रविवार, 28 दिसंबर 2008

एतिहासिक महल का सौदा

‘‘कह रहे हैं गैरते कौमी से टूटे बाम-ओ-दर, फिर तुम्हारे सामने लुट जाएगा सरवर का घर”...किसी शायर ने यह शेर हजरत इमाम हुसैन के संदर्भ में कहा था, जिनका घर करबला में दुश्मनों ने नष्ट कर दिया था। यही कारण है कि शिया मुस्लिम मानते हैं कि जो संपत्ति वक्फ को दे दी गई, वह इमाम हुसैन की हो गई। पर यहां हालत उलटी है। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अलमबरदारों ने सांठगांठ कर फैजाबाद के ऐतिहासिक ‘मोतीमहल’ (बहूबेगम का आवास) का ही सौदा महज एक लाख रुपए में कर डाला। मोतीमहल कोई साधारण इमारत नहीं है। तत्कालीन अवध की राजधानी फैजाबाद के चौक इलाके में बीस एकड़ में फैले मोतीमहल में राजमाता का दर्जा प्राप्त बहूबेगम निवास करती थीं।बहूबेगम नवाब शुजाउद्दौला की पत्नी और विश्वप्रसिद्घ ‘आसिफ का इमामबाड़ा’ बनवाने वाले नवाब आसिफुद्दौला की मां थीं। उनका असली नाम उमतुल जेहरा बेगम था और उनका पालन-पोषण मुगल सम्राट मोहम्मद शाह ने अपनी बेटी की तरह किया था, क्योंकि उनके पिता और मुगल सल्तनत के मंत्री मोहम्मद इश्हाक खान सरकारी फर्ज को अंजाम देते हुए कत्ल कर दिए गए थे। अब जरा दास्ताने शिया वक्फ बोर्ड पर गौर करें। यहां के जिम्मेदार लोगों ने मोतीमहल के मुतवल्ली तबील अब्बास के साथ मिलकर ऑल इण्डिया माइनोरिटीज वेलफेयर एक्शन ग्रुप नामक संस्था को एक लाख एक हजार एक सौ एक रुपए के एवज में इसका पट्टा इस आशय के साथ करा दिया, कि यह संस्था वहां बहूबेगम की यादों को महफूज रखेगी। अभी चेक का भुगतान भी नहीं हुआ था कि वहां कब्जा करा दिया गया और बहूबेगम की यादों को महफूज रखने के इरादे से तमाम इमारती सामान सीमेंट, बालू, मौरंग आदि पहुंच गए और निर्माण भी शुरू हो गया। इस बीच फैजाबाद के इमाम और इमामे जुमा इबे हसन ने मामले की शिकायत कर दी। चूंकि मामला एक ऐतिहासिक संरक्षित इमारत का था, लिहाजा फैजाबाद के जिलाधिकारी अनिल गर्ग ने एडीएम सिटी एन. लाल को जांच सौंप दी।जानकारों का कहना है कि मोतीमहल का तमाम बेशकीमती सामान भी गायब कर दिया गया है। जिसमें फानूस, झाड, आदमकद शीशे, नक्काशीदार पलंग और बहूबेगम के इस्तेमाल में आने वाली तमाम धरोहरें शामिल थीं।इधर शिया वक्फ बोर्ड में बतौर सदस्य फैजाबाद का कार्य देखने वाले अब्बास अली जैदी उर्फ रुश्दी मियां (रुदौली से सपा विधायक) ने ‘आईएएनएस’ को बताया कि तकरीबन एक हफ्ते पहले से जामिन नाम के एक व्यक्ति की ओर से मोतीमहल की जर्जर हो रही चहारदीवारी की मरम्मत करने की पेशकश आई थी, जिसे उन्होंने नियमानुसार कार्यवाही के लिए बोर्ड के सीईओ को भेज दिया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह और कुछ नहीं जानते। अलबत्ता उन्होंने कहा कि वे सीईओ से इस मामले में रिपोर्ट तलब करेंगे।

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