मूमल नेटवर्क, जयपुर। पिछले वर्ष नाट्य प्रेमियों को जयरंगम में नाटक देखने के लिए टिकट खरीदने पड़े थे। इस वर्ष राज्य के कला संस्कृति विभाग की अनुदान स्वीकृत करने की शर्त के चलते जयरंगम को नाटकों को देखने के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन का प्रावधान करना पड़ा है। हां नाट्य प्रेमियों से शुल्क वसूलने के लिए डोनेशन की पतली गली निकाली गई है।
रंगमंच के प्रचार-प्रसार के लिए राजस्थान के कला संस्कृति विभाग के साथ कई निजी संस्थाएं एवं राष्ट्रीयकृत बैंक जयरंगम को भारी-भरकम राशि का अनुदान दे रहे हैं। गत वर्ष भारी अनुदान प्राप्त करने के बाद भी जयरंगम ने लोगों से नाटक देखने के लिए सभागार प्रवेश शुल्क के रूप में काफी बड़ी रकम एकत्रित की थी। इस वर्ष राज्य के कला-संस्कृति विभाग ने अनुदान के एवज में यह कड़ी शर्त लगा दी कि नाट्य प्रेमियों से कोई शुल्क नहीं वसूला जाए। इसके चलते जयरंगम ने सभागार में प्रवेश के लिए किया जाने वाला रजिस्ट्रेशन तो नि:शुल्क रखा है किन्तु प्रमियम सीटें डोनेशन देने वालों के लिए रिजर्व कर दी हैं। अपनी वेबसाईट में जयरंगम ने डोनेशन की अपील के साथ यह स्पष्ट लिखा है कि यदि सभागार में महत्वपूर्ण और प्रीमियम सीट पर बैठकर नाटक देखना है तो सीट आरक्षण के लिए जयरंगम को डोनेशन देना होगा।
इस वर्ष डोनेशन के लिए की गई अपील से जयरंगम आयोजकों को कितना डोनेशन मिलता है और उसमें से अपने वादे के अनुसार वो कितना थियेटर एक्टिविटी के प्रमोशन के लिए लगाते हैं, आने वाला समय बताएगा। जवाहर कला केन्द्र, महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम से सिमट कर जयरंगम को रवीन्द्र मंच पर अपना आयोजन करने के लिए आना पड़ा है। जयरंगम के सिमटने और अनुदान के बढ़ते जाने का विवरण आगामी खबरों में।
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