छापा कला का पहला बैनाले मार्च में
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली।
देश में छापा कला को प्रोत्साहन करने के लिए ललित कला अकादमी देश में पहली बार छापा कला बैनाले का आयोजन कर रही है। इस आयोजन में देश-विदेश के कलाकार हिस्सा लेंगे। पांच चयनित कृतियों को 2-2 लाख रुपए के पुरस्कार दिये जाएंगे।
ललित कला अकादमी देश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रिंट द्विवार्षिकी (छापा कला बैनाले) आयोजित कर रही है। अकादमी के प्रशासक सी.एस. कृष्णा शेट्टी ने जानकारी दी कि छापा कला (प्रिंट) को बढ़ावा देने के लिए यह बैनाले 25 मार्च को शुरु होगा और 10 अप्रेल तक चलेगा। बैनाले का आयोजन ललित कला अकादमी व राष्ट्रीय आधुनिक संग्रहालयों की दीर्घाओं में किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री करेंगे। बैनाले में हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर से कलाकार अपनी कलाकृतियां भेज सकते हैं। अकादमी द्वारा निर्धारित प्रपत्र को भर कर 30 दिसम्बर तक आवेदन भेजे जा सकते हैं।
प्रदर्शनी के लिए चयनित कृतियों में से श्रेष्ठ पांच कृतियों को दो-दो लाख रुपए की नकद राशि के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। कार्यक्रम में पांच दिन की वर्कशॉप का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें कलाकार आधुनिक शैली से रूबरू होने के साथ ही परंपरागत शैली को और निखार सकेंगे। प्रसिद्ध कलाविद अनुपम सूद को इस प्रदर्शनी में आयुक्त का दायित्व सौंपा गया है। प्रिंट कलाकार आनंद रॉय बनर्जी ने बैनाले के बारे में कहा कि यह हम पर निर्भर है कि हम इस अवसर का लाभ उठाएं व समकालीन छापा कलाकारों (प्रिंटमेकर) के लिए एक नई छाप छोड़ते चलें। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वैत गणनायक ने कहा कि संग्रहालय के पास अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं हैं जो कि अकादमी को उपलब्ध करवाई जाएंगी। ललित कला अकादमी का ये प्रयास मील का पत्थर साबित होगा।
बैनाले में भाग लेने के इच्छुक कलाकार 30 दिसंबर तक आवेदन भेज सकते हैं। भारतीय कलाकारों के लिए आयोजन में हिस्सा लेने का शुल्क रुपये एक हजार रखा गया है।
मूमल के पास बैनाले में प्रवेश का आवेदन पत्र और नियमावली उपलब्ध है।
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