कलाकृतियां सिखाएंगी सूर्य नमस्कार
एनसीजेडसीसी में कमल की पंखुडिय़ों पर अब सूर्य नमस्कार की 12 मुद्राएं नजर आएंगी। इसे अंतिम रूप देने में पश्चिम बंगाल के मूर्तिकार लगे हैं। राज्यपाल करेंगे 17 जून को लोकार्पण।मूमल नेटवर्क, प्रयागराज। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) में सूर्य नमस्कार को प्रदर्शित करती कमल के फूल पर आसीन कृतियों को लगाया जाएगा। यहां प्रतिमाएं यह बताएंगी कि आप किस तरह सूर्य नमस्कार करें। सूर्य नमस्कार की 12 मुद्राओं पर आधारित कलाकृतियां देश को जल्द ही समर्पित की जाएंगी। योग विधा में यह अनोखी पहल हो सकती है। फाइबर वाली इन कलाकृतियों को पश्चिम बंगाल से आए मूर्तिकार गढ़ रहे हैं। कुंभ के सफल आयोजन से दुनिया भर में अपनी चमक बिखेरने वाले प्रयागराज में सूर्य नमस्कार के तरीके को कला के माध्यम से अनूठे अन्दाज में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
ऐसी है कृतियां
एनसीजेडसीसी ने सूर्य नमस्कार के निमित्त तैयार की जा रही प्रतिमाओं को अभी तक कोई नाम नहीं दिया है। इसे बनाने का उद्देश्य है कि योग प्रेमियों को सूर्य नमस्कार की सभी मुद्राओं की जानकारी सहज तरीके से हो। मूर्तिकार इसे कमल के फूल पर गढ़ रहे हैं। एक-एक पंखुड़ी पर सूर्य नमस्कार की अलग-अलग मुद्राओं को दर्शाते हुए प्रतिमाएं गढ़ी जा रही हैं। बीच में एक योगी की प्रतिमा ध्यान मुद्रा में होगी।
सभी मुद्राओं के सामने उनके नाम भी रहेंगे। इस कलाकृति का निर्माण सात मई से शुरू हुआ था। इस पर 15 से 20 लाख रुपये तक का खर्च आने की बात संस्थान के जिम्मेदार कह रहे हैं। कुल कितनी राशि खर्च होगी, यह बता पाने की स्थिति में वह अभी नहीं हैं। कलाकारों का भी यही कहना है कि यह प्रतिमाएं शिल्प व निर्माण कला के लिए अप्रतिम उपहार होगा।
बोले एनसीजेडसीसी के निदेशक
एनसीजेडसीसी के निदेशक इंद्रजीत ग्रोवर बताते हैं कि दिल्ली में तैनाती के दौरान वह इसे वहीं बनवाना चाहते थे लेकिन, शायद यह कलाकृति प्रयागराज की किस्मत में लिखी थी। महात्मा गांधी कला वीथिका के सामने पार्क में इसका निर्माण कराया जा रहा है। पास में योग की कक्षाएं चलती हैं। इस कला वीथिका में अक्सर प्रदर्शनी भी लगती है। इसलिए वहां कला पे्रमियों का आना जाना अधिक होता है।
राज्यपाल करेंगे लोकार्पण
इस कलाकृति का लोकार्पण राज्यपाल रामनाईक के हाथ से कराने का कार्यक्रम तय किया गया है। अभी तक 17 जून को लोकार्पण की तैयारी है लेकिन इसमें बदलाव किया जा सकता है।
साभार दैनिक जागरण
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