बुधवार, 23 जनवरी 2019

कलाएं एवं सौंदर्यबोध पर व्याख्यान सम्पन्न


कलाएं एवं सौंदर्यबोध पर व्याख्यान सम्पन्न
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय केन्द में कल 22 जनवरी को जयपुर के डॉ राजेश कुमार व्यास  ने- कलाएँ एवं सौंदर्यबौध विषय पर सोदाहरण व्याख्यान प्रस्तुत किया।
अपने व्याख्यान में डॉ व्यास ने कलाओं के सौंदर्यबौध पर विस्तृत चर्चा की उनके अनुसार सौंदर्यबौध का अनुसंधान ही कला है। कलाकृति को देखने वाले कि दृष्टि में एक उसका अपना निजी सौंदर्यबौध होता है जिसके माध्यम से वह कला का आस्वादन करता है डॉ व्यास के अनुसार कलाकृति को देखने से मन में जो भाव घटित होता है वही उसका सौंदर्यबौध है और यही सौंदर्यबौध देखने वाले के मन पर ऐसा प्रभाव डालता है कि बार बार उस कलाकृति को देखने का भाव मन में आता है। सौंदर्यबौध ही किसी कलाकृति का प्राण तत्व होता है । डॉ व्यास ने अपने व्याख्यान में रबीन्द्रनाथ टेगोर, जे स्वामीनाथन जैसे दिग्गज कलाकारों कि कृतियों का समावेश किया । इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार प्रो. जय कृष्ण अग्रवाल,  प्रभारी क्षेत्रीय सचिव राजेश कुमार शर्मा, अनेक कलाकार- ममता राभा, हबीब मुसावी , नीलम, प्रेम शंकर, शांतनु शास्त्री एवं स्कालर्स - सारिका, अंकित पंाडेय , पियाली पॉल , जगजीत रॉय आदि उपस्थित थे।

सोमवार, 21 जनवरी 2019

ओपनिंग रशिया-19 में दिखी रशिया की रचनात्मकता

ओपनिंग रशिया-19 में दिखी रशिया की रचनात्मकता
मूमल नेटवर्क, जयपुर। कल 20 जनवरी से सिटी पैलेस म्यूजियम में रशिया के कलाकारों की रचपात्मकता को प्रदर्शित करती एग्जीबिशन ओपनिंग रशिया-19 की शुरुआत हुई। 5, जनवरी तक चलने वाली इस एग्जीबिशन में 40 कलाकारों की पेंटिग सजाई गयी है। प्रदर्शनी के समन्वयक हंसराज कुमावत ने बताया कि, प्रदर्शनी में रूस के स्टारिसता, पोक्रोव, रोस्तोव और व्लादिमिर सहित कई देशों की संस्कृति को दिखाया गया है। यह प्रदर्शनी भारत में रूस के अफानसीनिकितिन की पहली यात्रा के 550वीं वर्षगांठ को समर्पित है।
रशिया और भारत में कला संस्कृति के विभिन्न पक्षों को बढ़ावा देने के मकसद से इस प्रदर्शनी को श्रृंखलाबद्ध रूप से भारत के कई शहरों में प्रदर्शित किया जा रहा है। जयपुर से पहले यह दिल्ली और बीकानेर में प्रदर्शित हो चुकी है। और जयपुर के बाद कोटा, अजमेर और कोलकत्ता में प्रदर्शित की जाएगी।
रूस-भारत रचनात्मक यात्रा यहां भी
रूस व भारत के रचनात्मक यात्रा को दर्शाते हुए आगामी 2फरवरी से 9 फरवरी तक होटल आईटीसी राजपूताना में एक प्रदर्शनी का आयोजन होगा। यह देश-दुनिया के ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण संदेश पर आधारित होगी। अप्रेल में इंडो रशियन रेजीडेंसी कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें भारत व रशिया के कलाकार लाईव पेंटिंग करेंगे।

शनिवार, 5 जनवरी 2019

सिन्धी अकादमी पुरस्कारों हेतु प्रविशिष्टयां आमंत्रित

सिन्धी अकादमी पुरस्कारों हेतु प्रविशिष्टयां आमंत्रित
मूमल नेटवर्क,जयपुर। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संर्वद्धन हेतु विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत सिन्धी विभूतियों/सिन्धी संस्थाओं को अकादमी पुरस्कारों के लिए आमन्त्रित करती है। अकादमी आयोजित वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह में चयनित व्यक्तियों व संस्थाओं को सम्मानित किया जायेगा।
अकादमी सचिव ईश्वर मोरवानी ने बताया कि अकादमी द्वारा निम्न राज्य स्तरीय पुरस्कार/सम्मान हेतु सिन्धी संस्थाओं/व्यक्तियों से विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित विशिष्ट उपलब्धियों के लिये 31 दिसम्बर तक प्रस्ताव/आवेदन आमंत्रित किये गये थे, जिसकी अन्तिम तिथि 31 जनवरी तक बढ़ाई गई है।
इन सम्मानों के लिए करें आवेदन
सामी सम्मान-साहित्यकारों को उनके जीवन काल में सिन्धी साहित्य के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों हेतु।
साधु टी.एल. वासवाणी सम्मान-सिन्धी संस्था/व्यक्ति द्वारा सिन्धी भाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु। भगत कंवरराम सम्मान-सिन्धी संस्था/व्यक्ति को सिन्धी संगीत, नृत्य, नाटक एवं भगत विधा में उल्लेखनीय योगदान हेतु।
सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन सम्मान-सिन्धी संस्था/व्यक्ति को सिन्धु संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय योगदान हेतु।
हेमूं कालाणी सम्मान-25 वर्ष तक के सिन्धी युवा को वीरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु।
उक्त पुरस्कार/सम्मान हेतु सिन्धी संस्थाओं/व्यक्तियों को आवेदन के साथ किये गये कार्यों/उपलब्धियों की प्रमाणिकता के लिये आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर आवेदन करना होगा। निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।

गुरुवार, 3 जनवरी 2019

मुकेश की मीनाकारी को मिला सम्मान

मुकेश की मीनाकारी को मिला सम्मान
मूमल नेटवर्क, जयपुर। बीते दिनों जयपुर में आयोजित जेजेएस में मीनाकारी में दक्षता के लिए जयपुर के युवा मुकेश मीनाकार को सम्मानित किया गया। आर्टिजन्स अवार्ड के रूप उन्हें 50 हजार रुपए की नकद राशि से सम्मानित किया गया। मुकेश को यह सम्मान कुन्दन मीनाकारी में प्रवीणता के चलते प्रदान किया गया।
उल्लेखनीय है कि मुकेश मीनाकार को मीनाकारी की कला अपने पिता से प्राप्त हुई है। आभूषणों के साथ मुकेश का रुझान मीनाकारी के आर्टिक्लस बनाने में भी है। मुकेश द्वारा बनाए गए कुन्दन मीनाकारी के आर्टिकल्स व आभूषणों में उनकी युवा सोच स्पष्ट नजर आती है। बेहतरीन मीनाकारी के लिए मुकेश को पूर्व में भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।