सज गयी कहानी पत्थरों की
जैम एण्ड ज्यूलरी म्यूजियम की शुरुआत
मूमल नेटवर्क, जयपुर। जैम एण्ड ज्यूलरी म्यूजियम की शुरुआत
बहुप्रतीक्षित जैम एण्ड ज्यूलरी म्यूजियम का उद्घाटन कल राजस्थान चैम्बर भवन परिसर में किया गया। इस संग्राहलय में हजारों साल पुराने पत्थरों को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही जयपुर के ज्यूलरी इतिहास को बयां करती वॉल भी बनाई गई है। तथरों के कई करिश्माई नमूने यहां आने वाले को प्रभावित होने से नहीं रोक पाएंगे जैसे विशालकाय डायनासोर, मछलिया या पेड़ की प्रतिकृति।
म्यूजियम का उद्घाटन राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट महेंद्र सिंह डागा ने किया। इस अवसर पर आईडीसीए, न्यूयॉर्क के प्रेसिडेंट अशोक संचेती औरफिलैन्थ्रोपिस्ट दिलीप लखी उपस्थित थे। इन्हीं के साथ म्यूजियम के अध्यक्ष राजीव जैन, सचिव विजय चौराडिया समन्वयक डॉ. रजनीकांत शाह और संग्रहालय के निदेशक मंडल के सदस्य भी उपस्थित थे।
डॉ. रजनीकांत शाह ने इस म्यूजियम निमार्ण की कहानी बताते हुए कहा कि,जो जून 2015 में 'म्यूजियम ऑफ जेम एंड ज्वेलरी फेडरेशन, जयपुरÓ नामक एक गैर-लाभकारी संगठन का गठन किया। राजस्थान सरकार के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए जो सफल हुआ। जयपुर और न्यूयार्क में रह रहे कुछ ज्वैलर्स ने वित्तिय सहायता दी और दो वर्षें की अथक मेहनत के बाद जैम एण्ड ज्यूलरी म्यूजियम का सपना साकार हुआ।
पत्थरों की यात्रा है थीम
म्यूजियम की थीम पत्थरों की पैदाइश से लेकर ज्यूलरी की शोभा बढ़ाने वाली यात्रा की कहानी है। पत्थर की यात्रा को स्पष्ट करने के लिए इसमें 50 से अधिक अनुभाग बनाए गए हैं। प्रत्येक अनुभाग एक विशेष विषय पर आधारित है, मोटे और कट पत्थर, विशेष रॉक, पत्थर के विभिन्न कट, रत्नों के विभिन्न रंग, भारत में रत्न रत्नों के नमूने व चट्टाने तो इसमें शामिल हैं ही साथ में प्राचीन निर्माण उपकरण, मशीनरी और तकनीक, जयपुर में इनके व्यापार के विकास का इतिहास, दुर्लभ और कटौती के पत्थर, जीवों से बने पत्थर, नवरत्न, नवग्रह, आदि भी शामिल हैं। । एक पूरा भाग डायमंड, मोती और अन्य कीमती पत्थरों समर्पित है।
कुछ खास आकर्षण
150 साल पुराना पेरेनाइट रफ अफ्रीकन स्टोन, हजारों साल पहले जमे डायनासोर के अझडे का पत्थर स्वरूप, हजारों सालों से समन्दर में दबी रही मछली का पत्थर में परीवर्तित रूप, पेड़ का तना जो समय के साथ पत्थर में तब्दील हो गया तथा कोरल फोसिल का बड़ा स्टोन जो समन्दर में अन्दर जमकर पत्थर बन गया। इसमें आज भी जीवों के घर देखे जा सकते हैं।
इस म्यूजियम को आमजन के लिए खोल दिया गया है। इसमें अगले 15 दिनों तक प्रवेश फ्री रहेगा बाद में देशी-विदेशी सैलानियों के लिए 50 रुपये का टिकट रखा गया है।
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