24वां अखिल भारतीय ध्रुवपद समारोह 5 से
मूमल नेटवर्क, जयपुर। दो दिवसीय 24वां अखिल भारतीय ध्रुवपद नाद-निनाद-विरासत समारोह 5 व 6 दिसम्बर को आयोजित होगा। यह समारोह केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली एवं इन्टरनेशनल ध्रुवपद धाम ट्रस्ट, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।जेकेके के कृष्णायन सभागार में सांयकालीन गायन-वादन की प्रस्तुतियां और सुबह के समय राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के भैरोंसिंह शेखावत सभागार में 'ध्रुवपद-परम्परा और प्रयोग' विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित की जायेगी। संगोष्ठी में सभी वरिष्ठ शिक्षाविद्, संगीत-समीक्षक, कलाकार एवं विचारक, मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखेंगे।
संगोष्ठी के वक्ता
संगोष्ठी में प्रथम दिवस 5 दिसम्बर को प्रो. केशव शर्मा (शिमला) एवं पं. विजयशंकर मिश्र, दिल्ली एवं दूसरे दिवस 6 दिसम्बर को उ. बहाउद्दीन डागर (मुम्बई) एवं प्रो. राजेश्वर आचार्य (वाराणसी) मुख्य वक्ता होगें।
यह होंगे गायन-वादन कार्यक्रम
पहले दिन 5 दिसम्बर को ध्रुवपदाचार्य पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग एवं धु्रवपद -गायिका डॉ. मधु भट्ट तैलंग के निर्देशन में उनके तीन दर्जन विद्यार्थी 'ध्रुवावृन्दगान' में प्रयोगवादी प्रस्तुतियों का नवाचार प्रस्तुत करेंगे।े जिसमें धु्रवपद-मूच्र्छनाओं व उनकी बन्दिशों सहित विशेषतौर पर समसामयिक परिप्रेक्ष्य पूर्व प्रधानमंत्री एवं कवि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पद्य-रचना 'आओ फिर से दिया जलायें' को धु्रवपद में पिरोकर प्रस्तुत करेगें, इसकी स्वर-रचना भट्ट की है। दूसरी प्रस्तुति डॉ. अश्विन दलवी का सुरबहार एवं अन्तिम प्रस्तुति जयपुर के सुपरिचित युवा धु्रवपद-गायक डॉ. श्यामसुन्दर शर्मा एवं ओमप्रकाश नायर धु्रवपद-गायन की जुगलबन्दी पेश करेंगें।
दूसरे दिन सायंकालीन प्रस्तुतियों के प्रारंभ में तानसेन सम्मान से नवाज़े गये पं. डालचन्द शर्मा मंगल वाद्य पखावज-वादन, मुम्बई से पधारी डॉ. राधिका उमड़ेकर विचित्र वीणा वादन एवं अन्तिम प्रस्तुति इलाहाबाद के दरभंगा घराने के पं. प्रेमकुमार मल्लिक के ध्रुवपद- गायन की होगी।
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