शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

Bani Thani बणी-ठणी: दर्शन व विवेचन

राजस्थान की 'मोनालिसा' कहाने वाली किशनगढ़ की कृति 'बणी-ठणी' के बारे में विस्तार जानिए...
मूमल के इस अंक की ई-कॉपी पाने के लिए अपनी मेल का पता नीचे टिप्पणी में दें।


मूमल के इस अंक की ई-कॉपी पाने के लिए अपनी मेल का पता नीचे टिप्पणी में दें।

14 टिप्‍पणियां:

  1. किशनगढ़ ख्यातिलब्ध साहित्यकार महाराजा सावंतसिंह की पासवान “बनीठनी” उत्तम कोटि की कवयित्री और भक्त-हृदया नारी थी| अपने स्वामी नागरीदास की भांति ही बनीठनी की कविता भी अति मधुर, हृदय स्पर्शी और कृष्ण-भक्ति अनुराग के सरोवर है| वह अपना काव्य नाम “रसिक बिहारी” रखती थी| रसिक बिहारी का ब्रज, पंजाबी और राजस्थानी भाषाओँ पर सामान अधिकार था| रसीली आँखों के वर्णन का एक पद उदाहरणार्थ प्रस्तुत है-
    रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ |
    प्रेम छकी रस बस अलसारणी, जाणी कमाल पांखड़ियाँ |
    सुन्दर रूप लुभाई गति मति हो गई ज्यूँ मधु मांखड़ियाँ|
    रसिक बिहारी वारी प्यारी कौन बसि निसि कांखड़ियाँ||
    रसिक प्रिया ने श्रीकृष्ण और राधिका के जन्म, कुञ्ज बिहार, रास-क्रीड़ा, होली, साँझ, हिंडोला, पनघट आदि विविध लीला-प्रसंगों का अपने पदों में वर्णन किया है| कृष्ण राधा लीला वैविध की मार्मिक अभिव्यक्ति पदों में प्रस्फुटित हुई है| एक सांझी का पद इस प्रकार पाठ्य है-
    खेले सांझी साँझ प्यारी|
    गोप कुंवरि साथणी लियां सांचे चाव सों चतुर सिंगारी||
    फूल भरी फिरें फूल लेण ज्यौ भूल री फुलवारी| रहया ठग्या लखि रूप लालची प्रियतम रसिक बिहारी||
    प्रिय की अनुपस्थिति प्रिया के लिए कैसी कितनी पीड़ाप्रद और बैचेनी उत्पन्न करने वाली होती है, यह तथ्य एक पंजाबी भाषा के पद में प्रकट है-
    बहि सौंहना मोहन यार फूल है गुलाब दा| रंग रंगीला अरु चटकीला गुल होय न कोई जबाब दा|
    उस बिन भंवरे ज्यों भव दाहें यह दिल मुज बेताब|
    कोई मिलावै रसिक बिहारी नू है यह काम सबाब दा ||

    जवाब देंहटाएं
  2. “बनीठनी” पर एक लेख में राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार श्री सौभाग्य सिंह जी ने उपरोक्त विवरण लिखा था|
    आपकी पत्रिका देख “बनीठनी” के बारे में ज्यादा जानने की उत्सुकता हुई इसलिए कृपया निम्न ईमेल पते पर पत्रिका ईमेल संस्करण भिजवाने की कृपा करें -
    shekhawatrs@ymail.com

    Gyan Darpan

    जवाब देंहटाएं
  3. kirtisinghal1@yahoo.co.in
    pls send me pdf file of this "bani- thani".on my mail id.

    जवाब देंहटाएं
  4. shridwarkanath@gmail.com

    radhe radhe, pls send me pdf file of this "bani- thani".on my mail id

    regards
    sanjay sharma

    जवाब देंहटाएं
  5. please send me pdf of edition of the magazine having 'Bani Thani' description on meeranagarnagar@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  6. कृपया बणी ठणी वाले संस्करण ईमेल से उपलब्ध करा दें।
    आपका धन्यवाद
    herithart@email.com

    जवाब देंहटाएं