बुधवार, 11 मार्च 2020

ललित कला अकादमी द्वारा 61 वें वार्षिक कला पुरस्कारों से सम्मानित कृतियां व कलाकारों का विवरण

ललित कला अकादमी द्वारा 61 वें वार्षिक कला पुरस्कारों से सम्मानित कृतियां व कलाकारों का विवरण 
अनूप मनजुखी गोपी (त्रिसुर, केरल) 


डेविड मालाकर (कोलकाता, पश्चिम बंगाल)

देवेंद्र कुमार खरे (वडोदरा, गुजरात)

दिनेश पंड्या (मुंबई, महाराष्ट्र)

फारूक अहमद हालदर (24 परगना, कोलकाता,पश्चिम बंगाल)
 
हरि राम कुंभावत (जयपुर, राजस्थान) 

केशरी नंदन प्रसाद (जयपुर, राजस्थान) 


मोहन कुमार टी (बेंगलुरू, कर्नाटक) 


रतन कृष्ण साहा (मुंबई, महाराष्ट्र)

 
सागर वसंत काम्बले (मुंबई, महाराष्ट्र) 


सतविंदर कौर (नई दिल्ली)

 
सुनील तिरूवयुर (अर्नाकुलम, केरल) 


तेजस्वी नारायण सोनावणे (शोलापुर, महाराष्ट्र) 


यशपाल सिंह(दिल्ली)


यशवंत सिंह (दिल्ली)



वार्षिक ललित कला अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए कलाकार

वार्षिक ललित कला अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए कलाकार
राजस्थान के हरिराम कुम्भावत और केशरी नंदन प्रसाद हुए सम्मानित
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 15 मेधावी कलाकारों को 61 वें वार्षिक ललित कला अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर ललित कला अकादमी की दीर्घाओं में वार्षिक कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जो 22 मार्च तक चलेगी।
राष्ट्रीय प्रदर्शनी में विशेष आमन्त्रित श्रेणी के अन्र्तगत अंजलि इला मेनन, परमजीत सिंह, अर्पिता सिंह, गोगी सरोजपाल, स्वर्गीय जॉन फर्नाडेज़ एवं वासुदेव कामत जैसे जानेमाने कलाकारों की कलाकृतियां भी प्रदर्शित की गयी हैं।
सम्मानित कलाकार:
अनूप मनजुखी गोपी (त्रिसुर, केरल) डेविड मालाकर (कोलकाता, पश्चिम बंगाल), देवेंद्र कुमार खरे (वडोदरा, गुजरात), दिनेश पंड्या (मुंबई, महाराष्ट्र),फारूक अहमद हालदर (24 परगना, कोलकाता,पश्चिम बंगाल), हरि राम कुंभावत (जयपुर, राजस्थान), केशरी नंदन प्रसाद (जयपुर, राजस्थान), मोहन कुमार टी (बेंगलुरू, कर्नाटक), रतन कृष्ण साहा (मुंबई, महाराष्ट्र) सागर वसंत काम्बले (मुंबई, महाराष्ट्र), सतविंदर कौर (नई दिल्ली), सुनील तिरूवयुर (अर्नाकुलम, केरल), तेजस्वी नारायण सोनावणे (शोलापुर, महाराष्ट्र), यशपाल सिंह(दिल्ली) और यशवंत सिंह (दिल्ली)।
अकादमी पुरस्कार के लिए कलाकारों का चयन देश के बेहतरीन कलाकारों एवं समीक्षकों की नामित चयन समिति अर्थात ज्यूरी द्वारा किया गया है। ज्यूरी ने प्राथमिक चयन समिति द्वारा छांटी गई कुल 283 कलाकृतियों का गुणवत्ता के आधार पर निरपेक्ष मूल्यांकन करके उक्त 15 कलाकारों का चयन किया।



बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

सीडब्ल्यूईआई का दो दिवसीय सेमीनार

सीडब्ल्यूईआई का दो दिवसीय सेमीनार
हावी रहा जीआई का मुद्दा
मूमल नेटवर्क, जयपुर। जेकेके के रंगायन में कल 26 फरवरी को कन्सोर्टियम ऑफ वुमन आंत्रप्रिन्योर्स ऑफ इण्डिया के दो दिवसीय सेमीनार की शुरुआत हुई। जयपुर की फर्म मैसर्स एम्पोरिया डीआर के सहयोग व संयोजन से हो रहे सेमीनार के पहले दिन जीआई के मुद्दे की सरगर्मियां रही। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में ऑल इण्डिया प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रेसिडेंट श्रीमती रुक्षमणी कुमारी ने शिल्पियों को सम्बोधित किया।
पारम्परिक शिल्पियों की जीआई (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन)से सम्बन्धित जिज्ञासाओं व प्रश्रों का जवाब सीनियर अटॉर्नी श्रीमती शिल्पी झा ने दिया। कार्यक्रम की शुरुआत मैसर्स एम्पोरिया डीआर के डायरेक्टर श्री दीपक सांकित ने कार्यक्रम के परिचय के साथ की। सीडब्ल्यूईआई की चेयरपर्सन शशि सिंह ने शिल्पियों को जानकारी दी कि बाजार में उतरने से पहले अपने शिल्प उत्पादों का ट्रेड मार्क बनाना आवश्यक है। ट्रेडमार्क से कई व्यावसासियक समस्याओं का निस्तारण किया जा सकता है। सेमीनार में राजस्थान स्टूडियो के श्री कार्तिक के साथ श्रीमती लीला बोरडिया, व श्रीमती मृदुला चन्दर ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर पद्मश्री शाकिर अली, पद्मश्री तिलक गीताई सहित जयपुर के नामचीन शिल्पी उपस्थित थे।

मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

अवध आर्ट फस्टिवल 2020 में जयपुर आर्ट समिट के रंग

अवध आर्ट फस्टिवल 2020 में जयपुर आर्ट समिट के रंग
सृजन पर चर्चा में जयपुर आर्ट समिट के निदेशक एस.के. भट्ट
मूमल नेटवर्क, लखनऊ। ललित कला अकादमी के रीजनल सेन्टर पर आज से अवध आर्ट फेस्टिवल 2020 का आगाज़ हो रहा है। फेस्टिवल में  40 कलाकारों की 150 से अधिक कृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें कला की विभिन्न विधाओं के साथ  दिल्ली, बंगाल, आसाम, बंैगलोर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा व राजस्थान सहित देशभर के कलाकारों की भागीदारी रहेगी।
फेस्टिवल में सृजन पर चर्चा के कार्यक्रम के तहत कला जगत के जाने माने हस्ताक्षर अपने विचार व्यक्त  करेंगे। चर्चा का विषय है: रचनात्मकता एक देशी जुबान है। इस चर्चा में जयपुर आर्ट समिट के संस्थापक निदेशक, कला समीक्षक व ब्लॉगर श्री शैलेन्द्र भट्ट, नाद रंग के संपादक व कवि श्री आलोक पराडकर, फैडेरेशन ऑफ इंडियन फोटोग्राफी के अध्यक्ष व प्रसिद्ध छाया चित्रकार श्री अनिल रिसाल सिंह तथा बंगाल आर्ट फाउण्डेशन के निदेशक व कलाकार श्री अशोक राय अपनी उपस्थिति देंगे।
शहर में यह अफोर्डेबल आर्ट फेयर का दूसरा संस्करण है जिसका संयोजन आर्टिस्ट कीर्ति साहू कर रहे हैं। फेस्टिवल का समापन 3 मार्च को होगा।

सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

कन्यादह फिर चर्चा में


कन्यादह फिर चर्चा में
मूमल नेटवर्क, जयपुर। जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में आयोजित समानांतर साहित्य उत्सव में वरिष्ठ पत्रकार राहुल सेन लिखित उपन्यास कन्यादह पर चर्चा हुई। कला पर अपने कोटेशन्स के कारण प्रसिद्धि में आई इस पुस्तक ने एक बार फिर कला जगत को चर्चा स्थल पर एकत्रित किया। प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा आयोजित इस उत्सव के मंच किताब गुवाड़ी में 'कन्यादह' पर खुली चर्चा करने के लिए लेखक के साथ कला इतिहासकार व सिटी पैलेस म्यूजियम की डायरेक्टर डॉ. रीमा हूजा व जाने-माने कलाकार श्री रामकिशन अडिग उपस्थित थे। 
चर्चा के दौरान लेखक से पूछे गए बेबाक सवालों और जवाबों ने उपस्थित जन को रोमांचित व प्रभावित किया। खुली चर्चा के बीच अंतत: कन्यादह के कई पहलुओं का खुलासा हुआ। विशेषकर कला जगत की स्थिति व उसमें व्यापत दड़ेबंदी और राजनीति का बेबाकी से उल्लेख हुआ।
कन्यादह की चर्चा को सुनने के लिए कई प्रबुद्धजन उपस्थित थे जिनमें जयपुर आर्ट समिट के डायरेक्टर श्री एस. के. भट्ट, वरिष्ठ कलाकार श्री आर.बी गौतम व समिट की प्रशासनिक टीम, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट की पूर्व प्रिंसिपल डॉ. प्रतिभा यादव, वरिष्ठ चित्रकार डॉ. जगमोहन माथोडिय़ा, डॉ. रीता पाण्डे, श्रीमती पूर्णिमा कौल, डॉ. विवेकानन्द गोस्वामी, मै. एम्पोरिया डी.आर के डायरेक्टर श्री दीपक सांकित, इनरव्हील क्लब की पूर्व गवर्नर श्रीमती रश्मि मिश्रा व अन्य सम्माननीय अतिथि शामिल थे। उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक का विमोचन जयपुर आर्ट फेस्टिवल में किया गया था।

