शुक्रवार, 30 मई 2014

मदरसा-ए-हुनरी से राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट तक

Old Building at Kishanpol Bazar, Jaipur

विज्युअल आर्ट के क्षेत्र में नामी कलाकार देने वाली 
राजस्थान की सबसे पुरानी संस्था  
गौरवशाली इतिहास
सन् 1857 में मदरसा-ए-हुनरी के नाम से शुरू हुआ राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट का सफर कला शिक्षण की दुनिया में अनुभव, परिपक्वता, कला अभ्यास और काबिलियत को स्वयं में समेटे हुए है। देश की सबसे पुरानी कला शिक्षण संस्थाओं में से एक है, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट। यहां शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी स्वत: ही कला के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा बन जाते हैं।
ग्रेजुएशन,पोस्ट ग्रेजुएशन
राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन तक विजुअल आर्ट की शिक्षा दी जाती है। कला के व्यावसायिक शिक्षण की स्नातक व स्नातकोत्तर डिग्री के लिए पेंटिंग, एप्लाइड आर्टस और मूर्तिशिल्प (स्क्लपचर) में से किसी को चुन सकते हैं। ग्रेजुएशन में 20 वर्ष से कम और पोस्ट गे्रजुएशन के लिए 26 वर्ष तक की आयु के विद्यार्थी एडमीशन ले सकते हैं।
अपेक्षाकृत कम शुल्क
कॉलेज में बैचलर डिग्री ऑफ  विजुअल आर्ट में पेंटिंग, एप्लाइड आर्टस व स्क्लपचर के लिए 24-24 सीटें व मास्टर डिग्री ऑफ  विजुअल आर्ट में पेंटिंग, एप्लाइड आर्टस व स्क्लपचर के लिए 12-12 सीटें उपलब्ध हैं। बीवीए की शिक्षण अवधि 4 वर्ष और एमवीए की शिक्षण अवधि 2 वर्ष (चार सैमिस्टर) में हैं। वार्षिक फीस संतुलित व अपेक्षाकृत कम है जो विद्यार्थियों के अभिभावकों पर ज्यादा आर्थिक भार नही डालती। एमवीए में सेल्फ फाइनेंस के रूप में भी एडमीशन लिया जा सकता है।
आधुनिक स्टूडियोज
कला शिक्षण के लिए नवीनतम व अति आधुनिक उपकरणों से सजे स्टूडियोज हैं, जहां  विद्यार्थियों को अभ्यास व शिक्षण में आसानी रहती है। एससी,एसटी व महिला विद्यार्थियों के लिए कॉलेज में विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं। कॉलेज का शैक्षिक वातावरण परिवारिक व सहज है।
अनुभवी शिक्षक
यहां पढ़ाने वाले शिक्षक कला क्षेत्र के वरिष्ठ और अनुभवी अध्यापक हैं। देशभर में उनकी पहचान शिक्षक के साथ-साथ बेहतर कलाकार के रूप में भी है। अनुभवी व परिपक्व शिक्षकों के संरक्षण में विद्यार्थी अपनी प्रतिभा को निखार कर कला की दुनिया में अपनी पहचान बना सकते हैं। देश-विदेश में स्थापित कलाकारों में से अनेक नाम यहां से शिक्षण प्राप्त कर निकले विद्यार्थियों के हैं।
सुसम्पन्न लायब्रेरी 
विषय के गहरे अध्ययन के लिए यहां की लायब्रेरी में बहुमूल्य पुस्तकों का भण्डार है। कला से सम्बन्धित लगभग 8000 पुस्तके कॉलेज की लायब्रेरी में हैं और नवीनतम पुस्तकों की भी नियमित रूप से खरीद होती रहती है।
अब नए भवन में 
इस सत्र से कॉलेज शिक्षा संकुल स्थित नए भवन में शिफ्ट हो रहा है, जो कला शिक्षण के आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है। कॉलेज में एडमीशन के लिए बीएवी के 2 जून से और एमवीए के लिए14 जून से फार्म उपलब्ध होंगे। यह फार्म व प्रोस्पेक्टस  किशनपोल बाजार स्थित कॉलेज के पुराने भवन से प्राप्त किए जा सकते हैं। भरे हुए फार्म को बीएवी विद्यार्थी द्वारा 19 जून तक और एमवीए विद्यार्थी द्वारा 24 जून तक किशनपोल बाजार वाले पुराने भवन में जमा करवाया जा सकता है।
देखें: राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट 
New building at 'Shiksha Sankul' JLN Road, Jaipur

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