अब बदलेगा कला, संस्कृति की अफसरशाही का परिदृश्य
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान की राजनीति में भाजपा की आंधी आने के बाद कला और संस्कृति से जुड़ी अफसरशाही और राजनैतिक नियुक्तियों में बड़ा उलटफेर होने वाला है। कांग्रेस सरकार के पतन के साथ ही ललित कला अकादमी सहित विभिन्न अकादमियों के अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया है। विभिन्न संबंधित विभागों के आइएएस और आरएएस भी अपना सामान समेटने लगे हैं। इक्का-दुक्का अफसरों को छोड़ दिया जाए तो अब वसुंधरा सरकार 'सारे घर के बदलने' को आमादा है।
कौन होगा मंत्री
यह समाचार लिखे जाने तक भाजपा मुख्यालय में चल रही बातों के अनुसार 13 दिसम्बर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में मात्र सात मंत्रियों को शपथ दिलाए जाने की तैयारी चल रही है। कला और संस्कृति तथा पर्यटन विभाग पहले कुछ दिनों तक मुख्यमंत्री स्वयं अपने पास रखने का विचार व्यक्त कर चुकी हैं, लेकिन प्रचंड बहुमत के साथ विधानसभा तक पहुंचे विभिन्न राजघरानों से जुड़े जनप्रतिनिधियों की नजर इस मंत्रालय पर है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही पयर्टन व संस्कृति मंत्री के रूप में जयपुर या बीकानेर से किसी एक राजघराने को यह मंत्रालय मिल सकता है। सवाईमाघोपुर से जीतीं जयपुर राजघराने की दीया कुमारी की संभावनाएं अधिक लग रही हैं।
कौन होंगे अफसर
सचिवालय में मुख्य सचिव के रूप में काफी कड़क माने जाने वाले राजीव महर्षि का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। अब तक कांग्रेस सरकार के चलते वे प्रदेश के बाहर ही रहे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के संजय मल्होत्रा और तन्मय कुमार भी मैडम की पसंद में शामिल हैं। बदलाव के बाद इन्हें न केवल आइएएस लॉबी को बेहतर हैंडल करना होगा वरन बदलाव को महसूस भी करना होगा। ऐसे में कला और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में किरण सोनी गुप्ता के स्थान पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी यादवेन्द्र माथुर को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि कला क्षेत्र की अधिक अनुभवी अदिति मेहता अधिक वरिष्ठ हैं, लेकिन उन्हें भी अब कला संस्कृति विभाग का भला करने के लिए चुना जा सकता है। एक लॉबी अभी उन्हें आगे लाने की सिफारिश में सक्रीय है।
रंगमंच और प्राधिकरण
रवीन्द्र मंच का मूलभूत ढांचा बदलने में जुटी आरएएस अधिकारी नीतू राजेश्वर के बदले जाने की संभावना भी प्रबल है। हालांकि उन्हें समर्थ माना जा रहा है, लेकिन उन्हें सरकार को कर्मचारियों से लेकर कम्यूनिकेशन स्तर तक अधिक कड़ा रवैया अपनाने वाला अधिकारी होने के संकेत देने होंगे। प्राधिकरण में अभी अहमद बने रहेंगे यही लगता है। कांग्रेस सरकार में बीना काक की पसंद और शांति धारीवाल की मर्जी के चलते वे इस पद पर रहे और अब सीधे भावी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बेहतर संबंधों के कारण वे इसी पद पर बने रह सकते हैं।
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान की राजनीति में भाजपा की आंधी आने के बाद कला और संस्कृति से जुड़ी अफसरशाही और राजनैतिक नियुक्तियों में बड़ा उलटफेर होने वाला है। कांग्रेस सरकार के पतन के साथ ही ललित कला अकादमी सहित विभिन्न अकादमियों के अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया है। विभिन्न संबंधित विभागों के आइएएस और आरएएस भी अपना सामान समेटने लगे हैं। इक्का-दुक्का अफसरों को छोड़ दिया जाए तो अब वसुंधरा सरकार 'सारे घर के बदलने' को आमादा है।
कौन होगा मंत्री
यह समाचार लिखे जाने तक भाजपा मुख्यालय में चल रही बातों के अनुसार 13 दिसम्बर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में मात्र सात मंत्रियों को शपथ दिलाए जाने की तैयारी चल रही है। कला और संस्कृति तथा पर्यटन विभाग पहले कुछ दिनों तक मुख्यमंत्री स्वयं अपने पास रखने का विचार व्यक्त कर चुकी हैं, लेकिन प्रचंड बहुमत के साथ विधानसभा तक पहुंचे विभिन्न राजघरानों से जुड़े जनप्रतिनिधियों की नजर इस मंत्रालय पर है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही पयर्टन व संस्कृति मंत्री के रूप में जयपुर या बीकानेर से किसी एक राजघराने को यह मंत्रालय मिल सकता है। सवाईमाघोपुर से जीतीं जयपुर राजघराने की दीया कुमारी की संभावनाएं अधिक लग रही हैं।
कौन होंगे अफसर
सचिवालय में मुख्य सचिव के रूप में काफी कड़क माने जाने वाले राजीव महर्षि का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। अब तक कांग्रेस सरकार के चलते वे प्रदेश के बाहर ही रहे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के संजय मल्होत्रा और तन्मय कुमार भी मैडम की पसंद में शामिल हैं। बदलाव के बाद इन्हें न केवल आइएएस लॉबी को बेहतर हैंडल करना होगा वरन बदलाव को महसूस भी करना होगा। ऐसे में कला और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में किरण सोनी गुप्ता के स्थान पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी यादवेन्द्र माथुर को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि कला क्षेत्र की अधिक अनुभवी अदिति मेहता अधिक वरिष्ठ हैं, लेकिन उन्हें भी अब कला संस्कृति विभाग का भला करने के लिए चुना जा सकता है। एक लॉबी अभी उन्हें आगे लाने की सिफारिश में सक्रीय है।
रंगमंच और प्राधिकरण
रवीन्द्र मंच का मूलभूत ढांचा बदलने में जुटी आरएएस अधिकारी नीतू राजेश्वर के बदले जाने की संभावना भी प्रबल है। हालांकि उन्हें समर्थ माना जा रहा है, लेकिन उन्हें सरकार को कर्मचारियों से लेकर कम्यूनिकेशन स्तर तक अधिक कड़ा रवैया अपनाने वाला अधिकारी होने के संकेत देने होंगे। प्राधिकरण में अभी अहमद बने रहेंगे यही लगता है। कांग्रेस सरकार में बीना काक की पसंद और शांति धारीवाल की मर्जी के चलते वे इस पद पर रहे और अब सीधे भावी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बेहतर संबंधों के कारण वे इसी पद पर बने रह सकते हैं।
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