सोमवार, 12 अगस्त 2019

दिल्ली समसामयिक कला सप्ताह का आगाज एक सितंबर से

दिल्ली समसामयिक कला सप्ताह का आगाज एक सितंबर से 
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। अंजू और अतुल डोडिया, अनोली परेरा, तैयबा बेगम लिपि, रवि अग्रवाल और जी आर ईराना सहित अंतरराष्ट्रीय समसामयिक भारतीय कलाकारों की 50 से अधिक कलाकृतियां दिल्ली समसामयिक कला सप्ताह (डीसीएडब्ल्यू) के तीसरे संस्करण में प्रदर्शित की जाएंगी। एक सितंबर से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में स्थापित और उभर रहे कलाकारों की दक्षिण एशिया में समसामयिक कलाकृतियों को पेश किया जाएगा। यहां विजुअल आट्र्स गैलरी में होने वाला कार्यक्रम एक सप्ताह चलेगा।
आयोजकों ने एक बयान में बताया कि इसमें ऐसे कलाकार भाग लेंगे जो हमारे दौर में तेजी से बदल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर, अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी, परिदृश्य और पहचान की राजनीति से जुड़े काम को पेश करेंगे। इसमें जगन्नाथ पांडा, सचिन जॉर्ज सेबास्टियन, सुजीत, विपेक्षा गुप्ता, कुमारेसन सेल्वाराज, सुनोज डी, गिहान करुणारत्ने, महबूबुर रहमान, नूर अली चगानी, प्रज्ज्वल चौधरी, राधिका अग्रवाल, श्वेता भट्टड, अरुणकुमार एचजी, पुनीत कौशिक और मंजूनाथ कामत भी भाग लेंगे।

2.8 करोड़ की बिक्री हुई ताज पैलेस कला नीलामी में

2.8 करोड़ की बिक्री हुई ताज पैलेस कला नीलामी में 
मूमल नेटवर्क, नई दिल्ली। ताज ग्रुप ऑफ  होटल्स की 115वीं वर्षगांठ के अवसर पर, दिल्ली के प्रतिष्ठित 5-सितारा होटल ताज पैलेस ने भारतीय आधुनिक और समकालीन कला की एक आकर्षक लाइनअप की नीलामी के माध्यम से 2.8 करोड़ रुपये जुटाए।  इसमें से 40 फीसदी हिस्सा ताज पब्लिक सर्विस वेलफेयर ट्रस्ट को दान किया गया। होटल ने कल शनिवार 11 अगस्त को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। यह ट्रस्ट आतंकवाद, प्राकृतिक आपदा के पीडि़तों और सशस्त्र बलों के सदस्यों की मदद करता है, ताकि उनके जीवन के पुनर्निर्माण में मदद मिल सके। नीलामी से एकत्र रकम का बाकी 60 फीसदी हिस्सा डीएजी के पास जाएगा।
आर्ट गैलरी के डीएजी कलेक्शन में अमृता शेरगिल, एफ.एन. सूजा, एम.एफ. हुसैन, एस.एच. रजा, जैमिनी रॉय, के.एच.अरा, सोहन कादरी और शक्ति बर्मन की चित्रकृतियों की नीलामी की गई। शुक्रवार 10 अगस्त को हुई नीलामी में शेरगिल (1913-41) की एक अनाम ग्रेफाइट-ऑन-पेपर पेटिंग 70 लाख रुपये में बिकी। वहीं, विश्व प्रसिद्ध कलाकार एम.एफ. हुसैन (1913-2011) की 1982 की वॉटरकलर पेंटिंग - 'दैट ऑबस्कियोर ऑब्जेक्ट ऑफ डिजायर' 22 लाख में बिकी।
ताज की इस लाइव नीलामी 'ऑर्ट फ्राम द हार्ट' में कोई रिजर्व नहीं था और ना ही बायर्स प्रीमियम रखा गया था। डीएजी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष आनंद न कहा कि, प्रत्येक काम को भारतीय कला के व्यापक स्वरूप को दर्शाने के लिए चुना गया है। इस सेलेक्शन को क्यूरेट करने के दौरान हमने यह सुनिश्चित किया कि नीलामी के चुनी जा रही पेंटिंग्स विभिन्न अवधि का प्रतिनिधित्व करें (1952 से 2005 तक)। और ये काम अलग-अलग माध्यमों के हैं, और इनकी शैली लाक्षनिक से अमूर्त तक, मनुष्य से लेकर परिदृश्य तक और लोक आधुनिकतावाद से उच्च आधुनिकतावाद तक है।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है)
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