शनिवार, 8 सितंबर 2012

कलाकृतियों की सरकारी खरीद की तैयारी

कलाकृतियों की सरकारी खरीद की तैयारी 

मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान के वरिष्ठ कलाकारों के एक समूह ने अपनी पेंटिग्स की सरकारी खरीद के लिए 26 साल पुराने बोतल में बंद एक नियम को फिर से बाहर निकालने की जद्दोजहद शुरू की है। इस नियम के तहत यह व्यवस्था थी कि किसी भी नवनिर्मित सरकारी इमारत की सजावट में उसके निर्माण के कुल बजट का एक निश्चित भाग कलाकृतियों की खरीद पर व्यय किया जाता था।
बाद में वक्त की धूल में यह नियम दब गया और सरकारी भवनों में पर्यटन निगम के पोस्टर आदि दीवारों पर लगाए जाते रहे। अब राजस्थान ललित कला अकादमी में उसी समूह के एक कलाकार के अध्यक्ष मनोनीत होने के बाद इस पुराने नियम के आधार पर नए भवनों के लिए कलाकृतियों की खरीद के प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं। फिलहाल केवल अकादमी से जुड़े राजस्थान के चित्रकारों की कलाकृतियों की खरीद का प्रस्ताव ही बन रहा है। इसी के साथ यह बात उठने लगी है कि नए भवनों की सजावट के लिए केवल चित्र ही क्यों? स्कल्पचर या शिल्प भी क्यों नहीं? बात तो यह भी उठ रही है कि केवल राजस्थान के या अकादमी से जुड़े कलाकारों की कृतियां ही क्यों? सुंदरता या सजावट के लिए प्रांतों की सीमाएं तोड़कर उस प्रत्येक कलाकृति को स्थान क्यों नहीं दिया जा सकता जो सुंदर हों और भविष्य में अपनी बढ़ती कीमत के अनुसार सरकार के खजाने का मूल्य भी बढ़ाएं।

1986 में हुई थी अंतिम खरीद

अकादमी से सरकारी स्तर पर अंतिम खरीद वर्ष 1986 में हुई थी। इसके बाद अकादमी द्वारा कई बार प्रयास करने के बावजूद सरकार ने ध्यान नहीं दिया। इसी का परिणाम रहा कि शहर के मॉडर्न आर्ट और मिनिएचर कला बाजार की ग्रोथ रेट बेहद धीमी रही।

एक इमारत में लाखों की खरीद

एक अनुमान के अनुसार महज एक सरकारी इमारत की लागत में खर्च होने वाले कुल बजट का केवल दो प्रतिशत बजट भी कला बाजार पर खर्च किया जाए, तो यह आकड़ा लाखों रूपए में पहुंचता है। इस कारण न सिर्फ  कला बाजार का टर्न ऑवर मूव करेगा, बल्कि कलाकारों को क्लाइंट के रूप में सरकारी मदद भी मिलेगी।
 (इस संबंध में और विस्तार से जानकारी एकत्र की जा रही है जो इसी साइट पर उपलब्ध होगी)

2 टिप्‍पणियां:

Omjoshi ने कहा…

Thanks, Unable to type in Hindi for that excuse me. I appriciate the ejournal and thanks for news. On Gandhi's life I have done a painting on canvas 1290x135 Cms. depicting 111 events of his life.
For people 10 cards from young age to death has been painted and published.
OPJoshi

Omjoshi ने कहा…

It is for Academy and govt to decide.
I wish that art works including paintings of TRIBES and FOLK may be included. A TRIBAL AND FOLK AET MUSEUM may be established as has been done in many countries, American Folk Art Museum, is one example.