कलाएं एवं सौंदर्यबोध पर व्याख्यान सम्पन्न
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय केन्द में कल 22 जनवरी को जयपुर के डॉ राजेश कुमार व्यास ने- कलाएँ एवं सौंदर्यबौध विषय पर सोदाहरण व्याख्यान प्रस्तुत किया।अपने व्याख्यान में डॉ व्यास ने कलाओं के सौंदर्यबौध पर विस्तृत चर्चा की उनके अनुसार सौंदर्यबौध का अनुसंधान ही कला है। कलाकृति को देखने वाले कि दृष्टि में एक उसका अपना निजी सौंदर्यबौध होता है जिसके माध्यम से वह कला का आस्वादन करता है डॉ व्यास के अनुसार कलाकृति को देखने से मन में जो भाव घटित होता है वही उसका सौंदर्यबौध है और यही सौंदर्यबौध देखने वाले के मन पर ऐसा प्रभाव डालता है कि बार बार उस कलाकृति को देखने का भाव मन में आता है। सौंदर्यबौध ही किसी कलाकृति का प्राण तत्व होता है । डॉ व्यास ने अपने व्याख्यान में रबीन्द्रनाथ टेगोर, जे स्वामीनाथन जैसे दिग्गज कलाकारों कि कृतियों का समावेश किया । इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार प्रो. जय कृष्ण अग्रवाल, प्रभारी क्षेत्रीय सचिव राजेश कुमार शर्मा, अनेक कलाकार- ममता राभा, हबीब मुसावी , नीलम, प्रेम शंकर, शांतनु शास्त्री एवं स्कालर्स - सारिका, अंकित पंाडेय , पियाली पॉल , जगजीत रॉय आदि उपस्थित थे।