होगा लखनऊ का सेंटर
अध्यक्ष ने लखनऊ स्थित आइसीसीआर सेंटर के शिफ्ट होने की अटकलों को खारिज किया। कहा कि वहां पर छात्रों की संख्या को लेकर किसी ने सुझाव भेजा था लेकिन शिफ्ट करने की कोई मंशा नहीं है।