बुधवार, 20 मार्च 2013

Jaipur ArtFetival Day-3 'कुछ तो लोग कहेंगे...


'कुछ तो लोग कहेंगे...
मूमल नेटवर्क, जयपुर। जयपुर आर्ट फेस्टिवल में सभी कलाकार और शिल्पी काम के बाद मिलने वाले मानदेय या बिक्री के लिए चिंतित हो ऐसा कतई नहीं हैं। कुछ कलाकार और शिल्पी ऐसे भी हैं जिन्हें इन बातों से कोई सरोकार नहीं। उनका कहना है कि यहां वे आयोजकों के बुलावे पर केवल कला सृजन के लिए आएं हैं, किसी मानदेय या पारिश्रमिक के लिए नहीं। उन्हीं में से एक हैं मिनीएचर आर्ट के जाने-माने हस्ताक्षर रामू रामदेव।
जयपुर राजघराने के सिटी पैलेस में अपने काम के साथ कंटम्टरी आर्ट की तुलना में बेहतर कारोबार करने वाले रामू रामदेव का कहना है कि जयपुर आर्ट फेस्टिवल का आयोजन करने वाले बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। इस आयोजन के बाद न केवल आर्ट सिटी के रूप में जयपुर का दर्जा और बढ़ेगा अपितु विस्त स्तर पर भी जयपुर के कला जगत को अलग पहचान मिलेगी। भले ही कुद कलाकारों और आयोजकों के बीच नियमों और शर्तोंं को लेकर मतभेद रहें हों लेकिन कुल मिलाकर यह आयोजन कला जगत के लिए शुभ होगा। हर बड़े आयोजन में कुछ खामियां रह जाती हैं, उन्हें अगले आयोजन में दूर किया जा सकता है, लेकिन बड़े उद्देश्य को लेकर किए जा रहे ऐसे कला यज्ञ में सभी को अपने सामथ्र्य के अनुसार आहुति देनी चाहिए। ऐसे शुभ आयोजन में भाग लेकर अपना समय देकर सृजन करने वाले सभी बधाई के पात्र हैं। ऐसे में इस आयोजन से कोई आर्थिक लाभ पाने की उम्मीद से कहीं परे मैं अपने दलबल और साथी कलाकारों के साथ कला को खुले दिल से बांट रहा हूं और खुश हूं। बाकी तो आप जानते ही हैं- 'कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना...।
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