बुधवार, 9 अक्टूबर 2013

Jaipur Art Summit-13 From 7th to 11th November


जयपुर आर्ट समिट की घोषणा करते हुए समिट टीम के सदस्य (बाएं से) सेमीनार समन्वयक आर.बी. गौतम, प्रशासनिक कार्य की जिम्मेदारी निभाने वाले एस.के. भट्ट, चेयरपर्सन टिम्मी कुमार और कॉन्वेनर डा. मृदुल भसीन।
 मूमल नेटवर्क, जयपुर। गुलाबी नगरी जयपुर में 7 से 11 नवम्बर के दौरान आयोजित होने जा रहे जयपुर आर्ट समिट में रंग, आकार, टैक्सचर और डिजाईन का अदभुत सामंजस्य होगा। फेस्टीवल नगरी के नाम से विख्यात हो चुके जयपुर के सांस्कृतिक कैलेण्डर में जयपुर आर्ट समिट एक नई और
अनूठी शुरूआत है। प्रोग्रसिव आर्टिस्ट ग्रूप तथा जयपुर के उत्साही कलाकारो और कला प्रेमियों द्वारा परिकल्पित इस कला उत्सव का प्रमुख उदे्श्य जयपुर के सांस्कृतिक इतिहास में आधुनिक कला को नये सिरे से परिभाषित करना है। जयपुर और राजस्थान की कला परम्परा की कडियों में शेखावाटी की चित्रित हवेलियां, भव्य वास्तुकला, मिनिएचर पेन्टिंग, ग्रामीण मांडणा तथा फड  प्रमुख है। इन माध्यमों से आधुनिक कला ने भी प्रेरणा ली है। राष्ट्र स्तरीय जयपुर आर्ट समिट इस परम्परा को आधुनिक कला से जोडने का अभिनव प्रयास हैं।
जयपुर आर्ट समिट के बारे में राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर आर. बी. भास्करन का कहना है, 'इस समिट से मुझे कला के क्षेत्र में परिवर्तन की काफी सम्भावनायें दिखाई देती हैं। जयपुर में हाल ही में बहुत से कलाकार उभरे हैं और साथ ही कई नयी गैलेरीज भी बनी हैं। मुझे लगता है अपने ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रख्यात जयपुर में इस समिट से सफलता का एक नया आयाम शुरू होगा।Ó
समिट के दौरान कैनवास, विजुअल, डिजीटल, स्कल्पचरल तथा इन्स्टॉलेशन माध्यमों से अनेकों कलाकार अपनी कल्पना को साकार करेंगे। समिट का प्रमुख उदे्श्य समसामयिक कला के विभिन्न आयामों को मंच देना हें जिसमें वरिष्ठ तथा युवा सभी आयु वर्ग के कलाकारो की भागीदारी होगी।

अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी - राष्ट्र स्तरीय कलाकारों की कला प्रदर्शनी में अनेक माध्यमों की अभिव्यक्ति शामिल होगी और इसके तहत 150 कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित होंगी जो सम्पूर्ण राष्ट्र के बेहतरीन कलाकारों का प्रतिनिधित्व करेंगी।

आर्ट कैम्प - समिट के पांचो दिन चलने वाले आर्ट कैम्प में देश के नामचीन, वरिष्ठ कलाकारों को आमंत्रित किया गया हैं ,ये कलाकार पांच दिन तक कला सृजन में जुटेंगे। कला प्रेमियों तथा छात्रों के लिए उनसे मिलने तथा उन्हें काम करते देखने का अनुभव अद्भुत होगा।
आर्ट कैम्प में भाग ले रहे प्रसिद्व तथा वरिष्ठ कलाकारों में है अंजली इला मेनन, जो समिट की विशिष्ट अतिथि भी होंगी तथा जतिन दास, प्रभाकर कोल्टे, शान्ति दवे, आर.बी. भास्करन, मुरलीधरन, अन्जनि रेडडी तथा अन्य वरिष्ठ कलाकार आर्ट कैम्प के दौरान काम करेंगे।

इन्स्टॉलेषन आर्ट - इस आधुनिक कला माध्यम को रूप देने वाले प्रमुख कलाकार है दिल्ली से चिन्तन उपाध्याय, मिठू सेन और मुकेश शर्मा, जयपुर से सुरेन्द्र पाल जोशी तथा अंकित पटेल। इन सभी कलाकारों ने देश-विदेश में ख्याति पाई है।

सेमीनार - समिट में आयोजित दो दिवसीय सेमीनार में कला क्षेत्र के प्रतिष्ठित विद्वान, आलोचक और इतिहास वेत्ता भाग लेंगे जिनमें प्रयाग शुक्ल, मंगलेश डबराल, अशर्फी भगत, अभय सरदेसाई, श्री कृष्ण अग्रवाल तथा जॉनी एम.एल. शामिल है। सेमीनार के दो दिनों में प्रतिदिन चार सैशन होगे
तथा विभिन्न विषयों पर चर्चा होंगी।

विशिष्ट कलाओं का प्रदर्शन - भारत के विभिन्न प्रदेशों में राज्याश्रय और लोक जीवन में पनपी कलाऐं आज भी हमारे गांवो तथा शहरों में जीवन्त रूप में विद्यमान हैे। इसी तथ्य को रेंखांकित करने के लिये ऐसी कलाओं के प्रदर्शन को समिट में शामिल किया गया है जैसे कि वृन्दावन की सांझी, सवाई माधोपुर का टेराकोटा, सिनेमा होर्डिग की पॉपुलर आर्ट, मलिंग आर्ट, ग्लास पेन्टिग, सेरेमिक आर्ट तथा क्ले मोडलिंग। इस डेमोन्सटेऊशन का उदे्श्य है कला प्रेमियों को इन कलाओं का नये सिरे से परिचय देना।

इन आयोजनों के अलावा जयपुर आर्ट समिट में ऐसे पॉइन्टस ऑफ  इन्टेऊस्ट जुटाऐ जायेंगे जिनसे दर्शको और कला प्रेमियों का मनोरंजन भी होगा। आर्ट हाट में जहां घर सजाने का चुनिन्दा साजो-सामान और कारीगरों द्वारा बनाये गये कपड़े खरीदे जा सकेंगे, वही लाईव बैण्ड तथा लोक संगीत से दशर्को का मनोरंजन होगा।
समिट की अध्यक्षा श्रीमती टिम्मी कुमार के अनुसार 'हमे खुशी है कि यह समिट कलाकारों के बीच से उभरा है और हम इसे कम्युनिटी फेस्टीवल के रूप में देखते है। हमें आशा है  कि आने वाले वर्षो में जयपुर आर्ट समिट कला के क्षेत्र में नई सम्भावनाओं को ढूंढ सकेगा।Ó

आयोजन स्थल - विभिन्न कला माध्यमों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए समिट के दो आयोजन स्थल होंगे जेएलएन मार्ग स्थित जवाहर कला केन्द्र तथा होटल क्लाक्र्स आमेर।

आर्ट समिट में देश के श्रेष्ठतम कलाकार, विद्वान, कला आलोचक, मूर्तिकार, इन्सटॉलेशन आर्टिस्ट, कला के खरीदार, कद्रदान, संग्रहकर्ता, छात्रों तथा शिक्षकों को एक जगह एकत्रित किया जायेगा ताकि सभी इस उत्सव का हिस्सा बन सकेे।

1 टिप्पणी:

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुति ....
सफल आयोजन हेतु शुभकामनायें!