मूमल नेटवर्क, जयपुर। देर से ही सही जयपुर के कला जगत को दिल्ली के 'दामिनी' गैंगरेप के खिलाफ गुस्सा आया। कला संस्थान 'चित्रभूमि...ए आर्ट स्पेस' से जुड़े कला शिक्षकों और उनके विद्यार्थियों ने आज 23 जनवरी को जयपुर मे राजस्थान विश्व विद्यालय के मुख्य द्वार पर अपने आर्ट प्रोजेक्ट के जरिए अपना रोष व्यक्त किया। यहां शिल्पकार हंसराज कुमावत द्वारा तैयार बलात्कारियों के 6 पुतलों को उल्टा लटकाया गया। बलात्कारी दरिन्दों को भेडिय़ों के रूप में दर्शाया गया था। यहां अनेक छात्र-छात्राएं हाथों में तख्तियां लिए खड़े थे। इन तख्तियों पर बलात्कारियों को कड़ी सजा देने, महिलाओं के प्रति असामाजिक नजरिया बदलने और महिलाओं को वास्तविक आजादी दिए जाने की बातें लिखी थी।
अचानक बदल गया माहौल
विरोध प्रदर्शन का माहौल उस वक्त अचानक बदल गया जब कुछ छात्राओं ने भावुकता भरे रोष में पुतलों पर पत्थर और चप्पलें बरसानी शुरू कर दी। इस बीच कुछ छात्राएं समीप के अपने संस्थान से कुछ कोड़े ले आई और फिर बलात्कारियों के पुतलों पर हंटर बरसाने का जो क्रम शुरू हुआ वह दोपहर बाद तक चलता रहा। जब लड़कियां थकने लगीं तो कोड़े बरसाने के इस क्रम में विश्व विद्यालय के छात्र और आम राहगीर भी शामिल हो गए। इस बीच विश्व विद्यालय के सामने कई बार यातायात अवरुद्ध होने के आसार बने। स्थिति को देखते हुए मौके पर अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई। आधा दर्जन बलात्कारियों के भेडि़एनुमा पुतले तैयार करने में शिल्पकार हंसराज और उनके विद्यार्थियों को एक पखवाड़े का समय लगा। यह पुतले चित्रभूमि संस्थान के मीनावाला स्थित स्टूडियो में तैयार किए गए थे। इनमें विद्यार्थी मनीष गोलीमार, कुमारी अंजना, प्रतीक्षा, श्रुति, शिल्पा, ललिता, नैना और शिल्पा जैसे कई शिल्पी विद्यार्थियों का सहयोग रहा।
अचानक बदल गया माहौल
विरोध प्रदर्शन का माहौल उस वक्त अचानक बदल गया जब कुछ छात्राओं ने भावुकता भरे रोष में पुतलों पर पत्थर और चप्पलें बरसानी शुरू कर दी। इस बीच कुछ छात्राएं समीप के अपने संस्थान से कुछ कोड़े ले आई और फिर बलात्कारियों के पुतलों पर हंटर बरसाने का जो क्रम शुरू हुआ वह दोपहर बाद तक चलता रहा। जब लड़कियां थकने लगीं तो कोड़े बरसाने के इस क्रम में विश्व विद्यालय के छात्र और आम राहगीर भी शामिल हो गए। इस बीच विश्व विद्यालय के सामने कई बार यातायात अवरुद्ध होने के आसार बने। स्थिति को देखते हुए मौके पर अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई। आधा दर्जन बलात्कारियों के भेडि़एनुमा पुतले तैयार करने में शिल्पकार हंसराज और उनके विद्यार्थियों को एक पखवाड़े का समय लगा। यह पुतले चित्रभूमि संस्थान के मीनावाला स्थित स्टूडियो में तैयार किए गए थे। इनमें विद्यार्थी मनीष गोलीमार, कुमारी अंजना, प्रतीक्षा, श्रुति, शिल्पा, ललिता, नैना और शिल्पा जैसे कई शिल्पी विद्यार्थियों का सहयोग रहा।
1 टिप्पणी:
बहुत सही करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .
आप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
एक टिप्पणी भेजें